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Bank Loan Fraud: ईडी ने हैदराबाद स्थित आभूषण फर्म के प्रमोटर को गिरफ्तार किया

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Published : Feb 13, 2022, 6:57 PM IST

संजय अग्रवाल को 11 फरवरी को हैदराबाद में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act (PMLA)) अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया. अग्रवाल ‘घनश्यामदास जेम्स एंड ज्वेल्स’, हैदराबाद में एक प्रबंध भागीदार हैं. यह कंपनी सोने का थोक व्यापार करती है.

Bank Loan Fraud
ईडी ने हैदराबाद स्थित आभूषण फर्म के प्रमोटर को गिरफ्तार किया

हैदराबाद: प्रवर्तन निदेशालय (The Enforcement Directorate) ने 67 करोड़ रुपए की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी (Bank Loan Fraud) से जुड़े धनशोधन के एक मामले में हैदराबाद की एक आभूषण कंपनी के प्रबंध भागीदार को गिरफ्तार किया है. निदेशालय ने रविवार को यह जानकारी दी.

संजय अग्रवाल को 11 फरवरी को हैदराबाद में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act (PMLA)) अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया. अग्रवाल ‘घनश्यामदास जेम्स एंड ज्वेल्स’, हैदराबाद में एक प्रबंध भागीदार है. यह कंपनी सोने का थोक व्यापार करती है.

निदेशालय ने शुल्क-मुक्त निर्यात के लिए निर्धारित सोने का कथित रूप से घरेलू बाजार में व्यापार करने से जुड़े धनशोधन के एक अन्य मामले में भी अग्रवाल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह पहले से ही कोलकाता की जेल में बंद है. एजेंसी ने एक बयान में बताया कि ताजा मामला 'ऋण धोखाधड़ी' से जुड़ा का मामला है, जिसमें हैदराबाद की भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) को 67 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था.

पढ़ें: Tollywood Drugs Case : ईडी ने तेलंगाना आबकारी विभाग से केस के डिजिटल रिकॉर्ड मांगे

जांच में पाया गया कि 2010-2011 में, अग्रवाल ने फर्जी और जाली बैंक गारंटी और पीएनबी द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए कवर पत्रों को दिखाकर एसबीआई से सोने के बुलियन खरीदे और फिर इन्हें स्थानीय बाजार में विभिन्न आभूषण विक्रेताओं और छोटे कारोबारियों को नकद बेच दिया.

इसमें आरोप लगाया गया है कि अग्रवाल ने अपनी पत्नी, भाइयों और अपने कर्मचारियों के नाम पर स्थापित कई अन्य कंपनियों में इस नकद राशि को हस्तांतरित किया.

ईडी ने कहा कि बाद में, सोने पर लिया गया ऋण चुकाया नहीं गया. एसबीआई ने पाया कि बैंक गारंटी और पत्र फर्जी थे (Bank Guarantees And Letters Were Forged). अग्रवाल और उनके भाइयों अजय और विनय ने 17 अगस्त, 2011 को हैदराबाद के एबिड्स में अपने स्टोर पर रखे सोने और आभूषणों के पूरे भंडार को गुप्त रूप से हटा दिया.

कंपनी ने स्वर्ण के बदले ऋण के एवज में इस भंडार को पहले ही पीएनबी के पास गिरवी रख दिया गया था.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अग्रवाल और अन्य के खिलाफ उनकी कंपनी द्वारा ऋण के लिए पीएनबी को गिरवी रखे सोने और आभूषणों को धोखाधड़ी करके हटाने और इस तरह पंजाब नेशनल बैंक को 31.97 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के लिए मामला दर्ज किया है.

हैदराबाद: प्रवर्तन निदेशालय (The Enforcement Directorate) ने 67 करोड़ रुपए की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी (Bank Loan Fraud) से जुड़े धनशोधन के एक मामले में हैदराबाद की एक आभूषण कंपनी के प्रबंध भागीदार को गिरफ्तार किया है. निदेशालय ने रविवार को यह जानकारी दी.

संजय अग्रवाल को 11 फरवरी को हैदराबाद में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act (PMLA)) अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया. अग्रवाल ‘घनश्यामदास जेम्स एंड ज्वेल्स’, हैदराबाद में एक प्रबंध भागीदार है. यह कंपनी सोने का थोक व्यापार करती है.

निदेशालय ने शुल्क-मुक्त निर्यात के लिए निर्धारित सोने का कथित रूप से घरेलू बाजार में व्यापार करने से जुड़े धनशोधन के एक अन्य मामले में भी अग्रवाल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह पहले से ही कोलकाता की जेल में बंद है. एजेंसी ने एक बयान में बताया कि ताजा मामला 'ऋण धोखाधड़ी' से जुड़ा का मामला है, जिसमें हैदराबाद की भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) को 67 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था.

पढ़ें: Tollywood Drugs Case : ईडी ने तेलंगाना आबकारी विभाग से केस के डिजिटल रिकॉर्ड मांगे

जांच में पाया गया कि 2010-2011 में, अग्रवाल ने फर्जी और जाली बैंक गारंटी और पीएनबी द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए कवर पत्रों को दिखाकर एसबीआई से सोने के बुलियन खरीदे और फिर इन्हें स्थानीय बाजार में विभिन्न आभूषण विक्रेताओं और छोटे कारोबारियों को नकद बेच दिया.

इसमें आरोप लगाया गया है कि अग्रवाल ने अपनी पत्नी, भाइयों और अपने कर्मचारियों के नाम पर स्थापित कई अन्य कंपनियों में इस नकद राशि को हस्तांतरित किया.

ईडी ने कहा कि बाद में, सोने पर लिया गया ऋण चुकाया नहीं गया. एसबीआई ने पाया कि बैंक गारंटी और पत्र फर्जी थे (Bank Guarantees And Letters Were Forged). अग्रवाल और उनके भाइयों अजय और विनय ने 17 अगस्त, 2011 को हैदराबाद के एबिड्स में अपने स्टोर पर रखे सोने और आभूषणों के पूरे भंडार को गुप्त रूप से हटा दिया.

कंपनी ने स्वर्ण के बदले ऋण के एवज में इस भंडार को पहले ही पीएनबी के पास गिरवी रख दिया गया था.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अग्रवाल और अन्य के खिलाफ उनकी कंपनी द्वारा ऋण के लिए पीएनबी को गिरवी रखे सोने और आभूषणों को धोखाधड़ी करके हटाने और इस तरह पंजाब नेशनल बैंक को 31.97 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के लिए मामला दर्ज किया है.

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