रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में इस वर्ष अब तक 30,546 वीआईपी और वीवीआईपी महानुभाव दर्शन कर चुके हैं. इससे मंदिर समिति को रुपए 91 लाख 63 हजार 800 सौ रुपए की आय प्राप्त हुई है. वहीं केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर बीकेटीसी ने पहली पर्ची मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की काटी थी.
बीकेटीसी को हुआ मोटा मुनाफ: बीकेटीसी से मिली जानकारी के अनुसार 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात अब तक 8,198 विशिष्ट व अतिविशिष्ट महानुभावों ने दर्शनों का लाभ उठाया है. इससे बीकेटीसी को 24 लाख 59 हजार 400 सौ रुपए का लाभ हुआ. इसी प्रकार बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात वहां अभी तक 22,348 विशिष्ट व अतिविशिष्ट महानुभाव दर्शनों के लिए पहुंचे. इनसे बीकेटीसी को 67 लाख 4 हजार 400 सौ रुपए प्राप्त हुए.
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देश के प्रमुख मंदिरों का टीम ने किया अध्ययन: उल्लेखनीय है कि यात्राकाल में दोनों धामों में वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. बीकेटीसी ने वीआईपी श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधार पर दर्शन कराए और निःशुल्क प्रसाद भी दिया. पूर्व में वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था. वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं के नाम पर अनेक अव्यवस्थाएं भी पैदा होती थी. इस वर्ष यात्राकाल से पूर्व बीकेटीसी ने देश के चार बड़े मंदिरों वैष्णोदेवी,तिरुपति बाला जी, सोमनाथ व महाकाल मंदिर में विभिन्न व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए एक-एक अध्ययन दल भेजे था.
सीएम धामी ने काटी थी पहली पर्ची: इन दलों ने वहां की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर मंदिरों में आने वाले विशिष्ट व अति विशिष्ट महानुभावों से दर्शनों के लिए शुल्क निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा था. बीकेटीसी ने अध्ययन दलों के सुझाव पर प्रति व्यक्ति तीन सौ रुपए निर्धारित किया था.बीकेटीसी की ओर से नयी व्यवस्था कायम किए जाने के बाद वीआईपी व वीवीआईपी के नाम पर अनावश्यक रूप से दर्शनों के लिए घुसने वालों पर भी रोक लगी है. बीकेटीसी ने इस नई व्यवस्था की शुरुआत इस वर्ष केदारनाथ धाम से शुरू की थी. केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर बीकेटीसी ने पहली पर्ची मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की काटी थी. मुख्यमंत्री ने तीन सौ रुपए का शुल्क देकर दर्शन किए थे.