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एक्शन के मूड में बंगाल भाजपा, बयानबाज नेताओं पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई

पश्चिम बंगाल में भाजपा अब पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वाले नेताओं पर अब सख्ती के मूड में दिखाई दे रही है. पार्टी अब ऐसे नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी, जो पार्टी विरोधी कार्य कर रहे हैं. खास तौर पर ऐसे नेता जो फिर से तृणमूल कांग्रेस में वापसी करने की चाहत में पार्टी की छवि बदनाम कर रहे हैं.

Beginning with Rajib and Sabyasachi, West Bengal BJP
भाजपा
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Published : Jul 8, 2021, 10:08 PM IST

कोलकाता: काफी समय तक धैर्य दिखाने के बाद अब भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई (West Bengal BJP) तुनकमिजाज नेताओं पर लगाम लगाने को तैयार है. संगठन की ओर से इसकी शुरुआत भी कर दी गई है और सोशल मीडिया पोस्ट (Social Media Post) पर पार्टी के खिलाफ पोस्ट करने वाले रजीब बंदोपाध्याय और सब्यसाची दत्ता को कारण बताओ नोटिस देने का फैसला किया गया है.

पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) से भाजपा में शामिल होने वाले ऐसे सभी नेता मुख्य रूप से लोकसभा सदस्य सुनील मंडल, दीपेंदु विश्वास और सोनाली गुहा भी शामिल हैं. पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने 'ईटीवी भारत' से साफ कहा कि मौखिक या सोशल मीडिया के जरिए लगातार पार्टी विरोधी बयान देने वालों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. कहा कि अब बहुत हो गया, जो नेता इस तरह के पार्टी विरोधी बयान दे रहे हैं, वे सही काम नहीं कर रहे हैं.

Beginning with Rajib and Sabyasachi, West Bengal BJP
रजीब बंदोपाध्याय और सब्यसाची दत्ता

निकाला जा सकता है पार्टी से

भाजपा की पश्चिम बंगाल अनुशासन समिति के सदस्य ने कहा कि यदि वे अगले सात दिनों में इसका जवाब नहीं देते हैं, तो उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए पार्टी से निष्कासन का सामना करना पड़ सकता है. भविष्य में जो भी कार्रवाई होगी उससे इसके पार्टी के सभी नेताओं को सख्त संकेत जाएगा. कहा कि अनुशासन समिति के सदस्यों को लगता है कि राजीब बंदोपाध्याय और सब्यसाची दत्ता जैसे नेता सार्वजनिक रूप से पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं. इस मुद्दे पर दिलीप घोष ने व्यक्तिगत रूप से लोकसभा सदस्य और राज्य अनुशासन समिति के संयोजक डॉ सुभाष सरकार से बात की है. चर्चा के बाद कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है.

पढ़ें: पश्चिम बंगाल : भाजपा ने की जल्द स्थानीय निकाय चुनाव कराने की मांग

...वे पार्टी को बदनाम ही करेंगे

अब यह लगभग तय है कि राजीव बंदोपाध्याय और सब्यसाची दत्ता जैसे नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस में वापस जाने का मन बना लिया है और अगर शीर्ष नेतृत्व उन्हें हरी झंडी दे देता है, तो वे ऐसा करेंगे. ऐसे में उन्हें अंतरिम अवधि के दौरान भाजपा के साथ बने रहने की अनुमति क्यों दी जाय ? इसके बजाय जितना अधिक हम उन्हें अपने साथ बने रहने देंगे, उतना ही वे पार्टी को बदनाम करेंगे.

ऐसे नेताओं की सूची पहले ही तैयार हो गई है. ऐसे नेताओं को लेकर भाजपा के आम कार्यकर्ताओं ने पहले से ही शिकायतें की हैं. इसलिए बेहतर है कि हम अब इनसे छुटकारा पा लें. इस कार्रवाई से बीजेपी के पुराने पदाधिकारी भी खुश होंगे.

