श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' खत्म हो रही है. राहुल गांधी ने लाल चौक पर तिरंगा फहरा दिया. इससे पहले राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा रविवार को श्रीनगर के पंथाचौक से आगे बढ़ी. सफेद टी-शर्ट पहने राहुल गांधी ने अपनी बहन एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के साथ पूर्वाह्न पौने ग्यारह बजे पदयात्रा शुरू की. इस दौरान, राष्ट्रीय ध्वज और कांग्रेस का झंडा थामे कांग्रेस के हजारों समर्थक भी राहुल और प्रियंका के साथ चलते हुए नजर आए. रविवार को 'भारत जोड़ो यात्रा' सात किलोमीटर की दूरी तय कर श्रीनगर के लाल चौक पहुंची. लाल चौक के आसपास के पूरे इलाके को सील कर दिया गया था.
लाल चौक के बाद 'भारत जोड़ो यात्रा' शहर के बुलेवार्ड क्षेत्र में नेहरू पार्क की तरफ बढ़ेगी, जहां 4,080 किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा का समापन हो जाएगा. यह यात्रा सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और देशभर के 75 जिलों से गुजर चुकी है. सोमवार को राहुल गांधी श्रीनगर में एमए रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में तिरंगा फहराएंगे, जिसके बाद एसके स्टेडियम में एक जनसभा आयोजित की जाएगी. इस जनसभा के लिए 23 विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है.
राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा को कश्मीर घाटी में लोगों का अच्छा खासा समर्थन मिल रहा है. 27 जनवरी को यात्रा के नव युग सुरंग को पार करने और कश्मीर घाटी में प्रवेश करने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने राहुल गांधी का स्वागत किया. भारत जोड़ो यात्रा जब चेरसू से आगे बढ़ी तो जगह-जगह महिला, बच्चों और बुजुर्गों समेत कई स्थानीय लोग भी श्रीनगर की ओर मेगा वॉकथॉन में उनके साथ पदयात्रा करते नजर आए.
ईटीवी भारत से बात करते हुए स्थानीय बुजुर्ग महिलाओं ने कहा कि वे राहुल गांधी को देखने के लिए काफी दूर से चलकर आई हैं. वह राहुल गांधी की एक झलक पाने के लिए बेताब हैं, जिसके लिए वह सुबह से ही बेसब्री से उनका इंतजार कर रही हैं. महिलाओं ने कहा कि उन्हें राहुल गांधी से काफी उम्मीदें हैं. वे कश्मीर घाटी की समस्याओं का समाधान निकालेंगे. उन्होंने कहा कि वह वर्तमान सरकार से तंग आ चुके हैं. जब से यह सरकार बनी है, तब से घाटी के लोग दमन और शोषण, महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं.
उन्होंने बताया कि अब सरकार उनसे उनकी जमीनें छीन रही है. इनके घरों को तोड़कर इन्हें बेघर कर रही है. सरकार की क्रूरता के कारण वे मानसिक तनाव में रहने लगे हैं. इसलिए उन्हें विश्वास है कि राहुल गांधी की यह यात्रा यहां की राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव लाएगी और यह यात्रा लोकतांत्रिक व्यवस्था को फिर से स्थापित करने में सहायक होगी. महिलाओं ने कहा कि वे यहां शांति, प्रगति और समृद्धि चाहती हैं और यह यात्रा यही संदेश लेकर आई है.
बता दें कि शनिवार को पार्टी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में जारी इस पदयात्रा में उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती शामिल हुईं, जिन्होंने इसे ‘खुली हवा में सांस लेने की पहल’ करार दिया. राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपुरा स्थित चेरसू से शनिवार सुबह करीब नौ बजकर 20 मिनट पर अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ फिर से शुरू की. एक दिन पहले पार्टी की ओर से सुरक्षा चूक का आरोप लगाने के बाद यात्रा को अनंतनाग जिले में अस्थाई रूप से रोक दिया गया था.
आरोपों पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा था कि जितने लोगों की उम्मीद थी, उससे कहीं अधिक भीड़ जुटने की वजह से सुरक्षा संसाधनों पर दबाव बढ़ गया और ऐसा प्रतीत हुआ कि राहुल गांधी की यात्रा के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं. हालांकि, शनिवार को पार्टी ने कहा कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और सुरक्षाबलों ने यात्रा शुरू होने के स्थान पर जाने वाली सभी सड़कों को सील कर दिया है और केवल अधिकृत वाहनों को ही जाने दिया जा रहा है. राहुल गांधी के आस-पास तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी.