गोड्डा: झारखंड के गोड्डा अडाणी पावर प्लांट (Godda Adani Power Plant) से आगामी दिसंबर महीने में प्रोडक्शन शुरू हो जायेगा. कुल 1600 मेगावाट की क्षमता वाले इस प्लांट की शत-प्रतिशत बिजली बांग्लादेश को भेजी जायेगी. शर्तों के मुताबिक इस प्लांट से उत्पादित बिजली का 25 फीसदी हिस्सा झारखंड को दिया जाना है. अडाणी समूह झारखंड को दी जाने वाली यह 400 मेगावाट बिजली एनटीपीसी से खरीदकर उपलब्ध करायेगा. हालांकि झारखंड को मिलने वाली बिजली कैसे और किस दर पर मिलेगी, इसपर स्थिति अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सकी है. अडाणी समूह के प्रमुख गौतम अडाणी ने बांग्लादेश की राष्ट्रपति शेख हसीना से मुलाकात के बाद ट्विट किया है कि आगामी 16 दिसंबर यानी बिजोय दिवस से बांग्लादेश को गोड्डा स्थित पावर प्रोजेक्ट से बिजली की सप्लाई शुरू कर दी जायेगी.
गोड्डा जिले के मोतिया में यह पावर प्लांट 15000 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है. इसके इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम पूरा हो चुका है. अडाणी पावर प्लांट का निर्माण चीन की कंपनी सेप्को थ्री और एसटीजी की देखरेख में हुआ है. गंगा नदी से पानी लाने के लिए साहिबगंज से इस पावर प्लांट तक पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है. गोड्डा से लेकर मुर्शिदाबाद तक 105 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन का काम भी पूरा कर लिया गया है. गोड्डा में रेल कनेक्टिविटी के साथ गोड्डा रेलवे स्टेशन से पावर प्लांट तक करीब सात किमी लिंक लाइन पर ट्रायल कर लिया गया है. अगले माह इस लिंक लाइन के जरिए पावर प्लांट के लिए कोयले की ढुलाई शुरू हो जाएगी. ग्लोबल पैनडेमिक कोरोना की वजह से प्रोजेक्ट को शुरू करने एक साल की देर हुई है. इसे दिसंबर 2021 में ही शुरू कर दिया जाना था.
गोड्डा अडाणी पावर प्लांट के हेड (कॉरपोरेट अफेयर्स) डॉ अमृतांशु प्रसाद ने बताया है कि इस प्लांट में दो यूनिटें हैं. प्रत्येक की क्षमता 800 मेगावाट है. 16 दिसंबर को पहली यूनिट से 800 मेगावाट बिजली उत्पादन होने लगेगा. यह बिजली बांग्लादेश भेजी जायेगी. इसके बाद दो से तीन महीने में दूसरी यूनिट भी ऑपरेशनल हो जायेगी. इसके बाद बांग्लादेश को कुल 1600 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी.
इस प्लांट के लिए गोड्डा जिले के सदर प्रखंड और पोड़ैयाहाट प्रखंड के दर्जनों गांवों से 750 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गयी है. यह कोल बेस्ड थर्मल पावर प्लांट अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित है. यहां प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 1500 करोड़ रुपये मूल्य की अलग से मशीन लगाई है.
गौरतलब है कि गोड्डा पावर प्रोजेक्ट ने जून 2015 के बाद तब आकार लिया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की यात्रा पर गये थे. वहां प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ मुलाकात में बांग्लादेश में भारतीय ऊर्जा कंपनियों के जरिए बिजली मुहैया कराये जाने पर सहमति बनी थी. बांग्लादेश में बिजली की भारी कमी है. वहां न तो कोयले और पेट्रोल के भंडार हैं और न जलविद्युत परियोजनाओं की खास संभावना. इसके चलते उसे या तो अपने पड़ोसियों से बिजली आयात करनी पड़ती है या फिर अपने यहां पावर प्रोजेक्ट्स के लिए बाहर से सहायता लेनी पड़ती है.
प्रधानमंत्री की बांग्लादेश यात्रा के बाद इस दिशा में प्रगति हुई. 11 अगस्त 2015 को अडाणी और बांग्लादेश ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए और दो साल बाद अप्रेल 2017 में शेख हसीना की नई दिल्ली यात्रा के दौरान इम्पलीमेंटेशन एग्रीमेंट पर मुहर लगी. अडाणी के साथ बांग्लादेश का करार 25 साल का है.