बताते चलें कि बुधवार को ही राजीव बंदोपाध्याय ने विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी पर निशाना साधते हुए अपमानजनक फेसबुक पोस्ट किया. उस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि विपक्ष के नेताओं को मुख्यमंत्री को निशाना बनाने से बचना चाहिए, जिनकी पार्टी को बंगाल के लोगों ने 213 सीटों का उपहार दिया है. साथ ही इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बढ़ती रसोई गैस और ईंधन की कीमतों के कारण लोगों के दुखों को कैसे दूर किया जाए.

कोलकाता: काफी समय तक धैर्य दिखाने के बाद अब भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई (West Bengal BJP) तुनकमिजाज नेताओं पर लगाम लगाने को तैयार है. संगठन की ओर से इसकी शुरुआत भी कर दी गई है और सोशल मीडिया पोस्ट (Social Media Post) पर पार्टी के खिलाफ पोस्ट करने वाले रजीब बंदोपाध्याय और सब्यसाची दत्ता को कारण बताओ नोटिस देने का फैसला किया गया है.

पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) से भाजपा में शामिल होने वाले ऐसे सभी नेता मुख्य रूप से लोकसभा सदस्य सुनील मंडल, दीपेंदु विश्वास और सोनाली गुहा भी शामिल हैं. पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने 'ईटीवी भारत' से साफ कहा कि मौखिक या सोशल मीडिया के जरिए लगातार पार्टी विरोधी बयान देने वालों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. कहा कि अब बहुत हो गया, जो नेता इस तरह के पार्टी विरोधी बयान दे रहे हैं, वे सही काम नहीं कर रहे हैं.

Beginning with Rajib and Sabyasachi, West Bengal BJP
रजीब बंदोपाध्याय और सब्यसाची दत्ता

निकाला जा सकता है पार्टी से

भाजपा की पश्चिम बंगाल अनुशासन समिति के सदस्य ने कहा कि यदि वे अगले सात दिनों में इसका जवाब नहीं देते हैं, तो उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए पार्टी से निष्कासन का सामना करना पड़ सकता है. भविष्य में जो भी कार्रवाई होगी उससे इसके पार्टी के सभी नेताओं को सख्त संकेत जाएगा. कहा कि अनुशासन समिति के सदस्यों को लगता है कि राजीब बंदोपाध्याय और सब्यसाची दत्ता जैसे नेता सार्वजनिक रूप से पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं. इस मुद्दे पर दिलीप घोष ने व्यक्तिगत रूप से लोकसभा सदस्य और राज्य अनुशासन समिति के संयोजक डॉ सुभाष सरकार से बात की है. चर्चा के बाद कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है.

पढ़ें: पश्चिम बंगाल : भाजपा ने की जल्द स्थानीय निकाय चुनाव कराने की मांग

...वे पार्टी को बदनाम ही करेंगे

अब यह लगभग तय है कि राजीव बंदोपाध्याय और सब्यसाची दत्ता जैसे नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस में वापस जाने का मन बना लिया है और अगर शीर्ष नेतृत्व उन्हें हरी झंडी दे देता है, तो वे ऐसा करेंगे. ऐसे में उन्हें अंतरिम अवधि के दौरान भाजपा के साथ बने रहने की अनुमति क्यों दी जाय ? इसके बजाय जितना अधिक हम उन्हें अपने साथ बने रहने देंगे, उतना ही वे पार्टी को बदनाम करेंगे.

ऐसे नेताओं की सूची पहले ही तैयार हो गई है. ऐसे नेताओं को लेकर भाजपा के आम कार्यकर्ताओं ने पहले से ही शिकायतें की हैं. इसलिए बेहतर है कि हम अब इनसे छुटकारा पा लें. इस कार्रवाई से बीजेपी के पुराने पदाधिकारी भी खुश होंगे.

बताते चलें कि बुधवार को ही राजीव बंदोपाध्याय ने विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी पर निशाना साधते हुए अपमानजनक फेसबुक पोस्ट किया. उस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि विपक्ष के नेताओं को मुख्यमंत्री को निशाना बनाने से बचना चाहिए, जिनकी पार्टी को बंगाल के लोगों ने 213 सीटों का उपहार दिया है. साथ ही इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बढ़ती रसोई गैस और ईंधन की कीमतों के कारण लोगों के दुखों को कैसे दूर किया जाए.

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