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2 दांतों के साथ जन्मा बच्चा, सुना है कभी.. क्या यह नॉर्मल है?

जमुई में एक नवजात के मुंह में जन्म से ही दो दांत देखे जाने पर परिवार वाले, यहां तक कि अस्पताल की नर्स भी हैरान रह गईं. लोग इसे असामान्य मानकर परेशान होने लगे. दिक्कत तब होती जब नवजात को मां का दूध पिलाया जाना होता है. दो दांत के साथ

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Published : Dec 12, 2022, 10:00 PM IST

देखें डॉक्टर का बयान.

पटना/जमुई: मेडिकल साइंस के मुताबिक जन्म के समय बच्चे के मुंह में दांत का होना (presence of teeth at birth) तो सामान्य बात है, लेकिन आम नहीं है. ऐसा कभी-कभार ही होता है कि कोई बच्चा दांतों के साथ जन्म ले, इसलिए नवजात बच्ची के मुंह को देखकर न सिर्फ मां को आश्चर्य हुआ, बल्कि नर्स भी चकित रह गई थीं. जब उन्होंने बच्ची के मुंह में दांत देखे, तो उन्हें आशंका हुई थी कि इन दांतों के कारण दूध पिलाते वक्त मुश्किल न आए.

ये भी पढ़ें- जमुई में दो दांत वाले बच्चे का जन्म, देखने के लिए अस्पताल में लगी भीड़

नवजात के मुंह में दो दांत बीमारी या नॉर्मल? : दरअसल, बिहार के जमुई सदर अस्पताल में जन्म के बाद नवजात के मुंह में दो दांत देख लोग दंग रह गए. जैसे ही यह बात प्रसूता वार्ड से बाहर निकली, नवजात को देखने लोग अस्पताल पहुंचने लगे. इस बीच परिवार वालों ने नवजात को चाइल्ड स्पेशलिस्ट से दिखाया तो डॉक्टर ने सब कुछ नॉर्मल होने का भरोसा दिलाया.

नवजात के दातों से क्या होती है परेशानी: आमतौर पर देखा गया है कि लड़कों की तुलना में ज्यादा लड़कियां मुंह में दांत लेकर पैदा होती हैं. ऐसे करीब 15 प्रतिशत मामलों में बच्चे के बड़े भाई-बहन या मां-बाप भी दांतों के साथ जन्मे होते हैं. इन दांतों से बच्चे को दूध पीने में समस्या हो सकती है, जिसके कारण उसे पर्याप्त पोषण न मिलने का खतरा रहता है. इसके अलावा, ये दांत टूटकर गले में फंस सकते हैं, इसलिए अभिभावकों को इस बात का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है.

क्या है नेटल टीथ: जब जन्म के साथ बच्चा के मुंह में दांत रहता है तो इसे नेटल टीथ कहते हैं पटना पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के प्राध्यापक और प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुमन कुमार ने बताया कि उन्होंने ऐसे कई मामले देखे हैं जब बच्चों के जन्म के साथ ही नीचे जबड़े में सेंटर पर 2 दांत होते हैं. यह बहुत ही सामान्य घटना है और इसमें आश्चर्य प्रकट करने की कोई बात नहीं.

''इसे नेटल टीथ कहते हैं, यह हमेशा नीचे जबड़े में नाक के ठीक नीचे सेंटर पर होता है. 2000 मामलों में एक मामला ऐसा होता है जब जन्म के साथ बच्चे को नैटल टीथ होता है. यह दांत काफी कमजोर और मुलायम होता है. दांत की हड्डी नीचे मसूड़ों तक नहीं गई रहती है और अक्सर एक-दो महीने में यह झड़ जाते हैं. अगर दांत हिल रहा होता है तो जरूरी है कि उसी समय दांत को नोच दिया जाए और आसानी से यह निकल जाता है. दांत यदि मुंह में खाने की नली में चला गया तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन कई बार बच्चे के गले में यह श्वसन नली में फंस सकती है. इसलिए माता-पिता को सावधानी बरतनी चाहिए. दांत जब हिलने लगे तो उसे निकलवा देना चाहिए.''- डॉक्टर सुमन, प्राध्यापक, शिशु रोग विभाग, पीएमसीएच

आमतौर पर यह दांत नीचे वाले जबड़े के बीच में मौजूद होते हैं. ऐसे में इन दांतों के निकलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं

  • जब बच्चे पियरे रोबिन सिंड्रोम से पीड़ित होते हैं तब नेटल टीथ की समस्या होती है. बता दें कि इस समस्या के दौरान बच्चों का निचला जबड़ा आम दिनों के मुकाबले थोड़ा छोटा होता है. इस कारण ये समस्या हो सकती है.
  • जब बच्चे सोटोस सिंड्रोम से ग्रस्त हो जाते हैं तब भी यह समस्या हो सकती है. हालांकि यह सिंड्रोम बेहद ही दुर्लभ होता है. लेकिन इसके होने पर बच्चा जरूरत से ज्यादा मोटा हो जाता है और उसके बोलने की आदत या मोटर स्किल्स भी प्रभावित हो सकती हैं.
  • मां के शरीर में विटामिन की कमी के कारण बच्चे को जरूरी विटामिन नहीं मिल पाते हैं. ऐसे में खराब पोषक तत्व के कारण बच्चों के जन्म से ही दांत निकलने की समस्या हो सकती है.
  • जन्म के वक्त कटे होंठ या कटे तालु की समस्या होती है. इसके कारण भी नेटल टीथ की समस्या हो सकती है.
  • जब बच्चे हड्डियों को प्रभावित करने वाले सिंड्रोम से ग्रस्त हो जाते हैं तो भी नेटल टीथ की समस्या हो सकती है.
  • कुछ मामलों में यह समस्या जेनेटिक में देखी गई है. यदि माता-पिता को यह समस्या हुई है तो बच्चे में भी जन्म से दांत आने की समस्या हो सकती है यानी इसके पीछे आनुवंशिक कारण हो सकते हैं.

