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नौकरी का झांसा देकर साइबर ठग बना रहे शिकार, जानें बचने के तरीके

हिमाचल में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. साइबर फ्रॉड करने वालों ने अब ठगी करने का एक और तरीका निकाला है. जिसमें ठगी करने वाले पहले लोगों को जॉब देने का ऑफर करते हैं फिर ठगी का शिकार बनाते है.

नौकरी के नाम पर ठगी
नौकरी के नाम पर ठगी
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Published : May 19, 2021, 8:03 AM IST

शिमला: हिमाचल में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. लगातार लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है, बावजूद इसके लोग बिना सोचे समझे इन लोगों के चुंगल में फंस जाते हैं. यहां यह बेहद जरूरी है कि बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल किया जाए, ताकि इस तरह के फ्रॉड के मामलों को रोका जा सके.

जानें बचने के तरीके

ज्यादातर मामलों में पुलिस के हाथ खाली

ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में ज्यादातर पुलिस के हाथ खाली ही रह जाते हैं. पुलिस जांच करती है, लेकिन फिर जांच में कुछ सामने नहीं आता. इस तरह के मामलों में छानबीन के लिए ज्यादा समय लगता है. ऐसे में समय के साथ पुलिस भी इन मामलों में ढिलाई बरती है और फिर आरोपी सलाखों के पीछे नहीं पहुंच पाते.

एक्सपर्ट ने बताए बचने के तरीके
एएसपी शिमला प्रवीर ठाकुर ने लोगों से अपील करते हुए कहा, ऐसे किसी भी प्रकार के प्रलोभन में ना आए और अपनी निजी जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें. आपको प्राप्त हुए अनावश्यक लिंक को क्लिक ना करें. साथ ही इन लिंक के माध्यम से ही साइबर ठग आपकी निजी जानकारी हासिल करके आपके साथ ठगी करते हैं और आपकी जमा पूंजी को हड़प जाते हैं तो ऐसे लोगों से सावधान रहना बहुत जरूरी है.

साइबर फ्रॉड से कैसे बचें.
साइबर फ्रॉड से कैसे बचें.

कैसे कर रहे हैं ठगी

पुलिस मुख्यालय को जो जानकारी मिली है. उसके अनुसार सरकारी नौकरी, अच्छी कंपनी में नौकरी या पार्ट टाइम नौकरी दिलाने का झांसा देकर साइबर अपराधी आम लोगों का निजी डाटा चुरा लेते हैं, जिसके बाद साइबर अपराधी लोगों के बैंक खाते, एटीएम से जुड़ी जानकारियां, पेमेंट भेजने के नाम पर मांगते हैं, इसके बाद खाते से पैसे की निकासी कर ली जाती है.

पढ़ें : साइबर ठगों का नया हथियार ऑक्सीजन, दवाई और मेडिकल उपकरण, सोशल मीडिया पर रहें सावधान

लोकल अखबारों में दिया जा रहा विज्ञापन

साइबर अपराधियों ने लोगों को नौकरी देने के लिए कुछ लड़कियों को नौकरी पर रखा है. लड़कियां मीठी-मीठी बातें कर बेरोजगारों को अपने जाल में फंसा लेती हैं. गूगल पर फर्जी नौकरियों का विज्ञापन जारी किया जाता है. जब बेरोजगार गूगल के माध्यम से नौकरी सर्च करते हैं, तब वे साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस जाते हैं.

कैसे बचें साइबर अपराधियों के इस चाल से

जब भी सरकारी नौकरी के विज्ञापन निकलते हैं, तो उसके लिए बकायदा सरकार की तरफ से हर अखबार में विज्ञापन दिया जाता है. इसके अलावा सरकार के अधिकारी और मंत्री भी घोषणा करते हैं. ऐसे में अगर कोई सरकारी विज्ञापन आप देखते हैं. पहले उसकी पूर्ण रूप से पड़ताल करें. किसी भी सरकारी नौकरी को ज्वाइन करवाने के लिए पैसे की डिमांड नहीं की जाती है. अगर कोई आप से नौकरी दिलवाने के लिए पैसे की मांग कर रहा है तो सतर्क हो जाएं.

नौकरी के नाम पर ठगी.
नौकरी के नाम पर ठगी.

पहले सत्यापन के बाद ही डॉक्यूमेंट्स भेजें

नौकरी से जुड़े कोई लिंक अगर आपके मोबाइल या मेल आईडी पर आता है तो उसे क्लिक न करें. अगर आप किसी नौकरी के लिए इंटरव्यू देकर ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे हैं और अगर उससे संबंधित मेल आपके पास आता है तो पहले आप संबंधित कंपनी में एक बार जरूर बात कर लें कि मेल वहीं से भेजा गया है या नहीं उसके बाद ही अपने डॉक्यूमेंट मेल करें. अगर आपको मेल आईडी पर किसी तरह का लिंक आया हो या फिर मोबाइल पर मैसेज आया हो और आपको लगता है कि आपके साथ ठगी की कोशिश की जा रही है तो आप तुरंत हंड्रेड डायल पर पुलिस को सूचना दें, इसके अलावा साइबर सेल में भी सूचना दे सकते हैं.

