नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद हो गया है. इसे बीबीसी ने तैयार किया है. इस वीडियो को देखने वालों ने दावा किया है कि इसमें कई ऐसे तथ्य हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हैं. एक पत्रकार ने तत्कालीन ब्रिटिश विदेश सचिव जैक स्ट्रॉ के हवाले ने कहा कि गुजरात दंगे में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका "संदिग्ध" थी. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पुलिस को खुलकर काम करने की आजादी नहीं दी. हालांकि, उनके दावे का तत्कालीन विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने खंडन किया है.
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I was FS during that period. Am aware of mischief by UK mission. Sent their diplomat to Gujarat & circulated highly slanted “report” to EU envoys in Delhi. Was informed by a EU envoy which prompted me to issue warning to missions in Delhi to not interfere in our internal affairs. https://t.co/RT871ZWvoG
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कंवल सिब्बल ने कहा, "मैं उस समय विदेश सचिव था. मैं यूके मिशन की शरारतों से वाकिफ हूं. तब ब्रिटेन ने अपने राजनयिक को गुजरात भेजा था और दिल्ली में यूरोपीय संघ के राजनयिकों को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. यह पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट थी. यूरोपीय संघ के एक दूत ने इसकी सूचना मुझे दी. उनके इस जवाब पर मैंने तुरंत उन्हें आगाह किया और कहा कि वे हमारे आंतरिक मामले में हस्तक्षेप न करें."
खुद ब्रिटेन के सांसद ने बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया है. हाउस ऑफ लॉर्ड के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने इसे पक्षपातपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि इसने करोड़ों भारतीयों की भावनाओं को आहत किया है.
आपको बता दें कि गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 2002 के गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी की रिपोर्ट सही है. जाकिया जाफरी ने एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ याचिका लगाई थी. जाकिया पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं. दंगों के दौरान जाकिया जाफरी के पति एहसान जाफरी की हत्या कर दी गई थी.
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