श्रीनगर : कुछ अलग करने की चाह में बशारत ने आइस स्केटिंग कौशल को अपनाया और खेल के प्रति जुनून दिखाने के लिए इसे चुना. जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कार और प्रशंसा मिल चुकी है. परिमपोरा क्षेत्र में रहने वाले बशारत ने कहा कि उन्हें बचपन से ही इस खेल में रुचि है.
ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए बशारत ने कहा कि यूरोप में आइस स्केटिंग इवेंट के लिए चुना जाना उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे टीवी और स्कूल में यह देखने के बाद स्केटिंग करने में दिलचस्पी हुई. बाद में मैंने इसे बहुत रुचि के साथ अपनाया. मैं और अधिक सीखना चाहता हूं और अपने कौशल को बेहतर बनाना चाहता हूं.
नहीं थी चुने जाने की उम्मीद
बशारत 18 साल की छोटी उम्र में आइस स्केटिंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले कश्मीरी बन गए हैं. आयोजन के बारे में बात करते हुए बशारत ने कहा कि उन्हें दौरे के लिए बुलाए जाने की उम्मीद नहीं थी. जब मैं परीक्षण के लिए दिल्ली में था तो मुझे 7वें या 8वें स्थान पर मेरे नाम की उम्मीद थी. लेकिन जब मैंने इसे स्क्रीन पर नहीं देखा, तो मैं हवाई अड्डे से वापस श्रीनगर के लिए उड़ान भरने के लिए रवाना हो गया.
स्केटिंग में सुधार रहे कौशल
बशारत ने कहा कि तभी मुझे एक फोन आया कि मुझे यूरोप दौरे के लिए चुन लिया गया है. मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन मेरे जैसे युवा स्केटर के लिए यह बहुत बड़ी बात है. बशारत ने हाल ही में 12वीं की परीक्षा पास की है, लेकिन आइस स्केटिंग में सबसे अधिक रुचि रखते हैं. 9 साल की उम्र से ही बशारत यह स्पोर्ट खेल रहे हैं.
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साथ ही अपने कौशल को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.