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बाघंबरी मठ के महंत बनाए गए बलबीर गिरी, संत ने चादर ओढ़ाकर दिया आशीर्वाद - balbir giri new mahanat of baghambari math

महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम इच्छा और उनकी वसीयत के अनुसार बलबीर गिरि को लेटे हनुमान मंदिर और मठ बाघम्बरी गद्दी का महंत नियुक्त कर दिया गया है. पूरे देश से प्रयागराज पहुंचे साधु-संतों ने चादरपोशी की रस्म अदा की.

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Published : Oct 5, 2021, 4:15 PM IST

प्रयागराज : मठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि की मौत के अनसुलझे रहस्यों के बीच मंगलवार को बलबीर गिरि को उनका उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया गया. पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महराज ने बलबीर गिरि को तिलक लगाकर और चादर ओढ़ाकर उन्हें मठ बाघंबरी गद्दी का महंत नियुक्त कर दिया. इसके साथ ही दूसरे अखाड़ों के संतों ने भी महंताई की चादर ओढ़ाकर बलबीर गिरि को महंत के रूप में स्वीकार किया. महंताई की चादर विधि पूरी होने के साथ ही षोडशी भंडारा भी शुरू हो गया. जिसमें साधु -संतों के साथ ही आम भक्तों को भी भोजन करवाया गया.

बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके उत्तराधिकरी को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हुई थी. लेकिन सुसाइड नोट और वसीयत में बलबीर गिरि का नाम सामने आने के बाद निरंजनी अखाड़े ने भी उत्तराधिकारी के तौर पर बलबीर गिरि के नाम को मंजूरी दे दी. इसके बाद मंगलवार को सनातन परंपरा के अनुसार बलबीर गिरी कि चादर पोशी करके उन्हें मठ बाघंबरी गद्दी की कमान सौंप दी गयी है.

साथ ही पांच सदस्यों वाली कमेटी भी बन रही है, जो नए महंत बलबीर गिरि के कार्यों की निगरानी भी करती रहेगी. चादर पोशी के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गोरक्षा पीठाधीश्वर की तरफ से भी बलबीर गिरि की चादर पोशी के लिए चादर भेजी गई थी. इसके अलावा देश के कई बड़े संतों की तरफ से बलबीर गिरि की चादर पोशी के लिए चादर भेजी गई है.

चादर पोशी में विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक भी हुए शामिल
महंत नरेंद्र गिरि की वसीयत के मुताबिक बलबीर गिरि को उनका उत्तराधिकारी बनाया गया. इस दौरान बलबीर गिरि की चादर पोशी में शामिल होने के लिए विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश जी भी शामिल हुए. साधु संतों के साथ ही दिनेश जी ने भी बलबीर गिरि को चादर ओढ़ाकर उन्हें महंत के रूप में स्वीकार किया. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए दिनेश जी ने कहा कि जिस तरह से महंत नरेंद्र गिरि ने मठ बाघमबारी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर का विकास किया है, उसी तरह से बलबीर गिरि भी मठ और मंदिर के विकास के लिए निरंतर कार्य करेंगे.

चादरपोशी में आणि अखाड़े नहीं हुए शामिल
इस बीच चर्चा यह भी रही कि आणि अखाड़ों की तरफ से कोई पदाधिकारी चादर विधि में शामिल नहीं हुआ. जिसके पीछे उनका हरिद्वार कुम्भ के दौरान हुआ आपसी विवाद वजह बताया गया है. इसके अलावा सभी अखाड़ों के पदाधिकारी चादर पोशी में शामिल हुए और उन्होंने बलबीर गिरि की महंताई चादर विधि के जरिये मठ का अगला महंत भी मान लिया है.


13 अखाड़ों की निगरानी में काम करते हुए सनातन धर्म को आगे बढ़ाएंगे : बलबीर गिरि
चादर पोशी के बाद महंत बलबीर गिरि ने कहा कि आगे मठ मंदिरों की देखभाल सहित सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे. बलबीर गिरि ने कहा कि जो जिम्मेदारी गुरु महंत नरेंद्र गिरि महाराज ने उन्हें दी है, वह पूरी इमानदारी से निभाएंगे. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं और आगे बढ़ाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि गुरुदेव किस तरह से मठ का संचालन करते थे और गुरुदेव का सब के प्रति किस तरह से व्यवहार था इसका वह 20 वर्षों से स्मरण करते आ रहे हैं और उनसे बड़ी सीख ली है. एक सवाल के जवाब में कहा कि की मठ की संपत्ति जैसी है वैसी रहेगी, इसको और आगे बढ़ाने का काम करेंगे. कोई विवाद संपत्ति को लेकर न उत्पन्न हो इसलिए 13 अखाड़ों की निगरानी में हमेशा काम करूंगा. समय-समय पर 13 अखाड़े के महंत इसकी जांच करते रहेंगे.

