मुंबई : शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने बुधवार को दावा किया कि पिछले साल अपना विद्रोह शुरू करने से पहले, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुंबई में ठाकरे के आवास मातोश्री में पार्टी नेता उद्धव ठाकरे से मिलने आए थे. हैदराबाद में एक अंग्रेजी समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार में, आदित्य ने कहा कि शिंदे में शामिल होने वाले 40 शिवसेना विधायक केवल अपनी सीट बचाने और पैसे के लिए ऐसा कर रहे थे. एकनाथ शिंदे के विद्रोह पर टिप्पणी करते हुए, आदित्य ने कहा कि वहां जाने का कोई और कारण नहीं था.
वर्तमान मुख्यमंत्री मातोश्री आए और यह कहते हुए रो पड़े कि केंद्रीय जांच एजेंसी उन्हें गिरफ्तार करेगी. उन्होंने कहा कि वह भाजपा के साथ जाएंगे या उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. शिवसेना सांसद संजय राउत ने यह भी कहा कि शिंदे केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई के दबाव में थे. उन्होंने कहा कि आधे से अधिक विधायक ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर थे. इसलिए वे विद्रोह में शामिल हो गए. राउत ने कहा कि इसी तरह की कोशिश अब राकांपा के विधायकों के साथ की जा रही है ताकि उन्हें तोड़ा जा सके.
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#WATCH आदित्य ठाकरे जो कह रहे हैं वह पूरी तरह से सच है, मेरे घर पर आकर अभी जो मुख्यमंत्री(एकनाथ शिंदे) है उन्होंने भी यही कहा था कि मैं जेल नहीं जाना चाहता, आप यह गठबंधन तोड़िए। पार्टी ने अगर आपको सब कुछ दिया है तो पार्टी के साथ खड़े रहना चाहिए। पूरे देश में एक दबाव का तंत्र चल… pic.twitter.com/FqtZn8RPo1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 13, 2023#WATCH आदित्य ठाकरे जो कह रहे हैं वह पूरी तरह से सच है, मेरे घर पर आकर अभी जो मुख्यमंत्री(एकनाथ शिंदे) है उन्होंने भी यही कहा था कि मैं जेल नहीं जाना चाहता, आप यह गठबंधन तोड़िए। पार्टी ने अगर आपको सब कुछ दिया है तो पार्टी के साथ खड़े रहना चाहिए। पूरे देश में एक दबाव का तंत्र चल… pic.twitter.com/FqtZn8RPo1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 13, 2023
राउत ने कहा कि आदित्य ने जो कहा वह सही है. वह (शिंदे) ईडी के रडार पर थे और उन्हें कार्रवाई और गिरफ्तार होने का डर था. उन्होंने मेरे आवास पर आकर मुझसे भी यही बात कही थी. हमने उसे समझाने की कोशिश की और उससे कहा कि डरो मत और स्थिति का सामना करो. हमें लड़ना चाहिए. हम बालासाहेब के सैनिक हैं. लेकिन वह झुक गए. शिवसेना में विभाजन के बाद, दोनों गुट एक दूसरे पर हमला करते रहे हैं.
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