ETV Bharat / bharat

बैंक धोखाधड़ी मामला : अदालत का शिवसेना नेता अडसुल को अंतरिम राहत देने से इनकार - city cooperative bank

बंबई उच्च न्यायालय ने सिटी कोऑपरेटिव बैंक से कथित तौर पर ₹980 करोड़ की धोखाधड़ी के संबंध में शिवसेना नेता और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल को दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है.

बंबई उच्च न्यायालय
बंबई उच्च न्यायालय
author img

By

Published : Oct 1, 2021, 7:03 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने सिटी कोऑपरेटिव बैंक में कथित तौर पर ₹980 करोड़ की धोखाधड़ी के संबंध में शिवसेना नेता और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल को दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है. अडसुल ने इस हफ्ते उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मामले और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी सम्मन को चुनौती दी थी. निदेशालय ने अडसुल को पूछताछ के लिए पेश होने के वास्ते सम्मन जारी किए हैं.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ के समक्ष अडसुल के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थन वाले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के कहने पर कार्रवाई शुरू की है.

पूर्व सांसद ने अपनी याचिका में कहा, अडसुल के खिलाफ शुरू की गई निदेशालय की कार्रवाई प्रवर्तन एजेंसियों के जरिए चलाए जा रहे राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा है. चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया कि अमरावती की लोकसभा सांसद नवनीत कौर के पति रवि राणा की शिकायत पर निदेशालय ने कार्रवाई शुरू की. उन्होंने बताया कि अडसुल ने कौर के जाति प्रमाणपत्र के खिलाफ याचिका दायर की थी और अदालत ने इस साल की शुरुआत में उनका जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया था. उन्होंने दलील दी कि राणा ने प्रतिशोध की भावना से शिकायत की थी.

इसे भी पढ़ें-अक्टूबर में 21 दिनों तक बैंक रहेंगे बंद, ब्रांच जाने से पहले देख लें ये सूची

निदेशालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत से कहा कि अडसुल को सम्मन जारी किए जाने पर उनके आचरण पर अदालत को विचार करना चाहिए. सिंह ने कहा, जब ईडी सम्मन लेकर गई तो अडसुल ने हंगामा खड़ा कर दिया. एम्बुलेंस बुला ली और अस्पताल चले गए. वहां वह स्वस्थ पाए गए तो वह दूसरे अस्पताल चले गए और अपने आप को भर्ती करा लिया. इस आचरण पर गौर किया जाना चाहिए.

उन्होंने दलील दी कि कोई व्यक्ति किसी मामले में चाहे आरोपी हो या न हो लेकिन ईडी को धन शोधन मामले में सबूतों का पता लगाने के लिए हर पक्ष से पूछताछ करनी पड़ती है. अदालत ने मामले पर संक्षिप्त रूप से सुनवाई करने के बाद कहा कि वह इस वक्त याचिकाकर्ता को राहत देते हुए कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं करना चाहती. अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए आठ अक्टूबर की तारीख तय कर दी है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने सिटी कोऑपरेटिव बैंक में कथित तौर पर ₹980 करोड़ की धोखाधड़ी के संबंध में शिवसेना नेता और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल को दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है. अडसुल ने इस हफ्ते उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मामले और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी सम्मन को चुनौती दी थी. निदेशालय ने अडसुल को पूछताछ के लिए पेश होने के वास्ते सम्मन जारी किए हैं.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ के समक्ष अडसुल के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थन वाले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के कहने पर कार्रवाई शुरू की है.

पूर्व सांसद ने अपनी याचिका में कहा, अडसुल के खिलाफ शुरू की गई निदेशालय की कार्रवाई प्रवर्तन एजेंसियों के जरिए चलाए जा रहे राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा है. चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया कि अमरावती की लोकसभा सांसद नवनीत कौर के पति रवि राणा की शिकायत पर निदेशालय ने कार्रवाई शुरू की. उन्होंने बताया कि अडसुल ने कौर के जाति प्रमाणपत्र के खिलाफ याचिका दायर की थी और अदालत ने इस साल की शुरुआत में उनका जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया था. उन्होंने दलील दी कि राणा ने प्रतिशोध की भावना से शिकायत की थी.

इसे भी पढ़ें-अक्टूबर में 21 दिनों तक बैंक रहेंगे बंद, ब्रांच जाने से पहले देख लें ये सूची

निदेशालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत से कहा कि अडसुल को सम्मन जारी किए जाने पर उनके आचरण पर अदालत को विचार करना चाहिए. सिंह ने कहा, जब ईडी सम्मन लेकर गई तो अडसुल ने हंगामा खड़ा कर दिया. एम्बुलेंस बुला ली और अस्पताल चले गए. वहां वह स्वस्थ पाए गए तो वह दूसरे अस्पताल चले गए और अपने आप को भर्ती करा लिया. इस आचरण पर गौर किया जाना चाहिए.

उन्होंने दलील दी कि कोई व्यक्ति किसी मामले में चाहे आरोपी हो या न हो लेकिन ईडी को धन शोधन मामले में सबूतों का पता लगाने के लिए हर पक्ष से पूछताछ करनी पड़ती है. अदालत ने मामले पर संक्षिप्त रूप से सुनवाई करने के बाद कहा कि वह इस वक्त याचिकाकर्ता को राहत देते हुए कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं करना चाहती. अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए आठ अक्टूबर की तारीख तय कर दी है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.