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नई टीबी वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक ने बायोफैब्री के साथ मिलाया हाथ

भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि उसने टीबी के एक नए टीके के विकास, निर्माण और विपणन के लिए एक स्पेनिश बायो-फर्मास्यूटिकल फर्म बायोफैब्री के साथ साझेदारी की है. इससे उन देशों में टीबी के टीके की आपूर्ति की जा सकेगी, जहां टीबी जहां टीबी अपने अधिक मामलों के चलते एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है.

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Published : Mar 17, 2022, 2:19 PM IST

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भारत बायोटेक

हैदराबाद: कोरोना की वैक्सीन यानी कोवैक्सीन के लिए जानी जाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि उसने टीबी के एक नए टीके के विकास, निर्माण और विपणन के लिए एक स्पेनिश बायो-फर्मास्यूटिकल फर्म बायोफैब्री के साथ साझेदारी(Bharat Biotech Joins Hand With Biofabri) की है. कंपनी ने अपने बयान में कहा की यह साझेदारी 70 से अधिक देशों (जिसमें विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया और उप-सहारा अफ्रीका के देश शामिल हैं) में ट्यूबरकुलोसिस के लिए टीकों की आपूर्ति की गारंटी देगी.

नई टीबी वैक्सीन एमटीबीवीएसी(MTBVAC) का निर्माण और विकास, बायोफैब्री, जारागोजा विश्वविद्यालय, आईएवीआई(IAVI) और ट्यूबरकुलोसिस वैक्सीन इनिशिएटिव(TBVI) के सहयोग से किया जा रहा है. कंपनी ने कहा कि, भारत बायोटेक और बायोफैब्री के बीच यह समझौता, भविष्य में 70 से अधिक देशों में टीके का उत्पादन और आपूर्ति की गारंटी प्रदान करेगा. बता दें कि विश्व में टीबी के सभी मामलों के 25 प्रतिशत मरीज भारत में हैं. भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने कहा, हमें बायोफैब्री के साथ इस साझेदारी की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है, जिससे एमटीबीवीएसी(MTBVAC) एक वैश्विक टीबी वैक्सीन बन सकता है. उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन उम्मीदवार को नैदानिक ​​विकास के अपने उन्नत चरण के साथ-साथ चरण- I और चरण- II नैदानिक ​​​​परीक्षणों के आशाजनक परिणामों के कारण चुना है.

कंपनी ने कहा की तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका और मेडागास्कर में 2022 की दूसरी छमाही में शुरू होने की उम्मीद है. वहीं बायोफैब्री के सीईओ एस्टेबन रोड्रिग्ज ने कहा कि, 'भारत बायोटेक के साथ समझौता, एमटीबीवीएसी परियोजना में एक मील का पत्थर है. कंपनी का लक्ष्य पहले दिन से ही मध्यम और निम्न-आय वाले देशों में सस्ती कीमतों पर सभी के लिए टीका उपलब्ध कराना है.' उन्होंने यह भी कहा कि, भारत बायोटेक के साथ हस्ताक्षरित अनुबंध यह सुनिश्चित करता है की हमारा टीका भारत, इंडोनेशिया, फिलीपींस, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों तक पहुंचे, जहां टीबी अपने अधिक मामलों के चलते एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है.

यह भी पढ़ें-भारत बायोटेक और कोवैक्सीन पर दुर्भावनापूर्ण आलेख के मामले में तेलंगाना की अदालत ने फैसला सुनाया

सुचित्रा एला चुनी गईं सीआईआई-दक्षिणी क्षेत्र की अध्यक्ष

बायोटेक इंटरनेशनल, (भारत) की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) दक्षिणी क्षेत्र के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है. वर्ष 2022-23 में वह इस जिम्मेदारी को निभाएंगी. इससे पहले, वह सीआईआई-आंध्र प्रदेश अध्यक्ष और सीआईआई-दक्षिणी क्षेत्र की उपाध्यक्ष भी रह चुकीं हैं. इसके साथ ही वह सीआईआई नेशनल काउंसिल की सदस्य भी हैं. वहीं कमल बाली को वर्ष 2022-23 के लिए सीआईआई-दक्षिणी क्षेत्र के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया है. वह वर्तमान में वोल्वो ग्रुप इंडिया के अध्यक्ष-एमडी हैं. इससे पहले वे सीआईआई-कर्नाटक के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