पढ़ेंः महंत नरेंद्र गिरि के वकील का दावा, 'वसीयत में बलबीर गिरि को ही उत्तराधिकारी बनाया'

पढ़ेंः बाघम्बरी मठ के नए महंत बलबीर गिरि

प्रयागराज : मठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि की मौत के अनसुलझे रहस्यों के बीच मंगलवार को बलबीर गिरि को उनका उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया गया. पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महराज ने बलबीर गिरि को तिलक लगाकर और चादर ओढ़ाकर उन्हें मठ बाघंबरी गद्दी का महंत नियुक्त कर दिया. इसके साथ ही दूसरे अखाड़ों के संतों ने भी महंताई की चादर ओढ़ाकर बलबीर गिरि को महंत के रूप में स्वीकार किया. महंताई की चादर विधि पूरी होने के साथ ही षोडशी भंडारा भी शुरू हो गया. जिसमें साधु -संतों के साथ ही आम भक्तों को भी भोजन करवाया गया.

बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके उत्तराधिकरी को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हुई थी. लेकिन सुसाइड नोट और वसीयत में बलबीर गिरि का नाम सामने आने के बाद निरंजनी अखाड़े ने भी उत्तराधिकारी के तौर पर बलबीर गिरि के नाम को मंजूरी दे दी. इसके बाद मंगलवार को सनातन परंपरा के अनुसार बलबीर गिरी कि चादर पोशी करके उन्हें मठ बाघंबरी गद्दी की कमान सौंप दी गयी है.

साथ ही पांच सदस्यों वाली कमेटी भी बन रही है, जो नए महंत बलबीर गिरि के कार्यों की निगरानी भी करती रहेगी. चादर पोशी के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गोरक्षा पीठाधीश्वर की तरफ से भी बलबीर गिरि की चादर पोशी के लिए चादर भेजी गई थी. इसके अलावा देश के कई बड़े संतों की तरफ से बलबीर गिरि की चादर पोशी के लिए चादर भेजी गई है.

चादर पोशी में विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक भी हुए शामिल
महंत नरेंद्र गिरि की वसीयत के मुताबिक बलबीर गिरि को उनका उत्तराधिकारी बनाया गया. इस दौरान बलबीर गिरि की चादर पोशी में शामिल होने के लिए विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश जी भी शामिल हुए. साधु संतों के साथ ही दिनेश जी ने भी बलबीर गिरि को चादर ओढ़ाकर उन्हें महंत के रूप में स्वीकार किया. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए दिनेश जी ने कहा कि जिस तरह से महंत नरेंद्र गिरि ने मठ बाघमबारी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर का विकास किया है, उसी तरह से बलबीर गिरि भी मठ और मंदिर के विकास के लिए निरंतर कार्य करेंगे.

चादरपोशी में आणि अखाड़े नहीं हुए शामिल
इस बीच चर्चा यह भी रही कि आणि अखाड़ों की तरफ से कोई पदाधिकारी चादर विधि में शामिल नहीं हुआ. जिसके पीछे उनका हरिद्वार कुम्भ के दौरान हुआ आपसी विवाद वजह बताया गया है. इसके अलावा सभी अखाड़ों के पदाधिकारी चादर पोशी में शामिल हुए और उन्होंने बलबीर गिरि की महंताई चादर विधि के जरिये मठ का अगला महंत भी मान लिया है.


13 अखाड़ों की निगरानी में काम करते हुए सनातन धर्म को आगे बढ़ाएंगे : बलबीर गिरि
चादर पोशी के बाद महंत बलबीर गिरि ने कहा कि आगे मठ मंदिरों की देखभाल सहित सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे. बलबीर गिरि ने कहा कि जो जिम्मेदारी गुरु महंत नरेंद्र गिरि महाराज ने उन्हें दी है, वह पूरी इमानदारी से निभाएंगे. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं और आगे बढ़ाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि गुरुदेव किस तरह से मठ का संचालन करते थे और गुरुदेव का सब के प्रति किस तरह से व्यवहार था इसका वह 20 वर्षों से स्मरण करते आ रहे हैं और उनसे बड़ी सीख ली है. एक सवाल के जवाब में कहा कि की मठ की संपत्ति जैसी है वैसी रहेगी, इसको और आगे बढ़ाने का काम करेंगे. कोई विवाद संपत्ति को लेकर न उत्पन्न हो इसलिए 13 अखाड़ों की निगरानी में हमेशा काम करूंगा. समय-समय पर 13 अखाड़े के महंत इसकी जांच करते रहेंगे.

पढ़ेंः महंत नरेंद्र गिरि के वकील का दावा, 'वसीयत में बलबीर गिरि को ही उत्तराधिकारी बनाया'

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