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Bengal Panchayat elections 2023: 'हिंसा पर राज्यपाल के बयानों से विवाद की नई चिंगारी भड़की' - राज्यपाल सीवी आनंद बोस

पश्चिम बंगाल में त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली के लिए आगामी चुनावों को लेकर राज्य में जारी हिंसा पर राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की कड़ी टिप्पणियों पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है.

Governor C.V. Anand Bose
राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस
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Published : Jun 29, 2023, 2:09 PM IST

Updated : Jun 29, 2023, 2:19 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली के लिए आगामी चुनावों को लेकर राज्य में जारी हिंसा पर राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की कड़ी टिप्पणियों पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. राज्यपाल ने उत्तर बंगाल दौरे के दौरान सिलीगुड़ी में मीडियाकर्मियों से कहा, 'एक राज्यपाल के रूप में यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि पंचायत चुनाव से संबंधित मामलों में अदालत के आदेशों का सम्मान किया जाए. लोकतंत्र के रक्षकों के हाथों लोकतंत्र की हत्या स्‍वीकार नहीं है. मैं क्षेत्र में जा रहा हूं और लोगों से बातचीत कर रहा हूं. हम हिंसा को बर्दाश्त नहीं कर सकते और न ही करेंगे.'

राज्यपाल के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पार्टी विधायक मदन मित्रा ने कहा कि राज्यपाल को 11 जुलाई को पश्चिम बंगाल से अपना रिटर्न टिकट बुक करना चाहिए, जब ग्रामीण निकाय चुनावों के नतीजे घोषित होंगे और तृणमूल कांग्रेस प्रचंड जीत हासिल करेगी. उन्होंने कहा, 'यह अभूतपूर्व है कि कैसे राज्यपाल राजभवन में विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं और परोक्ष रूप से हिंसा भड़का रहे हैं. राजभवन परिसर के तथाकथित 'शांति कक्ष' में गुंडों को आश्रय दिया जा रहा है. मैं उन्हें सलाह देता हूं कि 11 जुलाई को अपना रिटर्न टिकट बुक कर लें. आपको उस दिन बंगाल छोड़ना होगा.'

तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि राज्यपाल ने अपने कार्यों से साबित कर दिया है कि वह अपने संवैधानिक अधिकार से परे काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद राज्यपाल जहां भी जाएंगे, वापस जाओ के नारे के साथ विरोध का सामना करना पड़ेगा.' सीपीआई (एम) के राज्यसभा सदस्य और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील बिकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि इस तरह की अरुचिकर टिप्पणियों का सहारा लेना तृणमूल कांग्रेस नेताओं की आदत बन गई है.

भट्टाचार्य ने कहा, 'वे अदालतों और राज्यपाल पर हमले कर रहे हैं. साथ ही, मैं यह भी कहना चाहूंगा कि राज्यपाल द्वारा समानांतर सरकार चलाने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए.' राज्यपाल की टिप्पणी, लोकतंत्र के रक्षकों के हाथों लोकतंत्र की हत्या नहीं की जानी चाहिए, का समर्थन करते हुए कि राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य में नागरिक निकाय चुनावों को लेकर पहले ही लोकतंत्र की हत्या की जा चुकी है.

पढ़ें: WB Panchayat Polls: गवर्नर सीवी आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित 24 परगना का दौरा किया

अधिकारी ने कहा, 'ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य चुनाव आयुक्त का कार्यालय स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की कोशिश करने के बजाय, मुख्यमंत्री सचिवालय की विस्तारित शाखा के रूप में कार्य कर रहा है.'

आईएएनएस

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली के लिए आगामी चुनावों को लेकर राज्य में जारी हिंसा पर राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की कड़ी टिप्पणियों पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. राज्यपाल ने उत्तर बंगाल दौरे के दौरान सिलीगुड़ी में मीडियाकर्मियों से कहा, 'एक राज्यपाल के रूप में यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि पंचायत चुनाव से संबंधित मामलों में अदालत के आदेशों का सम्मान किया जाए. लोकतंत्र के रक्षकों के हाथों लोकतंत्र की हत्या स्‍वीकार नहीं है. मैं क्षेत्र में जा रहा हूं और लोगों से बातचीत कर रहा हूं. हम हिंसा को बर्दाश्त नहीं कर सकते और न ही करेंगे.'

राज्यपाल के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पार्टी विधायक मदन मित्रा ने कहा कि राज्यपाल को 11 जुलाई को पश्चिम बंगाल से अपना रिटर्न टिकट बुक करना चाहिए, जब ग्रामीण निकाय चुनावों के नतीजे घोषित होंगे और तृणमूल कांग्रेस प्रचंड जीत हासिल करेगी. उन्होंने कहा, 'यह अभूतपूर्व है कि कैसे राज्यपाल राजभवन में विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं और परोक्ष रूप से हिंसा भड़का रहे हैं. राजभवन परिसर के तथाकथित 'शांति कक्ष' में गुंडों को आश्रय दिया जा रहा है. मैं उन्हें सलाह देता हूं कि 11 जुलाई को अपना रिटर्न टिकट बुक कर लें. आपको उस दिन बंगाल छोड़ना होगा.'

तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि राज्यपाल ने अपने कार्यों से साबित कर दिया है कि वह अपने संवैधानिक अधिकार से परे काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद राज्यपाल जहां भी जाएंगे, वापस जाओ के नारे के साथ विरोध का सामना करना पड़ेगा.' सीपीआई (एम) के राज्यसभा सदस्य और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील बिकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि इस तरह की अरुचिकर टिप्पणियों का सहारा लेना तृणमूल कांग्रेस नेताओं की आदत बन गई है.

भट्टाचार्य ने कहा, 'वे अदालतों और राज्यपाल पर हमले कर रहे हैं. साथ ही, मैं यह भी कहना चाहूंगा कि राज्यपाल द्वारा समानांतर सरकार चलाने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए.' राज्यपाल की टिप्पणी, लोकतंत्र के रक्षकों के हाथों लोकतंत्र की हत्या नहीं की जानी चाहिए, का समर्थन करते हुए कि राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य में नागरिक निकाय चुनावों को लेकर पहले ही लोकतंत्र की हत्या की जा चुकी है.

पढ़ें: WB Panchayat Polls: गवर्नर सीवी आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित 24 परगना का दौरा किया

अधिकारी ने कहा, 'ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य चुनाव आयुक्त का कार्यालय स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की कोशिश करने के बजाय, मुख्यमंत्री सचिवालय की विस्तारित शाखा के रूप में कार्य कर रहा है.'

आईएएनएस

Last Updated : Jun 29, 2023, 2:19 PM IST
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