हैदराबाद: कोरोना की वैक्सीन यानी कोवैक्सीन के लिए जानी जाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि उसने टीबी के एक नए टीके के विकास, निर्माण और विपणन के लिए एक स्पेनिश बायो-फर्मास्यूटिकल फर्म बायोफैब्री के साथ साझेदारी(Bharat Biotech Joins Hand With Biofabri) की है. कंपनी ने अपने बयान में कहा की यह साझेदारी 70 से अधिक देशों (जिसमें विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया और उप-सहारा अफ्रीका के देश शामिल हैं) में ट्यूबरकुलोसिस के लिए टीकों की आपूर्ति की गारंटी देगी.

नई टीबी वैक्सीन एमटीबीवीएसी(MTBVAC) का निर्माण और विकास, बायोफैब्री, जारागोजा विश्वविद्यालय, आईएवीआई(IAVI) और ट्यूबरकुलोसिस वैक्सीन इनिशिएटिव(TBVI) के सहयोग से किया जा रहा है. कंपनी ने कहा कि, भारत बायोटेक और बायोफैब्री के बीच यह समझौता, भविष्य में 70 से अधिक देशों में टीके का उत्पादन और आपूर्ति की गारंटी प्रदान करेगा. बता दें कि विश्व में टीबी के सभी मामलों के 25 प्रतिशत मरीज भारत में हैं. भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने कहा, हमें बायोफैब्री के साथ इस साझेदारी की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है, जिससे एमटीबीवीएसी(MTBVAC) एक वैश्विक टीबी वैक्सीन बन सकता है. उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन उम्मीदवार को नैदानिक ​​विकास के अपने उन्नत चरण के साथ-साथ चरण- I और चरण- II नैदानिक ​​​​परीक्षणों के आशाजनक परिणामों के कारण चुना है.

कंपनी ने कहा की तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका और मेडागास्कर में 2022 की दूसरी छमाही में शुरू होने की उम्मीद है. वहीं बायोफैब्री के सीईओ एस्टेबन रोड्रिग्ज ने कहा कि, 'भारत बायोटेक के साथ समझौता, एमटीबीवीएसी परियोजना में एक मील का पत्थर है. कंपनी का लक्ष्य पहले दिन से ही मध्यम और निम्न-आय वाले देशों में सस्ती कीमतों पर सभी के लिए टीका उपलब्ध कराना है.' उन्होंने यह भी कहा कि, भारत बायोटेक के साथ हस्ताक्षरित अनुबंध यह सुनिश्चित करता है की हमारा टीका भारत, इंडोनेशिया, फिलीपींस, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों तक पहुंचे, जहां टीबी अपने अधिक मामलों के चलते एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है.

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सुचित्रा एला चुनी गईं सीआईआई-दक्षिणी क्षेत्र की अध्यक्ष

बायोटेक इंटरनेशनल, (भारत) की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) दक्षिणी क्षेत्र के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है. वर्ष 2022-23 में वह इस जिम्मेदारी को निभाएंगी. इससे पहले, वह सीआईआई-आंध्र प्रदेश अध्यक्ष और सीआईआई-दक्षिणी क्षेत्र की उपाध्यक्ष भी रह चुकीं हैं. इसके साथ ही वह सीआईआई नेशनल काउंसिल की सदस्य भी हैं. वहीं कमल बाली को वर्ष 2022-23 के लिए सीआईआई-दक्षिणी क्षेत्र के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया है. वह वर्तमान में वोल्वो ग्रुप इंडिया के अध्यक्ष-एमडी हैं. इससे पहले वे सीआईआई-कर्नाटक के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

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