नई दिल्ली: भारत जोड़ो यात्रा पंजाब पहुंची और वहां भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी पगड़ी और आधी बाजू की टी-शर्ट पहने नजर आए. उन्होंने फतेहगढ़ साहिब में मत्था भी टेका, जिस पर बीजेपी ने राहुल गांधी से 1984 में हुए दंगों में मारे गए सिखों को लेकर सवाल किया. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह ने राहुल गांधी के गुरुद्वारा फतेहसिंह साहिब में मत्था टेकने और पगड़ी पहनने पर सवाल उठाया.
उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में ऑर्गेनाइजर के रूप में कमलनाथ चल रहे और भी ऐसे लोग चल रहे, जिन्होंने जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार का दंगा करवाने में साथ दिया था और वो लोग आज गुरुद्वारे में जाकर दिखावा कर रहे हैं, मगर सिख समुदाय उन्हें कभी माफ नहीं करेगा. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह ने कहा की कांग्रेस के नेता जिन्होंने दंगे में मारे गए सिखों पर कहा था कि 'जो हो गया, सो हो गया'.
गांधी परिवार के ही प्रमुख सदस्य ने यहां तक कहा था कि बड़ा पेड़ गिरता है, तो लोग मरते ही हैं. क्या लगता है की गुरुद्वारा जाने से सिख समुदाय उनका पाप भुला देगा. उन्होंने कहा चाहे पंजाब में जोड़ तोड़ की कभी सरकार भले ही बन गई हो, मगर सिख उन्हें माफ नहीं करेगा, यही वजह है की लुधियाना के कांग्रेस ऑफिस में लोग पोस्टर लगाकर राहुल से जवाब मांग रहे.
ज्ञात हो की राहुल गांधी की यात्रा पंजाब चरण के कार्यक्रम के अनुसार, फतेहगढ़ साहिब में सरहिंद से शुरू होकर मंडी गोबिंदगढ़, खन्ना, साहनेवाल, लुधियाना, गोराया, फगवाड़ा, जालंधर, दसुआ और मुकेरियां से होते हुए आगे बढ़ेगी. इस दौरान राहुल गांधी जगह-जगह लोगों से मिल भी रहे हैं और पंजाब में एक रैली का भी आयोजन होना है. वहीं भाजपा के नेता आर पी सिंह ने मोहन भागवत की टिप्पणी पर एआईएमआईएम के नेता असद्दुदीन ओवैसी के जवाब पर टिप्पणी की.
उन्होंने कहा कि उनके बयानों को लोग गंभीरता से नहीं लेते और न ही उनके बयान संवेदनशील होते हैं, इसलिए वो उसे तवज्जो नहीं देना चाहते. दिल्ली में आगामी 30 जनवरी को होने वाले दोबारा महापौर चुनाव पर टिपण्णी करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा की उन्हें जनाधार मिला है, वो अपना मेयर बनाए मगर मनोनित सदस्यों को नियमों का पालन करते हुए शपथ लेने दें.
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आगे उन्होंने कहा कि क्या उन्हें अपने सदस्यों पर इतना भरोसा नहींकी वो हाथापाई तक सदन में करने उतार गए. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को लगता है कि उन्हीं के सदस्यों के बीच सहमति नहीं है, तभी आम आदमी पार्टी डरी हुई है.