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सिद्धू का आरोप, पंजाब में कांग्रेस के बजाय बादल परिवार का शासन - कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू

पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में खींचतान बढ़ती जा रही है. 2015 कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी मामले को लेकर कांग्रेस के नेता और विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया है कि राज्य में कांग्रेस पार्टी के बजाय बादल परिवार का शासन चल रहा है.

नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू
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Published : May 10, 2021, 9:48 AM IST

चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को पंजाब में अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ हमला तेज करते हुए आरोप लगाया कि विधायकों के बीच एक 'आम सहमति' है कि राज्य को उनकी पार्टी के बजाय 'बादल' द्वारा चलाया जा रहा है.

सिद्धू द्वारा अपनी पार्टी की सरकार के खिलाफ यह नया निशाना ऐसे समय साधा गया है, जब एक दिन पहले ही उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अक्षमता के कारण सरकार को 2015 कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

अमृतसर से विधायक सिद्धू ने तब अपनी ही सरकार की आलोचना की थी जब उच्च न्यायालय ने इस घटना की एसआईटी जांच रिपोर्ट को खारिज कर दी थी जो कि पंजाब के फरीदकोट में एक धार्मिक ग्रंथ के अनादार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी.

पंजाब के मुख्यमंत्री सिंह ने कांग्रेस नेता की नाराजगी को पूरी तरह से अनुशासनहीनता बताया था.

राज्य की पिछली शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने वाले बादल परिवार का उल्लेख करते हुए अमृतसर से विधायक ने आरोप लगाया कि राज्य की नौकरशाही और पुलिस उनकी इच्छाओं के अनुसार कार्य कर रही है.

सिद्धू ने रविवार को एक ट्वीट में आरोप लगाया, विधायकों के बीच यह आम सहमति है कि कांग्रेस सरकार के बदले में बादल सरकार शासन कर रही है. अक्सर हमारे विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की बात सुनने की बजाय नौकरशाही और पुलिस बादल परिवार की इच्छाओं के अनुसार काम करती है. सरकार जनता के कल्याण के लिए नहीं बल्कि माफिया राज जारी रखने के लिए कार्य करती है.

सिद्धू की ओर से लगातार हमले ऐसे समय आए हैं जब ऐसी खबरें आई थीं कि पिछले कुछ दिनों में दो मंत्रियों और सिद्धू सहित कुछ कांग्रेस विधायकों ने बैठकें कीं. विधायकों के समूह ने कथित तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने का फैसला किया कि वे धार्मिक ग्रंथ के बेअदबी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें.

पढ़ें- 'कोट कपूरा घटना में छह महीने से पहले जांच पूरी करने के लिये स्वतंत्र है एसआईटी'

कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनावों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का वादा किया था. पिछले महीने, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ उनके फार्म हाउस में एक बैठक में, पार्टी के कई विधायकों ने उनसे दोषियों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाने का आग्रह किया था.

चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को पंजाब में अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ हमला तेज करते हुए आरोप लगाया कि विधायकों के बीच एक 'आम सहमति' है कि राज्य को उनकी पार्टी के बजाय 'बादल' द्वारा चलाया जा रहा है.

सिद्धू द्वारा अपनी पार्टी की सरकार के खिलाफ यह नया निशाना ऐसे समय साधा गया है, जब एक दिन पहले ही उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अक्षमता के कारण सरकार को 2015 कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

अमृतसर से विधायक सिद्धू ने तब अपनी ही सरकार की आलोचना की थी जब उच्च न्यायालय ने इस घटना की एसआईटी जांच रिपोर्ट को खारिज कर दी थी जो कि पंजाब के फरीदकोट में एक धार्मिक ग्रंथ के अनादार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी.

पंजाब के मुख्यमंत्री सिंह ने कांग्रेस नेता की नाराजगी को पूरी तरह से अनुशासनहीनता बताया था.

राज्य की पिछली शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने वाले बादल परिवार का उल्लेख करते हुए अमृतसर से विधायक ने आरोप लगाया कि राज्य की नौकरशाही और पुलिस उनकी इच्छाओं के अनुसार कार्य कर रही है.

सिद्धू ने रविवार को एक ट्वीट में आरोप लगाया, विधायकों के बीच यह आम सहमति है कि कांग्रेस सरकार के बदले में बादल सरकार शासन कर रही है. अक्सर हमारे विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की बात सुनने की बजाय नौकरशाही और पुलिस बादल परिवार की इच्छाओं के अनुसार काम करती है. सरकार जनता के कल्याण के लिए नहीं बल्कि माफिया राज जारी रखने के लिए कार्य करती है.

सिद्धू की ओर से लगातार हमले ऐसे समय आए हैं जब ऐसी खबरें आई थीं कि पिछले कुछ दिनों में दो मंत्रियों और सिद्धू सहित कुछ कांग्रेस विधायकों ने बैठकें कीं. विधायकों के समूह ने कथित तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने का फैसला किया कि वे धार्मिक ग्रंथ के बेअदबी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें.

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कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनावों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का वादा किया था. पिछले महीने, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ उनके फार्म हाउस में एक बैठक में, पार्टी के कई विधायकों ने उनसे दोषियों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाने का आग्रह किया था.

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