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Bengal Amartya Sen: बंगाल सरकार ने अमर्त्य सेन को जमीन के कागजात सौंपे

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Published : Mar 22, 2023, 7:41 AM IST

पश्चिम बंगाल सरकार ने नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को जमीन के दस्तावेज सौंप दिए. नोबेल पुरस्कार विजेता पर विश्व भारती की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा था.

Bengal govt delivers land documents to Amartya Sen
बंगाल सरकार ने अमर्त्य सेन को जमीन के कागजात सौंपे

बोलपुर: पश्चिम बंगाल सरकार ने जमीन का पूरा दस्तावेज अमर्त्य सेन के घर प्रतीची पहुंचा दिया है. बोलपुर भूमि एवं भूमि सुधार विभाग ने विश्वभारती के अधिकारियों और वकीलों की मौजूदगी में दो दिन की सुनवाई के बाद लिए गए दस्तावेज को भी वापस कर दिया. इस पर विश्वभारती प्राधिकरणों की मुहर भी लगी है. डॉ. अमर्त्य सेन के नाम उनके पिता स्वर्गीय आशुतोष सेन की वसीयत के अनुसार कुल 1.38 एकड़ जमीन पहले ही दर्ज की जा चुकी है.

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर शांति निकेतन स्थित प्रतीची हाउस में 13 डिसमिल जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया. यहां तक कि अमर्त्य सेन को जमीन वापस करने के लिए तीन पत्र भी लिखे गए. गौरतलब है कि आशुतोष सेन को 1943 में विश्व भारती अथॉरिटीज ने 99 साल के लिए लीज पर दिया था. उस वक्त आशुतोष सेन ने वसीयत बनाई थी. इसमें कहा गया है कि उनकी मृत्यु के बाद पत्नी अमिता सेन जमीन की पट्टेदार होंगी. उनके बाद पुत्र अमर्त्य सेन ने वसीयत के साथ बोलपुर भूमि एवं भूमि सुधार विभाग में अपने वकील के माध्यम से पूरी जमीन को अपने नाम दर्ज कराने का आवेदन दिया.

इस तरह विश्व भारती के कार्यवाहक सचिव अशोक महत और उनके वकील की दो दिनों तक सुनवाई हुई. लंबी सुनवाई के बाद राज्य सरकार ने दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर 1.38 एकड़ यानी पूरी जमीन अमर्त्य सेन के नाम दर्ज करा दी. बोलपुर भूमि और भूमि सुधार विभाग ने शांतिनिकेतन में अमर्त्य सेन के 'प्रातीची' घर पर सुनवाई का दस्तावेज और फैसला पहुंचाया. दोनों पक्षों की उपस्थिति में लिए गए निर्णय पर विश्व भारती की मुहर भी लगी है.

ये भी पढ़ें- देश में मौजूदा हालात डर की वजह बन गए हैं, साथ मिलकर काम करना होगा : अमर्त्य सेन

इन आरोपों के बीच कि वह भूमि पर कब्जा कर रहे थे, संयोग से, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीरभूम की यात्रा पर 'भारत रत्न' अमर्त्य सेन से मुलाकात की, उन्होंने जिला प्रशासन को अमर्त्य सेन के नाम जमीन दर्ज करने का निर्देश दिया. उस निर्देश और अमर्त्य सेन के आवेदन के अनुसार भूमि एवं भूमि सुधार विभाग ने पूरी जमीन नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम दर्ज करा दी. इस बीच, अमर्त्य सेन को विश्व भारती के अधिकारियों द्वारा 29 मार्च को भूमि के दस्तावेजों के साथ शारीरिक रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया गया है. यदि वह उपस्थित नहीं होते हैं, तो विश्व भारती के अधिकारियों ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है.

बोलपुर भूमि और भूमि सुधार विभाग की ओर से श्यामल सरकार ने कहा, 'मैंने रिकॉर्ड और सुनवाई के कागजात देखे. मुझे इस आदेश की प्रति अमर्त्य सेन के घर लाने के लिए कहा गया. मुझे और कुछ नहीं पता.' अमर्त्य सेन के जमीन संबंधी मामलों को देखने वाले गीतिकांत मजूमदार ने कहा, 'आशुतोष सेन की वसीयत के मुताबिक जमीन मुख्य उत्तराधिकारी के तौर पर अमर्त्य सेन के नाम दर्ज है. यह लैंड एक्ट के मुताबिक है.

