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बेंगलुरु पुलिस फिंगरप्रिंट स्कैन कर अपराधियों पर कस रही नकेल

कर्नाटक के बेंगलुरु में पुलिस ने अपराधियों पर नकेल कसने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू किया है. पुलिस एक आपराधिक ट्रैकिंग एप्लिकेशन का उपयोग करके एक स्मार्ट फिंगरप्रिंट पहचान पद्धति की मदद से अपराधियों को पकड़ेगी.

Bengaluru police is using fingerprint scanner to prevent crimesEtv Bharat
बेंगलुरू पुलिस अपराधों को रोकने के लिए फिंगरप्रिंट स्कैनर का उपयोग कर रही हैEtv Bharat
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Published : Sep 14, 2022, 1:32 PM IST

बेंगलुरु: देश में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने मास्टर प्लान बनाया है. केंद्रीय गृह विभाग ने अपराध को नियंत्रित करने और अपराधियों को गिरफ्तार करने में मदद के लिए एक नया ऐप पेश किया है. राजधानी बेंगलुरु में लोग दिन रात काम करते हैं. खासकर आईटी-बीटी और एमएनसी कंपनियों में काम करने वाले देर रात तक शहर में घूमते रहते हैं. इसी का फायदा उठाते हुए देर रात तक अकेले घूमने वालों का पीछा कर रहे अपराधिक वारदातों को अंजाम दिये जा रहे हैं. इसके चलते मामले बढ़ रहे हैं.

इसके अलावा शहर में हाल ही में हत्या और डकैती जैसे अपराध के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. इसीलिए केंद्रीय गृह विभाग ने शहरों में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए मोबाइल क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (MCCTNS) मोबाइल ऐप लॉन्च किया है.

मोबाइल क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (MCCTNS) ऐप: इस ऐप को बैंगलोर पुलिस के लिए पायलट आधार पर पेश किया गया है और पुलिस पहले से ही इस ऐप का इस्तेमाल कर रही है. राज्य के पुलिस थानों में गिरफ्तार किए गए सभी लोगों के उंगलियों के निशान राज्य पुलिस डेटाबेस को भेजे जाएंगे. जब किसी व्यक्ति की उंगली को स्कैन किया जाता है, तो यह तुरंत उसके आपराधिक इतिहास का खुलासा कर देगा. पुलिस ने मोबाइल क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम ऐप (एमसीसीटीएनएस) इंस्टॉल किया है.

ये भी पढ़ें- बैंक में धोखाधड़ी : पत्नी के खाते में 2.69 करोड़ भेजकर बैंककर्मी फरार

उन्हें फिंगरप्रिंट स्कैनर डिवाइस भी दिए गए हैं. पुलिस संदिग्ध की उंगलियों को स्कैन कर सकती है और एमसीसीटीएनएस ऐप से उनके विवरण की पुष्टि कर सकती है. सिस्टम संदिग्ध की सभी जानकारी और आपराधिक रिकॉर्ड को प्रतिबिंबित करेगा यदि उनके पास कोई है. किसी भी पिछली गिरफ्तारी का विवरण भी आवेदन में दिखाई देगा. एक बार फिंगरप्रिंट सत्यापित होने के बाद पुलिस आगे की जांच के लिए आपराधिक रिकॉर्ड होने पर आरोपी को हिरासत में ले सकती है.

रात 11 बजे के बाद सड़क पर संदिग्ध रूप से चलने वाले लोगों के फिंगर प्रिंट स्कैन किए जाते हैं. इसके जरिए पकड़े जाने वाले आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी. सिटी ईस्ट जोन के अपर पुलिस आयुक्त सुब्रमणेश्वर राव का कहना है कि इससे कोई अपराधी नहीं बच पाएगा.

बेंगलुरु: देश में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने मास्टर प्लान बनाया है. केंद्रीय गृह विभाग ने अपराध को नियंत्रित करने और अपराधियों को गिरफ्तार करने में मदद के लिए एक नया ऐप पेश किया है. राजधानी बेंगलुरु में लोग दिन रात काम करते हैं. खासकर आईटी-बीटी और एमएनसी कंपनियों में काम करने वाले देर रात तक शहर में घूमते रहते हैं. इसी का फायदा उठाते हुए देर रात तक अकेले घूमने वालों का पीछा कर रहे अपराधिक वारदातों को अंजाम दिये जा रहे हैं. इसके चलते मामले बढ़ रहे हैं.

इसके अलावा शहर में हाल ही में हत्या और डकैती जैसे अपराध के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. इसीलिए केंद्रीय गृह विभाग ने शहरों में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए मोबाइल क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (MCCTNS) मोबाइल ऐप लॉन्च किया है.

मोबाइल क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (MCCTNS) ऐप: इस ऐप को बैंगलोर पुलिस के लिए पायलट आधार पर पेश किया गया है और पुलिस पहले से ही इस ऐप का इस्तेमाल कर रही है. राज्य के पुलिस थानों में गिरफ्तार किए गए सभी लोगों के उंगलियों के निशान राज्य पुलिस डेटाबेस को भेजे जाएंगे. जब किसी व्यक्ति की उंगली को स्कैन किया जाता है, तो यह तुरंत उसके आपराधिक इतिहास का खुलासा कर देगा. पुलिस ने मोबाइल क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम ऐप (एमसीसीटीएनएस) इंस्टॉल किया है.

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उन्हें फिंगरप्रिंट स्कैनर डिवाइस भी दिए गए हैं. पुलिस संदिग्ध की उंगलियों को स्कैन कर सकती है और एमसीसीटीएनएस ऐप से उनके विवरण की पुष्टि कर सकती है. सिस्टम संदिग्ध की सभी जानकारी और आपराधिक रिकॉर्ड को प्रतिबिंबित करेगा यदि उनके पास कोई है. किसी भी पिछली गिरफ्तारी का विवरण भी आवेदन में दिखाई देगा. एक बार फिंगरप्रिंट सत्यापित होने के बाद पुलिस आगे की जांच के लिए आपराधिक रिकॉर्ड होने पर आरोपी को हिरासत में ले सकती है.

रात 11 बजे के बाद सड़क पर संदिग्ध रूप से चलने वाले लोगों के फिंगर प्रिंट स्कैन किए जाते हैं. इसके जरिए पकड़े जाने वाले आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी. सिटी ईस्ट जोन के अपर पुलिस आयुक्त सुब्रमणेश्वर राव का कहना है कि इससे कोई अपराधी नहीं बच पाएगा.

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