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मंत्री तेज प्रताप यादव के निजी सहायक बोले- होटल से निकाला नहीं गया, बिना बताए सामान बाहर किया गया

बिहार सरकार के मंत्री तेज प्रताप यादव के स्टाफ के लिए लिया गया कमरा शुक्रवार देर रात बिना कुछ बताए खाली करवा लिया गया. इस मामले में तेज प्रताप यादव के निजी सहायक ने तहरीर दी है.

मंत्री तेज प्रताप यादव
मंत्री तेज प्रताप यादव
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Published : Apr 8, 2023, 10:35 AM IST

Updated : Apr 8, 2023, 4:46 PM IST

वाराणसी: बिहार सरकार में मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के स्टाफ के लिए शुक्रवार को जो कमरा लिया गया था, उसको बिना बताए खाली करवा लिया गया. तेज प्रताप यादव के निजी सहायक ने ईटीवी भारत से हुई बातचीत में स्पष्ट तौर पर कहा कि तेज प्रताप यादव को होटल से नहीं निकाला गया है, बल्कि उनके स्टाफ का जो कमरा था, उसको बिना बताए खाली करवा दिया गया. उन्होंने कहा कि ये उचित नहीं है और पुलिस को इस संदर्भ में तहरीर दी गई है. फिलहाल, इस मामले में संबंधित थाना इंचार्ज अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं. वहीं, एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने कहा कि दोनों कमरों की बुकिंग की तारीख खत्म हो गई थी और वह किसी दूसरे को दे दिए गए थे. इसलिए कमरों का सामान लाकर रिसेप्शन पर रखवा दिया गया था.

एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने मीडिया को बताई हकीकत

बताया जा रहा है कि तेज प्रताप यादव शुक्रवार देर रात वाराणसी के एक होटल में पहुंचे. वहां दोपहर में काशी आने के बाद वे रुके थे. वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र के इस होटल में जब वह रात में दर्शन पूजन करने के बाद लौटे तो उनके स्टाफ के लिए जो कमरा लिया गया था, उसको खाली करवा लिया गया था. उनके करीबी प्रदीप राय ने बताया कि तेज प्रताप वाराणसी आए हुए थे और हम सभी उनसे मिलने के लिए आए थे. इस दौरान पता चला कि तेज प्रताप यादव जिस कमरे में रुके थे, उसके ठीक बगल वाला कमरा जो 206 नंबर का है, उसमें उनके सिक्योरिटी स्टाफ के सामान को निकाल कर बाहर रिसेप्शन पर रख दिया गया था. देर रात तेज प्रताप यादव अपने स्टाफ के साथ होटल पहुंचे थे.

बिहार सरकार के मंत्री तेज प्रताप यादव को होटल से निकाला

तेज प्रताप यादव के निजी सहायक का यह भी आरोप है कि तेज प्रताप यादव के कमरे को खोलकर उनका सामान भी इधर-उधर किया गया है, जो सुरक्षा से बड़ा खिलवाड़ है. क्योंकि, तेज प्रताप यादव एक मंत्री हैं. फिलहाल इस मामले में सिगरा थाने पर तहरीर दी गई है. पुलिस इस पूरे प्रकरण पर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं बता रही है. एसओ सिगरा का कहना है कि इस मामले में तहरीर मिली है, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. वहीं, तेज प्रताप यादव अभी वाराणसी में हैं और मीडिया से बातचीत नहीं कर रहे हैं.

शिकायत पत्र
शिकायत पत्र

इस पूरे प्रकरण को लेकर वाराणसी के एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह का कहना है कि सिगरा स्थित रोडवेज के पास एक नया होटल पिछले दिनों खुला था. इस होटल में ही तेज प्रताप यादव के बनारस के ही किसी करीबी ने 6 अप्रैल के लिए दो कमरों की बुकिंग की थी. इन कमरों में तेज प्रताप यादव आकर रुके थे और निर्धारित तिथि के बाद अगले ही दिन होटल चेक आउट होना था. लेकिन, तेज प्रताप अपने लोगों के साथ शाम में कहीं घूमने फिरने चले गए. देर रात तक काफी इंतजार के बाद भी जब वह और उनके लोग लौटकर होटल नहीं आए तो होटल प्रबंधन ने उनका कमरा खोलकर सामान रिसेप्शन पर रखवा दिया.

एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह का कहना है कि इस मामले में होटल से पूछताछ में जो बातें सामने आई हैं. उसमें यह स्पष्ट है कि निर्धारित तारीख तक होटल की बुकिंग के बाद भी तेज प्रताप और उनके लोगों ने कमरा खाली नहीं किया था. क्योंकि, होटल में वह कमरा किसी अन्य को बुकिंग पर दे दिया गया था और वह लोग कमरे में रुकने के लिए पहुंच भी गए थे. इस वजह से तेज प्रताप यादव के अटेंडेंट की मौजूदगी में उनका सामान बाहर रखा गया. फिलहाल, इस पूरे प्रकरण में उनकी तरफ से जो भी तहरीर मिली है, उसके आधार पर जांच पूरी करके कार्रवाई की जाएगी.

होटल के मैनेजर ने दी यह सफाई.

होटल प्रबंधन की सफाई-50 हजार के बिल के लिए किया विवाद
इस मामले में होटल के जनरल मैनेजर संदीप पारिख ने आरोप लगाया है कि तेज प्रताप यादव और उनके लोगों को सिर्फ सात अप्रैल के लिए ही कमरा दिया गया था. उसके बाद कमरा बुक करने वाले व्यक्ति को स्पष्ट बता दिया गया था कि एक टूरिस्ट ग्रुप की बुकिंग होने की वजह से अगले दिन कमरा खाली नहीं है. इस सूचना के आधार पर जब कल रात को 8:00 बजे के करीब पर्यटक ग्रुप होटल में रुकने आया तो तेज प्रताप और उनके लोगों को फोन करके कमरा खाली करने के लिए कहा. उस वक्त सभी लोग होटल से बाहर थे. लगभग 3 घंटे के इंतजार के बाद भी जब वे लोग नहीं लौटे तो कमरा नंबर 205 में मंत्री तेजप्रताप के साथ आए एक व्यक्ति जो होटल के कमरे में ही रुका था उसकी मौजूदगी में 205 कमरा नंबर से सामान निकलवा कर सुरक्षित रिसेप्शन पर रखवाया गया था. होटल के मैनेजर का आरोप है कि लगभग 30 हजार से ज्यादा का खाने-पीने का बिल है. वहीं, 20 हजार रुपए का बिल होटल के कमरे का बकाया है. तेज प्रताप और उनके लोगों ने इसका पेमेंट नहीं किया है. होटल के जनरल मैनेजर का यह भी आरोप है कि यह सारा मसला इसी पैसे को लेकर खड़ा किया गया है. अब तक इस कार्रवाई के चक्कर में दो कमरे ब्लॉक हैं. जिला प्रशासन से कमरा खाली करवाने का आग्रह किया जाएगा .

यह भी पढ़ें: Umesh Pal Murder Case : माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन हुई 50 हजार की इनामी

वाराणसी: बिहार सरकार में मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के स्टाफ के लिए शुक्रवार को जो कमरा लिया गया था, उसको बिना बताए खाली करवा लिया गया. तेज प्रताप यादव के निजी सहायक ने ईटीवी भारत से हुई बातचीत में स्पष्ट तौर पर कहा कि तेज प्रताप यादव को होटल से नहीं निकाला गया है, बल्कि उनके स्टाफ का जो कमरा था, उसको बिना बताए खाली करवा दिया गया. उन्होंने कहा कि ये उचित नहीं है और पुलिस को इस संदर्भ में तहरीर दी गई है. फिलहाल, इस मामले में संबंधित थाना इंचार्ज अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं. वहीं, एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने कहा कि दोनों कमरों की बुकिंग की तारीख खत्म हो गई थी और वह किसी दूसरे को दे दिए गए थे. इसलिए कमरों का सामान लाकर रिसेप्शन पर रखवा दिया गया था.

एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने मीडिया को बताई हकीकत

बताया जा रहा है कि तेज प्रताप यादव शुक्रवार देर रात वाराणसी के एक होटल में पहुंचे. वहां दोपहर में काशी आने के बाद वे रुके थे. वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र के इस होटल में जब वह रात में दर्शन पूजन करने के बाद लौटे तो उनके स्टाफ के लिए जो कमरा लिया गया था, उसको खाली करवा लिया गया था. उनके करीबी प्रदीप राय ने बताया कि तेज प्रताप वाराणसी आए हुए थे और हम सभी उनसे मिलने के लिए आए थे. इस दौरान पता चला कि तेज प्रताप यादव जिस कमरे में रुके थे, उसके ठीक बगल वाला कमरा जो 206 नंबर का है, उसमें उनके सिक्योरिटी स्टाफ के सामान को निकाल कर बाहर रिसेप्शन पर रख दिया गया था. देर रात तेज प्रताप यादव अपने स्टाफ के साथ होटल पहुंचे थे.

