कोलकाता/सुंदरबन : पिछले साल विनाशकारी अम्फान चक्रवात की चेतावनी पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नबन्ना के राज्य सचिवालय में रात बिताई थी. इस बार भी वह ऐसा ही कर रही हैं. इसके साथ ही राज्य प्रशासन ने विनाशकारी यास चक्रवात का मुकाबला करने के लिए हर संभव तैयारी कर ली है. मुख्यमंत्री ने खुद मंगलवार को राज्य सचिवालय में इसकी घोषणा की.
पूरी रात की थी तैयारियों की निगरानी
पिछले साल वह नबन्ना के कंट्रोल रूम में पूरी रात जागकर तैयारियों की निगरानी और आवश्यक निर्देश दे रही थीं. इस बार भी ऐसा ही कर रही हैं. यास चक्रवात के बुधवार सुबह तड़के आने की संभावना है. स्थिति और व्यवस्था की निगरानी के लिए वह खुद नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहकर नुकसान का आकलन करेंगी.
'सात लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया'
ममता बनर्जी ने आश्वासन दिया है कि 'राज्य सरकार पहले ही नुकसान को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठा चुकी है. लगभग सात लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जिन जिलों में यास प्रभाव अधिकतम होने की उम्मीद है, वहां ब्लॉक-स्तरीय नियंत्रण कक्ष खोले गए हैं.'
इस मामले पर उन्होंने उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर और पश्चिम मिदनापुर जिलों के जिलाधिकारियों के साथ अंतिम समय में चर्चा की. उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर सेना की मदद भी ली जाएगी.
रक्षा कर्मियों की 70 कंपनियां तैनात
पूर्वी मिदनापुर जिले के दीघा में पहले से ही सेना के जवानों को तैनात किया गया है और रक्षा कर्मियों की 70 कंपनियां पहुंच चुकी हैं. इसके अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और एनवीआरएफ के जवानों को भी वहां तैनात किया गया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार यास से दीघा सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है. प्रशासन ने भी उसी के मुताबिक जरूरी इंतजाम किए हैं.
दीघा में 10 अतिरिक्त टीमें तैनात
एनवीआरएफ के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने वहां 10 अतिरिक्त टीमें तैनात की हैं, जिनकी संख्या राज्य में 45 हो गई है. भारतीय नौसेना भी गोताखोरों और बाढ़ राहत टीमों की अपनी टीम के साथ तैयार है. दीघा से पहले ही करीब 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है.
बांध क्षतिग्रस्त, राहत शिविरों में शरण ले रहे लोग
दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरबन क्षेत्र के नामखाना ब्लॉक में एक बांध गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया है. स्थानीय लोगों ने आसपास के राहत केंद्रों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है.
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इस बीच राज्य के वन विभाग ने एहतियाती कदम उठाना शुरू कर दिया है ताकि चक्रवात सुंदरबन के रॉयल बंगाल टाइगर्स कोर क्षेत्रों से बाहर नुकसान न पहुंचा सके. वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी नदी में गश्त शुरू कर दी है. संभागीय वन अधिकारी मिलन मोंडेल के नेतृत्व में एक टीम निगरानी कर रही है.
मौसम विभाग ने दी है चेतावनी
मौसम विभाग ने कहा कि 155 से 165 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने की उम्मीद है, जो 185 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है.
मौसम विभाग के मुताबिक, गंगा से लगे पश्चिम बंगाल के जिलों में 26 मई की शाम और 27 मई की सुबह 55 से 65 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से हवा चलेगी और यह बढ़कर 75 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है.