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Balasore Train Accident: एम्स भुवनेश्वर में रखे 41 शवों की आज तक नहीं हो पाई पहचान - रेल मंत्री

बालासोर ट्रेन हादसे में अभी भी पीड़ितों के शव की पहचान जारी है. एम्स भुवनेश्वर में 41 शव ऐसे हैं जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पायी है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 23, 2023, 8:06 AM IST

Updated : Jul 23, 2023, 12:03 PM IST

बालासोर : ओडिशा के बालासोर जिले दो जून को हुए ट्रिपल ट्रेन टक्कर के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर में 41 शवों की पहचान अभी तक नहीं की जा सकी है. एम्स भुवनेश्वर, ओडिशा के निदेशक डॉ. (प्रोफेसर) आशुतोष विश्वास ने कहा कि हमारे पास 41 लावारिस शव हैं. लोग हमारे पास आ रहे हैं और हम डीएनए नमूनों के मिलान के बाद शव सौंप रहे हैं. बिस्वास ने कहा कि शवों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है. अन्य शवों के रिश्तेदार या दावेदार शव लेने आ रहे हैं.

इससे पहले राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में शुक्रवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 'सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन' में चूक के कारण गलत सिग्नल पास हुआ जिससे ओडिशा के बालासोर जिले में दुखद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना हुई. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि 2 जून को ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल-ट्रेन दुर्घटना हुई. जिसमें 295 यात्रियों की मौत हो गई और 176 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. एक लेवल-क्रॉसिंग गेट पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर स्थापित करने के दौरान सिग्नल-सर्किट परिवर्तन में खराबी आ गई जिससे हादसा हुआ. उन्होंने अपने उत्तर में कहा कि शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे उसके डिब्बे बगल की पटरी पर गिर गए.

रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट के निष्कर्ष : दुर्घटना के संबंध में राज्यसभा सदस्यों के सवालों के जवाब में शुक्रवार को रिपोर्ट का खुलासा किया गया. लिखित जवाब में, वैष्णव ने कहा कि इन खामियों के परिणामस्वरूप ट्रेन नंबर 12841 को गलत सिग्नल मिला. गलत सिग्नलिंग के परिणामस्वरूप ट्रेन नंबर 12841 अप लूप लाइन पर चली गई और अंततः वहां खड़ी मालगाड़ी (नंबर एन/डीडीआईपी) से पीछे से टकरा गई.

मंत्री इस त्रासदी पर राज्यसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नेता जॉन ब्रिटास और आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह के सवालों का जवाब दे रहे थे. विपक्षी नेताओं ने सदन में यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने रेल दुर्घटना पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की है और क्या सीबीआई ने जांच के लिए कोई समय सीमा तय की गई है.

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रेल मंत्री ने लिखित जवाब दिया है कि रेल हादसे की जांच सीआरएस द्वारा पूरी कर ली गयी है और रिपोर्ट सौंप दी गयी है. अब सीबीआई अपनी जांच जारी रखे हुए है. उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में सिग्नल संबंधी 13 दुर्घटनाएं हुई हैं. 2 जून को ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना की दुखद घटना जिसमें चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी. उन्होंने आगे कहा कि 295 यात्रियों की जान चली गई, जबकि 176 को गंभीर चोटें आईं, 451 को साधारण चोटें आईं और 180 को प्राथमिक उपचार की जरूरत पड़ी.

बालासोर : ओडिशा के बालासोर जिले दो जून को हुए ट्रिपल ट्रेन टक्कर के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर में 41 शवों की पहचान अभी तक नहीं की जा सकी है. एम्स भुवनेश्वर, ओडिशा के निदेशक डॉ. (प्रोफेसर) आशुतोष विश्वास ने कहा कि हमारे पास 41 लावारिस शव हैं. लोग हमारे पास आ रहे हैं और हम डीएनए नमूनों के मिलान के बाद शव सौंप रहे हैं. बिस्वास ने कहा कि शवों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है. अन्य शवों के रिश्तेदार या दावेदार शव लेने आ रहे हैं.

इससे पहले राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में शुक्रवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 'सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन' में चूक के कारण गलत सिग्नल पास हुआ जिससे ओडिशा के बालासोर जिले में दुखद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना हुई. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि 2 जून को ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल-ट्रेन दुर्घटना हुई. जिसमें 295 यात्रियों की मौत हो गई और 176 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. एक लेवल-क्रॉसिंग गेट पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर स्थापित करने के दौरान सिग्नल-सर्किट परिवर्तन में खराबी आ गई जिससे हादसा हुआ. उन्होंने अपने उत्तर में कहा कि शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे उसके डिब्बे बगल की पटरी पर गिर गए.

रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट के निष्कर्ष : दुर्घटना के संबंध में राज्यसभा सदस्यों के सवालों के जवाब में शुक्रवार को रिपोर्ट का खुलासा किया गया. लिखित जवाब में, वैष्णव ने कहा कि इन खामियों के परिणामस्वरूप ट्रेन नंबर 12841 को गलत सिग्नल मिला. गलत सिग्नलिंग के परिणामस्वरूप ट्रेन नंबर 12841 अप लूप लाइन पर चली गई और अंततः वहां खड़ी मालगाड़ी (नंबर एन/डीडीआईपी) से पीछे से टकरा गई.

मंत्री इस त्रासदी पर राज्यसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नेता जॉन ब्रिटास और आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह के सवालों का जवाब दे रहे थे. विपक्षी नेताओं ने सदन में यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने रेल दुर्घटना पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की है और क्या सीबीआई ने जांच के लिए कोई समय सीमा तय की गई है.

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रेल मंत्री ने लिखित जवाब दिया है कि रेल हादसे की जांच सीआरएस द्वारा पूरी कर ली गयी है और रिपोर्ट सौंप दी गयी है. अब सीबीआई अपनी जांच जारी रखे हुए है. उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में सिग्नल संबंधी 13 दुर्घटनाएं हुई हैं. 2 जून को ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना की दुखद घटना जिसमें चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी. उन्होंने आगे कहा कि 295 यात्रियों की जान चली गई, जबकि 176 को गंभीर चोटें आईं, 451 को साधारण चोटें आईं और 180 को प्राथमिक उपचार की जरूरत पड़ी.

Last Updated : Jul 23, 2023, 12:03 PM IST
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