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सेना की वर्दी बेचने पर पाबंदी, वर्दी डुप्लीकेसी रोकने की प्लानिंग

आगरा में सेना का ड्रेस कोड बेचने पर पाबंदी (Ban selling army dress code in Agra) लगा दी गई है. सेना पुलिस ने आर्मी वर्दी की डुप्लीकेसी रोकने (Agra uniform duplication prevent) का प्रयास किया है.

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सेना का ड्रेस कोड बेचने पर पाबंदी
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Published : Aug 30, 2022, 1:24 PM IST

आगरा: सेना ने करीब दस साल बाद ड्रेस कोड में बदलाव (Army changed dress code) किया है. आपराधिक प्रवृत्ति और देश विरोधी ताकत लगातार सेना के ड्रेस कोड का इस्तेमाल करके ठगी समेत अन्य देश विरोधी वारदातों को अंजाम दे रहे थे. इसी के चलते अब सेना का नया ड्रेस कोड (Army new dress code) बाजारों में नहीं बिकेगा और न ही कपड़ा खरीद कर वर्दी सिलवा सकेंगे.

जानकारी देते दुकानदार

आर्मी के नए ड्रेस कोड की डुप्लीकेसी (Army new dress code) रोकने के लिए सेना और पुलिस ने कमर कस ली है. आगरा में सेना और पुलिस (army police in Agra) की टीमें सदर बाजार समेत अन्य बाजारों में दुकानदारों के साथ ही टेलर्स को जागरूक करने में जुटी हैं. उन्हें सख्त हिदायत भी दी जा रही है कि सेना का नया पैटर्न (ड्रेस कोड) कोई नहीं बेचेगा. अगर कोई पैटर्न से मिलता-जुलता कपड़ा लेकर आए तो तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दें.

बता दें कि आगरा में सेना का ड्रेस कोड (army dress code in Agra) पहनकर आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों ने ठगी और अन्य तरह की वारदातें की हैं. जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के बॉर्डर से सटे क्षेत्र में भी सेना के ड्रेस कोड का देश विरोधी ताकतों से जुड़े आतंकी इस्तेमाल कर रहे हैं. जो देश की सुरक्षा पर बड़ा सवाल है. इसलिए, सेना ने अपने ड्रेस कोड में 2012 के बाद बदलाव किया है. आगरा में अभी सेना के अफसर नए ड्रेस कोड को पहन रहे हैं.

यह भी पढ़ें: सहजनवा दोहरीघाट नई रेल लाइन से जुड़ेगा प्रयागराज और काशी, तराई क्षेत्र में पहली बार दौड़ेगी रेल लाइन

सेना के ड्रेस कोड (Army new dress code) में किए बदलाव को लेकर सेना और पुलिस जागरूकता अभियान (Army Police Awareness Campaign) चला रही हैं. दोनों टीमों की ओर से सबसे पहले ऐसे बाजार में जागरूकता अभियान शुरू किया गया है, जहां सेना का ड्रेस कोड बेचने और सिलवाने का काम होता है. टीमें सदर बाजार, नौलक्खा बाजार, छीपीटोला और अन्य बाजारों में दुकानदार और टेलर्स को सेना के नए पैटर्न (ड्रेस कोड) के बारे में बता रहे हैं. उन्हें सेना का नया पैटर्न बेचने (Ban selling army dress code in Agra) और सिलने को मना किया जा रहा है. हिदायत दी जा रही है कि यदि किसी ने सेना के नए पैटर्न को बेचा या ड्रेस कोड तैयार किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

दुकानदार सौरव कुमार अग्रवाल ने बताया कि सेना और पुलिस की ओर से उन्हें ड्रेस कोड में किए गए बदलाव न्यू पैटर्न के बारे में जानकारी दी गई है. न्यू पैटर्न (नए ड्रेस कोड) को बेचने का हमें अधिकार नहीं है और न ही इसे तैयार करवाना है. जब तक सरकार से इसकी अनुमति नहीं मिलती है. ऐसा करना अपराध है. यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सेना पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी.
यह भी पढ़ें: मेरठ में बैंक मैनेजर की गर्भवती पत्नी और बेटे का मर्डर, डबल बेड के बॉक्स में मिले दोनों के शव

आगरा: सेना ने करीब दस साल बाद ड्रेस कोड में बदलाव (Army changed dress code) किया है. आपराधिक प्रवृत्ति और देश विरोधी ताकत लगातार सेना के ड्रेस कोड का इस्तेमाल करके ठगी समेत अन्य देश विरोधी वारदातों को अंजाम दे रहे थे. इसी के चलते अब सेना का नया ड्रेस कोड (Army new dress code) बाजारों में नहीं बिकेगा और न ही कपड़ा खरीद कर वर्दी सिलवा सकेंगे.

जानकारी देते दुकानदार

आर्मी के नए ड्रेस कोड की डुप्लीकेसी (Army new dress code) रोकने के लिए सेना और पुलिस ने कमर कस ली है. आगरा में सेना और पुलिस (army police in Agra) की टीमें सदर बाजार समेत अन्य बाजारों में दुकानदारों के साथ ही टेलर्स को जागरूक करने में जुटी हैं. उन्हें सख्त हिदायत भी दी जा रही है कि सेना का नया पैटर्न (ड्रेस कोड) कोई नहीं बेचेगा. अगर कोई पैटर्न से मिलता-जुलता कपड़ा लेकर आए तो तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दें.

बता दें कि आगरा में सेना का ड्रेस कोड (army dress code in Agra) पहनकर आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों ने ठगी और अन्य तरह की वारदातें की हैं. जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के बॉर्डर से सटे क्षेत्र में भी सेना के ड्रेस कोड का देश विरोधी ताकतों से जुड़े आतंकी इस्तेमाल कर रहे हैं. जो देश की सुरक्षा पर बड़ा सवाल है. इसलिए, सेना ने अपने ड्रेस कोड में 2012 के बाद बदलाव किया है. आगरा में अभी सेना के अफसर नए ड्रेस कोड को पहन रहे हैं.

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सेना के ड्रेस कोड (Army new dress code) में किए बदलाव को लेकर सेना और पुलिस जागरूकता अभियान (Army Police Awareness Campaign) चला रही हैं. दोनों टीमों की ओर से सबसे पहले ऐसे बाजार में जागरूकता अभियान शुरू किया गया है, जहां सेना का ड्रेस कोड बेचने और सिलवाने का काम होता है. टीमें सदर बाजार, नौलक्खा बाजार, छीपीटोला और अन्य बाजारों में दुकानदार और टेलर्स को सेना के नए पैटर्न (ड्रेस कोड) के बारे में बता रहे हैं. उन्हें सेना का नया पैटर्न बेचने (Ban selling army dress code in Agra) और सिलने को मना किया जा रहा है. हिदायत दी जा रही है कि यदि किसी ने सेना के नए पैटर्न को बेचा या ड्रेस कोड तैयार किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

दुकानदार सौरव कुमार अग्रवाल ने बताया कि सेना और पुलिस की ओर से उन्हें ड्रेस कोड में किए गए बदलाव न्यू पैटर्न के बारे में जानकारी दी गई है. न्यू पैटर्न (नए ड्रेस कोड) को बेचने का हमें अधिकार नहीं है और न ही इसे तैयार करवाना है. जब तक सरकार से इसकी अनुमति नहीं मिलती है. ऐसा करना अपराध है. यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सेना पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी.
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