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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले वाल्मीकि जयंती पर अयोध्या में जुटेंगे 25 राज्यों के 400 से अधिक कवि

रामनगरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां तेजी से चल रहीं हैं. 22 जनवरी को होने वाले इस कार्यक्रम (Ayodhya Valmiki Jayanti Kavi Sammelan) के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसी क्रम में वाल्मीकि जयंती पर बड़ा कवि सम्मेलन कराने का निर्णय लिया गया है.

अयोध्या
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 26, 2023, 3:22 PM IST

अयोध्या : धर्म नगरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं. प्रशासन समेत ट्रस्ट के पदाधिकारी लगातार बैठकें कर रहे हैं. इसी कड़ी में कविता के जरिए राष्ट्र जागरण की रणनीति तैयार की गई है. इसके तहत राष्ट्रीय कवि संगम संगठन की ओर से शनिवार को वाल्मीकि जयंती पर राष्ट्रीय अधिवेशन एवं विशाल राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन कराया जाएगा. इसमें 25 प्रांतों से लगभग 400 से अधिक कवि हिस्सा लेंगे.

राम की पैड़ी पर होगा कवि सम्मेलन : राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल और अयोध्या के महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया था कि यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि डॉ. हरिओम पंवार, सुदीपभोला, डॉ. अशोक बत्रा, राजेश चेतन, योगेन्द्र शर्मा, कमलेश मौर्य मृदु, डॉ. रुचि चतुर्वेदी, महेश शर्मा सहित भारत के 25 प्रांतों से लगभग 400 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिलब्ध कवियों का आगमन भगवान वाल्मीकि के जयंती पर अयोध्या में हो रहा है. राम की पैड़ी पर इस कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है.
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है.

साल 2006 में हुआ था राष्ट्रीय कवि संगम का गठन : राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने बताया कि राष्ट्रीय कवि संगम का गठन वाल्मीकि जयंती के अवसर पर वर्ष 2006 में किया गया. यह संगठन राष्ट्र जागरण को समर्पित है. देश के लगभग सभी प्रांतों और विश्व के आठ देशों में संगठन की पहुंच है. इस कार्य में शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि, वरिष्ठ साहित्यकार नरेन्द्र कोहली, रामायण धारावाहिक के संगीतकार- गीतकार रवीन्द्र जैन जैसी विभूतियों का भी संरक्षण मिलता रहा है. वर्तमान में इंद्रेश, स्वामी चिदानंद, राज्य सभा सांसद पं सुधांशु त्रिवेदी और सुप्रसिद्ध कवि डॉ. हरिओम पंवार का संरक्षण प्राप्त है.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है.

नौ अधिवेशन हो चुके, दसवां अयोध्या में : राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि अयोध्या से पहले अध्यात्म साधना केंद्र, महरौली, प्रयागराज, योग ग्राम हरिद्वार, माउंट आबू, वृंदावन, रायपुर व हरिद्वार में अब तक 9 राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हो चुके हैं. 10वां अधिवेशन अयोध्या में 28 से 29 अक्टूबर तक होने जा रहा है. कवि सम्मेलन में परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष वरिष्ठ संत चिदानंद मुनि, संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मौजूद रहेंगे.

यह भी पढ़ें : राम मंदिर उद्घाटन से पहले ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को चमकाया जाएगा, जानिए कितने हैं ऐसे स्थल

रामलला प्राण प्रतिष्ठा, भक्तों के स्वागत की तैयारी, निर्धारित समय से 4 महीने पहले बन जाएगा रामपथ

अयोध्या : धर्म नगरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं. प्रशासन समेत ट्रस्ट के पदाधिकारी लगातार बैठकें कर रहे हैं. इसी कड़ी में कविता के जरिए राष्ट्र जागरण की रणनीति तैयार की गई है. इसके तहत राष्ट्रीय कवि संगम संगठन की ओर से शनिवार को वाल्मीकि जयंती पर राष्ट्रीय अधिवेशन एवं विशाल राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन कराया जाएगा. इसमें 25 प्रांतों से लगभग 400 से अधिक कवि हिस्सा लेंगे.

राम की पैड़ी पर होगा कवि सम्मेलन : राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल और अयोध्या के महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया था कि यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि डॉ. हरिओम पंवार, सुदीपभोला, डॉ. अशोक बत्रा, राजेश चेतन, योगेन्द्र शर्मा, कमलेश मौर्य मृदु, डॉ. रुचि चतुर्वेदी, महेश शर्मा सहित भारत के 25 प्रांतों से लगभग 400 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिलब्ध कवियों का आगमन भगवान वाल्मीकि के जयंती पर अयोध्या में हो रहा है. राम की पैड़ी पर इस कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है.
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है.

साल 2006 में हुआ था राष्ट्रीय कवि संगम का गठन : राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने बताया कि राष्ट्रीय कवि संगम का गठन वाल्मीकि जयंती के अवसर पर वर्ष 2006 में किया गया. यह संगठन राष्ट्र जागरण को समर्पित है. देश के लगभग सभी प्रांतों और विश्व के आठ देशों में संगठन की पहुंच है. इस कार्य में शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि, वरिष्ठ साहित्यकार नरेन्द्र कोहली, रामायण धारावाहिक के संगीतकार- गीतकार रवीन्द्र जैन जैसी विभूतियों का भी संरक्षण मिलता रहा है. वर्तमान में इंद्रेश, स्वामी चिदानंद, राज्य सभा सांसद पं सुधांशु त्रिवेदी और सुप्रसिद्ध कवि डॉ. हरिओम पंवार का संरक्षण प्राप्त है.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है.

नौ अधिवेशन हो चुके, दसवां अयोध्या में : राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि अयोध्या से पहले अध्यात्म साधना केंद्र, महरौली, प्रयागराज, योग ग्राम हरिद्वार, माउंट आबू, वृंदावन, रायपुर व हरिद्वार में अब तक 9 राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हो चुके हैं. 10वां अधिवेशन अयोध्या में 28 से 29 अक्टूबर तक होने जा रहा है. कवि सम्मेलन में परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष वरिष्ठ संत चिदानंद मुनि, संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मौजूद रहेंगे.

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