बिहार सरकार के मंत्री तेज प्रताप यादव को होटल से निकाला

तेज प्रताप यादव के निजी सहायक का यह भी आरोप है कि तेज प्रताप यादव के कमरे को खोलकर उनका सामान भी इधर-उधर किया गया है, जो सुरक्षा से बड़ा खिलवाड़ है. क्योंकि, तेज प्रताप यादव एक मंत्री हैं. फिलहाल इस मामले में सिगरा थाने पर तहरीर दी गई है. पुलिस इस पूरे प्रकरण पर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं बता रही है. एसओ सिगरा का कहना है कि इस मामले में तहरीर मिली है, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. वहीं, तेज प्रताप यादव अभी वाराणसी में हैं और मीडिया से बातचीत नहीं कर रहे हैं.

शिकायत पत्र
शिकायत पत्र

इस पूरे प्रकरण को लेकर वाराणसी के एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह का कहना है कि सिगरा स्थित रोडवेज के पास एक नया होटल पिछले दिनों खुला था. इस होटल में ही तेज प्रताप यादव के बनारस के ही किसी करीबी ने 6 अप्रैल के लिए दो कमरों की बुकिंग की थी. इन कमरों में तेज प्रताप यादव आकर रुके थे और निर्धारित तिथि के बाद अगले ही दिन होटल चेक आउट होना था. लेकिन, तेज प्रताप अपने लोगों के साथ शाम में कहीं घूमने फिरने चले गए. देर रात तक काफी इंतजार के बाद भी जब वह और उनके लोग लौटकर होटल नहीं आए तो होटल प्रबंधन ने उनका कमरा खोलकर सामान रिसेप्शन पर रखवा दिया.

एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह का कहना है कि इस मामले में होटल से पूछताछ में जो बातें सामने आई हैं. उसमें यह स्पष्ट है कि निर्धारित तारीख तक होटल की बुकिंग के बाद भी तेज प्रताप और उनके लोगों ने कमरा खाली नहीं किया था. क्योंकि, होटल में वह कमरा किसी अन्य को बुकिंग पर दे दिया गया था और वह लोग कमरे में रुकने के लिए पहुंच भी गए थे. इस वजह से तेज प्रताप यादव के अटेंडेंट की मौजूदगी में उनका सामान बाहर रखा गया. फिलहाल, इस पूरे प्रकरण में उनकी तरफ से जो भी तहरीर मिली है, उसके आधार पर जांच पूरी करके कार्रवाई की जाएगी.

होटल के मैनेजर ने दी यह सफाई.

होटल प्रबंधन की सफाई-50 हजार के बिल के लिए किया विवाद
इस मामले में होटल के जनरल मैनेजर संदीप पारिख ने आरोप लगाया है कि तेज प्रताप यादव और उनके लोगों को सिर्फ सात अप्रैल के लिए ही कमरा दिया गया था. उसके बाद कमरा बुक करने वाले व्यक्ति को स्पष्ट बता दिया गया था कि एक टूरिस्ट ग्रुप की बुकिंग होने की वजह से अगले दिन कमरा खाली नहीं है. इस सूचना के आधार पर जब कल रात को 8:00 बजे के करीब पर्यटक ग्रुप होटल में रुकने आया तो तेज प्रताप और उनके लोगों को फोन करके कमरा खाली करने के लिए कहा. उस वक्त सभी लोग होटल से बाहर थे. लगभग 3 घंटे के इंतजार के बाद भी जब वे लोग नहीं लौटे तो कमरा नंबर 205 में मंत्री तेजप्रताप के साथ आए एक व्यक्ति जो होटल के कमरे में ही रुका था उसकी मौजूदगी में 205 कमरा नंबर से सामान निकलवा कर सुरक्षित रिसेप्शन पर रखवाया गया था. होटल के मैनेजर का आरोप है कि लगभग 30 हजार से ज्यादा का खाने-पीने का बिल है. वहीं, 20 हजार रुपए का बिल होटल के कमरे का बकाया है. तेज प्रताप और उनके लोगों ने इसका पेमेंट नहीं किया है. होटल के जनरल मैनेजर का यह भी आरोप है कि यह सारा मसला इसी पैसे को लेकर खड़ा किया गया है. अब तक इस कार्रवाई के चक्कर में दो कमरे ब्लॉक हैं. जिला प्रशासन से कमरा खाली करवाने का आग्रह किया जाएगा .

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Last Updated : Apr 8, 2023, 4:46 PM IST
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