शिमला: हिमाचल में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. लगातार लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है, बावजूद इसके लोग बिना सोचे समझे इन लोगों के चुंगल में फंस जाते हैं. यहां यह बेहद जरूरी है कि बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल किया जाए, ताकि इस तरह के फ्रॉड के मामलों को रोका जा सके.

जानें बचने के तरीके

ज्यादातर मामलों में पुलिस के हाथ खाली

ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में ज्यादातर पुलिस के हाथ खाली ही रह जाते हैं. पुलिस जांच करती है, लेकिन फिर जांच में कुछ सामने नहीं आता. इस तरह के मामलों में छानबीन के लिए ज्यादा समय लगता है. ऐसे में समय के साथ पुलिस भी इन मामलों में ढिलाई बरती है और फिर आरोपी सलाखों के पीछे नहीं पहुंच पाते.

एक्सपर्ट ने बताए बचने के तरीके
एएसपी शिमला प्रवीर ठाकुर ने लोगों से अपील करते हुए कहा, ऐसे किसी भी प्रकार के प्रलोभन में ना आए और अपनी निजी जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें. आपको प्राप्त हुए अनावश्यक लिंक को क्लिक ना करें. साथ ही इन लिंक के माध्यम से ही साइबर ठग आपकी निजी जानकारी हासिल करके आपके साथ ठगी करते हैं और आपकी जमा पूंजी को हड़प जाते हैं तो ऐसे लोगों से सावधान रहना बहुत जरूरी है.

साइबर फ्रॉड से कैसे बचें.
साइबर फ्रॉड से कैसे बचें.

कैसे कर रहे हैं ठगी

पुलिस मुख्यालय को जो जानकारी मिली है. उसके अनुसार सरकारी नौकरी, अच्छी कंपनी में नौकरी या पार्ट टाइम नौकरी दिलाने का झांसा देकर साइबर अपराधी आम लोगों का निजी डाटा चुरा लेते हैं, जिसके बाद साइबर अपराधी लोगों के बैंक खाते, एटीएम से जुड़ी जानकारियां, पेमेंट भेजने के नाम पर मांगते हैं, इसके बाद खाते से पैसे की निकासी कर ली जाती है.

पढ़ें : साइबर ठगों का नया हथियार ऑक्सीजन, दवाई और मेडिकल उपकरण, सोशल मीडिया पर रहें सावधान

लोकल अखबारों में दिया जा रहा विज्ञापन

साइबर अपराधियों ने लोगों को नौकरी देने के लिए कुछ लड़कियों को नौकरी पर रखा है. लड़कियां मीठी-मीठी बातें कर बेरोजगारों को अपने जाल में फंसा लेती हैं. गूगल पर फर्जी नौकरियों का विज्ञापन जारी किया जाता है. जब बेरोजगार गूगल के माध्यम से नौकरी सर्च करते हैं, तब वे साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस जाते हैं.

कैसे बचें साइबर अपराधियों के इस चाल से

जब भी सरकारी नौकरी के विज्ञापन निकलते हैं, तो उसके लिए बकायदा सरकार की तरफ से हर अखबार में विज्ञापन दिया जाता है. इसके अलावा सरकार के अधिकारी और मंत्री भी घोषणा करते हैं. ऐसे में अगर कोई सरकारी विज्ञापन आप देखते हैं. पहले उसकी पूर्ण रूप से पड़ताल करें. किसी भी सरकारी नौकरी को ज्वाइन करवाने के लिए पैसे की डिमांड नहीं की जाती है. अगर कोई आप से नौकरी दिलवाने के लिए पैसे की मांग कर रहा है तो सतर्क हो जाएं.

नौकरी के नाम पर ठगी.
नौकरी के नाम पर ठगी.

पहले सत्यापन के बाद ही डॉक्यूमेंट्स भेजें

नौकरी से जुड़े कोई लिंक अगर आपके मोबाइल या मेल आईडी पर आता है तो उसे क्लिक न करें. अगर आप किसी नौकरी के लिए इंटरव्यू देकर ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे हैं और अगर उससे संबंधित मेल आपके पास आता है तो पहले आप संबंधित कंपनी में एक बार जरूर बात कर लें कि मेल वहीं से भेजा गया है या नहीं उसके बाद ही अपने डॉक्यूमेंट मेल करें. अगर आपको मेल आईडी पर किसी तरह का लिंक आया हो या फिर मोबाइल पर मैसेज आया हो और आपको लगता है कि आपके साथ ठगी की कोशिश की जा रही है तो आप तुरंत हंड्रेड डायल पर पुलिस को सूचना दें, इसके अलावा साइबर सेल में भी सूचना दे सकते हैं.

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