देखें डॉक्टर का बयान.

पटना/जमुई: मेडिकल साइंस के मुताबिक जन्म के समय बच्चे के मुंह में दांत का होना (presence of teeth at birth) तो सामान्य बात है, लेकिन आम नहीं है. ऐसा कभी-कभार ही होता है कि कोई बच्चा दांतों के साथ जन्म ले, इसलिए नवजात बच्ची के मुंह को देखकर न सिर्फ मां को आश्चर्य हुआ, बल्कि नर्स भी चकित रह गई थीं. जब उन्होंने बच्ची के मुंह में दांत देखे, तो उन्हें आशंका हुई थी कि इन दांतों के कारण दूध पिलाते वक्त मुश्किल न आए.

ये भी पढ़ें- जमुई में दो दांत वाले बच्चे का जन्म, देखने के लिए अस्पताल में लगी भीड़

नवजात के मुंह में दो दांत बीमारी या नॉर्मल? : दरअसल, बिहार के जमुई सदर अस्पताल में जन्म के बाद नवजात के मुंह में दो दांत देख लोग दंग रह गए. जैसे ही यह बात प्रसूता वार्ड से बाहर निकली, नवजात को देखने लोग अस्पताल पहुंचने लगे. इस बीच परिवार वालों ने नवजात को चाइल्ड स्पेशलिस्ट से दिखाया तो डॉक्टर ने सब कुछ नॉर्मल होने का भरोसा दिलाया.

नवजात के दातों से क्या होती है परेशानी: आमतौर पर देखा गया है कि लड़कों की तुलना में ज्यादा लड़कियां मुंह में दांत लेकर पैदा होती हैं. ऐसे करीब 15 प्रतिशत मामलों में बच्चे के बड़े भाई-बहन या मां-बाप भी दांतों के साथ जन्मे होते हैं. इन दांतों से बच्चे को दूध पीने में समस्या हो सकती है, जिसके कारण उसे पर्याप्त पोषण न मिलने का खतरा रहता है. इसके अलावा, ये दांत टूटकर गले में फंस सकते हैं, इसलिए अभिभावकों को इस बात का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है.

क्या है नेटल टीथ: जब जन्म के साथ बच्चा के मुंह में दांत रहता है तो इसे नेटल टीथ कहते हैं पटना पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के प्राध्यापक और प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुमन कुमार ने बताया कि उन्होंने ऐसे कई मामले देखे हैं जब बच्चों के जन्म के साथ ही नीचे जबड़े में सेंटर पर 2 दांत होते हैं. यह बहुत ही सामान्य घटना है और इसमें आश्चर्य प्रकट करने की कोई बात नहीं.

''इसे नेटल टीथ कहते हैं, यह हमेशा नीचे जबड़े में नाक के ठीक नीचे सेंटर पर होता है. 2000 मामलों में एक मामला ऐसा होता है जब जन्म के साथ बच्चे को नैटल टीथ होता है. यह दांत काफी कमजोर और मुलायम होता है. दांत की हड्डी नीचे मसूड़ों तक नहीं गई रहती है और अक्सर एक-दो महीने में यह झड़ जाते हैं. अगर दांत हिल रहा होता है तो जरूरी है कि उसी समय दांत को नोच दिया जाए और आसानी से यह निकल जाता है. दांत यदि मुंह में खाने की नली में चला गया तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन कई बार बच्चे के गले में यह श्वसन नली में फंस सकती है. इसलिए माता-पिता को सावधानी बरतनी चाहिए. दांत जब हिलने लगे तो उसे निकलवा देना चाहिए.''- डॉक्टर सुमन, प्राध्यापक, शिशु रोग विभाग, पीएमसीएच

आमतौर पर यह दांत नीचे वाले जबड़े के बीच में मौजूद होते हैं. ऐसे में इन दांतों के निकलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं

  • जब बच्चे पियरे रोबिन सिंड्रोम से पीड़ित होते हैं तब नेटल टीथ की समस्या होती है. बता दें कि इस समस्या के दौरान बच्चों का निचला जबड़ा आम दिनों के मुकाबले थोड़ा छोटा होता है. इस कारण ये समस्या हो सकती है.
  • जब बच्चे सोटोस सिंड्रोम से ग्रस्त हो जाते हैं तब भी यह समस्या हो सकती है. हालांकि यह सिंड्रोम बेहद ही दुर्लभ होता है. लेकिन इसके होने पर बच्चा जरूरत से ज्यादा मोटा हो जाता है और उसके बोलने की आदत या मोटर स्किल्स भी प्रभावित हो सकती हैं.
  • मां के शरीर में विटामिन की कमी के कारण बच्चे को जरूरी विटामिन नहीं मिल पाते हैं. ऐसे में खराब पोषक तत्व के कारण बच्चों के जन्म से ही दांत निकलने की समस्या हो सकती है.
  • जन्म के वक्त कटे होंठ या कटे तालु की समस्या होती है. इसके कारण भी नेटल टीथ की समस्या हो सकती है.
  • जब बच्चे हड्डियों को प्रभावित करने वाले सिंड्रोम से ग्रस्त हो जाते हैं तो भी नेटल टीथ की समस्या हो सकती है.
  • कुछ मामलों में यह समस्या जेनेटिक में देखी गई है. यदि माता-पिता को यह समस्या हुई है तो बच्चे में भी जन्म से दांत आने की समस्या हो सकती है यानी इसके पीछे आनुवंशिक कारण हो सकते हैं.
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