बोलपुर: पश्चिम बंगाल सरकार ने जमीन का पूरा दस्तावेज अमर्त्य सेन के घर प्रतीची पहुंचा दिया है. बोलपुर भूमि एवं भूमि सुधार विभाग ने विश्वभारती के अधिकारियों और वकीलों की मौजूदगी में दो दिन की सुनवाई के बाद लिए गए दस्तावेज को भी वापस कर दिया. इस पर विश्वभारती प्राधिकरणों की मुहर भी लगी है. डॉ. अमर्त्य सेन के नाम उनके पिता स्वर्गीय आशुतोष सेन की वसीयत के अनुसार कुल 1.38 एकड़ जमीन पहले ही दर्ज की जा चुकी है.

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर शांति निकेतन स्थित प्रतीची हाउस में 13 डिसमिल जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया. यहां तक कि अमर्त्य सेन को जमीन वापस करने के लिए तीन पत्र भी लिखे गए. गौरतलब है कि आशुतोष सेन को 1943 में विश्व भारती अथॉरिटीज ने 99 साल के लिए लीज पर दिया था. उस वक्त आशुतोष सेन ने वसीयत बनाई थी. इसमें कहा गया है कि उनकी मृत्यु के बाद पत्नी अमिता सेन जमीन की पट्टेदार होंगी. उनके बाद पुत्र अमर्त्य सेन ने वसीयत के साथ बोलपुर भूमि एवं भूमि सुधार विभाग में अपने वकील के माध्यम से पूरी जमीन को अपने नाम दर्ज कराने का आवेदन दिया.

इस तरह विश्व भारती के कार्यवाहक सचिव अशोक महत और उनके वकील की दो दिनों तक सुनवाई हुई. लंबी सुनवाई के बाद राज्य सरकार ने दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर 1.38 एकड़ यानी पूरी जमीन अमर्त्य सेन के नाम दर्ज करा दी. बोलपुर भूमि और भूमि सुधार विभाग ने शांतिनिकेतन में अमर्त्य सेन के 'प्रातीची' घर पर सुनवाई का दस्तावेज और फैसला पहुंचाया. दोनों पक्षों की उपस्थिति में लिए गए निर्णय पर विश्व भारती की मुहर भी लगी है.

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इन आरोपों के बीच कि वह भूमि पर कब्जा कर रहे थे, संयोग से, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीरभूम की यात्रा पर 'भारत रत्न' अमर्त्य सेन से मुलाकात की, उन्होंने जिला प्रशासन को अमर्त्य सेन के नाम जमीन दर्ज करने का निर्देश दिया. उस निर्देश और अमर्त्य सेन के आवेदन के अनुसार भूमि एवं भूमि सुधार विभाग ने पूरी जमीन नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम दर्ज करा दी. इस बीच, अमर्त्य सेन को विश्व भारती के अधिकारियों द्वारा 29 मार्च को भूमि के दस्तावेजों के साथ शारीरिक रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया गया है. यदि वह उपस्थित नहीं होते हैं, तो विश्व भारती के अधिकारियों ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है.

बोलपुर भूमि और भूमि सुधार विभाग की ओर से श्यामल सरकार ने कहा, 'मैंने रिकॉर्ड और सुनवाई के कागजात देखे. मुझे इस आदेश की प्रति अमर्त्य सेन के घर लाने के लिए कहा गया. मुझे और कुछ नहीं पता.' अमर्त्य सेन के जमीन संबंधी मामलों को देखने वाले गीतिकांत मजूमदार ने कहा, 'आशुतोष सेन की वसीयत के मुताबिक जमीन मुख्य उत्तराधिकारी के तौर पर अमर्त्य सेन के नाम दर्ज है. यह लैंड एक्ट के मुताबिक है.

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