कोडरमा: आज डिजिटल दुनिया में जहां आदमी मोबाइल की एक क्लिक से देश दुनिया से जुड़ जाता हैं, वहीं आज भी कोडरमा के डोमचांच प्रखंड स्तिथ बंगाखलार गांव में मोबाइल का नेटवर्क नहीं है (Bangakhlar village of koderma not have mobile network). लोग एक इनकमिंग कॉल के लिए भी तरसते हैं. मोबाइल में नेटवर्क नहीं होने से यहां के लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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इंडिया अब 5G की तैयारी कर रहा है. जल्द ही देश में 5G लॉन्च कर दिया जाएगा और माबाइल इंटरनेट काफी तेज हो जाएगी. लेकिन इस 5G के दौर में भी झारखंड का एक गांव ऐसा है जहां मोबाइल का नेटवर्क भी नहीं आता है. बंगाखलार पंचायत के लोग एक अदद इनकमिंग कॉल के लिए तरस जाते हैं. कोडरमा के डोमचांच प्रखंड स्तिथ बंगाखंलार पंचायत का यह गांव पूरी तरह से जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है. यहां लोगों को अगर मोबाइल पर बात करनी होती है तो लोग या तो पेड़ पर चढ़ते हैं या फिर पहाड़ी पर जाकर बात कर पाते हैं.
यहां के लोग अपने मोबाइल को घर की छत पर या पेड़ पर टांग कर रखते हैं ताकि, नेटवर्क पकड़े और जरूरत के कॉल इनके मोबाइल पर आ सके लेकिन, ऐसा यदा-कदा ही हो पाता है. मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की बेबसी इन ग्रामीणों को तब ज्यादा हो जाती है जब कोई गांव में बीमार पड़ जाता है. बंगाखलार पंचायत में एक प्रज्ञा केंद्र भी है लेकिन नेटवर्क नहीं रहने के कारण प्रज्ञा केंद्र अक्सर बंद रहता है और अगर प्रज्ञा केंद्र खुला भी तो नेटवर्क नहीं रहने के कारण सरकारी योजनाओं से जुड़े कामकाज नहीं हो पाते हैं. प्रज्ञा केंद्र के संचालक गांव में ऊंचे स्थान पर जाकर मोबाइल पर ही फाइल डाउनलोड करते हैं और उसके बाद प्रज्ञा केंद्र में आकर लोगों को उसका प्रिंट आउट देते हैं. यही स्थिति कमोबेश हर दिन बनी रहती है.
3 G, 4G मोबाइल नेटवर्क से अब हम 5G और 6G की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन आधुनिकता के इस दौर में इस बंगाखलार पंचायत के लोगों को 2G नेटवर्क भी मुहैया नहीं हो पा रहा है. मोबाइल आज लोगों की शौक नहीं बल्कि जरूरत बन चुका है. ऐसे में बंगाखलार पंचायत के लोग मोबाइल नेटवर्क से कटे होने के साथ मूलभूत सुविधाओं से भी कटे हुए हैं.