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Jammu Kashmir News : गुलाब नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर का अगला उपराज्यपाल बनने की अफवाहों को किया खारिज - Azad dispels rumours being LG of Jammu Kashmir

पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (Former cm Ghulam Nabi Azad) ने उनके जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनने की अफवाहों को खारिज कर दिया. उन्होंने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के स्थापना दिवस के अवसर पर एक रैली को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं.

Former cm Ghulam Nabi Azad
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद
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By PTI

Published : Oct 1, 2023, 7:31 PM IST

श्रीनगर : पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (Former cm Ghulam Nabi Azad) ने उनके जम्मू-कश्मीर का अगला उपराज्यपाल बनने की अफवाहों को खारिज करते हुए रविवार को कहा कि वह इसके लिए इच्छुक नहीं हैं. कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा कि उन्हें किसी रोजगार की तलाश नहीं है, बल्कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा करना चाहते हैं. राज्य में ऐसी अफवाह है कि गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर का अगला उपराज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है.

  • Celebrating DPAP's One year foundation day in Srinagar today- A heartfelt thank you to everyone who made this day special with their incredible participation and unwavering support. This party belongs to all of us, and we are committed to delivering on our promises for the… pic.twitter.com/pr73bvzKZw

    — Ghulam Nabi Azad (@ghulamnazad) October 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आजाद ने अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के स्थापना दिवस के अवसर पर एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं लोगों से अनुरोध करूंगा कि वे उन अफवाहों पर भरोसा न करें.' उन्होंने कहा, 'मैं (जम्मू कश्मीर) रोजगार की तलाश में नहीं आया हूं, मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं. यहां अब नयी अफवाह है कि गुलाम नबी आजाद अगले उपराज्यपाल बनने जा रहे हैं.' आजाद ने पिछले साल कांग्रेस से अलग होने के बाद डीपीएपी बनाई थी.

कुछ हलके में आजाद की यह कहकर आलोचना की जा रही है कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कहने पर जम्मू-कश्मीर की राजनीति में लौटे हैं. इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'जब मैं 2005 में (मुख्यमंत्री के रूप में) यहां आया था, तो मैंने लोगों की सेवा करने के लिए दो महत्वपूर्ण (केंद्रीय) मंत्रालय (आवास एवं शहरी विकास और संसदीय मामले) छोड़ दिए थे. ऐसा नहीं है कि मेरे पास काम नहीं है.'

आजाद ने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई जम्मू-कश्मीर की दो मुख्य समस्याएं हैं, जिनका समाधान वह क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को बढ़ाकर करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'महंगाई बढ़ रही है. यह सच है कि महंगाई सिर्फ भारत में नहीं है. यूरोप में महंगाई सबसे अधिक है, लेकिन उनके पास इससे निपटने के अन्य साधन भी हैं, जबकि हम एक गरीब राज्य हैं.' उन्होंने कहा, 'बेरोजगारी भी बढ़ रही है. कोई नौकरी नहीं हैं. सरकार विज्ञापन दे रही है, लेकिन साक्षात्कार नहीं हो रहे हैं. शिक्षित युवकों के पास कोई रोजगार नहीं है और उनके माता-पिता ने उनकी शिक्षा पर अपनी बचत की रकम को खर्च कर दिया है.'

उन्होंने कहा कि पर्यटन में समाज के सभी वर्गों को रोजगार प्रदान करने की क्षमता है. उन्होंने कहा, 'एक ट्यूलिप गार्डन (जो 2007 में बनाया गया था) ने हजारों लोगों को रोजगार दिया. मुख्यमंत्री के रूप में मेरी योजना थी कि जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिले में 10 से 12 पर्यटन स्थल विकसित किए जाएं.' उन्होंने कहा, 'मेरी यह भी योजना थी कि 'होमस्टे' सुविधाएं स्थापित करने के लिए लोगों को ऋण दिया जाए, ताकि उन्हें आमदनी के अवसर मिल सकें.'

अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा, 'विगत कई वर्षों में कुछ राजनीतिक गलतियां हुईं, जिन्होंने राज्य को आगे बढ़ाने के बजाय पीछे धकेल दिया. पिछले नौ वर्ष में अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त कर एक और बड़ी गलती की गई. आजाद ने पार्टी नेताओं से विरोधियों पर निजी हमले नहीं करने को कहा.

ये भी पढ़ें - Jammu Kashmir News : जम्मू कश्मीर में सत्ता में आने पर हम बेरोजगारी दूर करने के लिए पर्यटन पर ध्यान देंगे : आजाद

श्रीनगर : पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (Former cm Ghulam Nabi Azad) ने उनके जम्मू-कश्मीर का अगला उपराज्यपाल बनने की अफवाहों को खारिज करते हुए रविवार को कहा कि वह इसके लिए इच्छुक नहीं हैं. कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा कि उन्हें किसी रोजगार की तलाश नहीं है, बल्कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा करना चाहते हैं. राज्य में ऐसी अफवाह है कि गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर का अगला उपराज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है.

  • Celebrating DPAP's One year foundation day in Srinagar today- A heartfelt thank you to everyone who made this day special with their incredible participation and unwavering support. This party belongs to all of us, and we are committed to delivering on our promises for the… pic.twitter.com/pr73bvzKZw

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आजाद ने अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के स्थापना दिवस के अवसर पर एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं लोगों से अनुरोध करूंगा कि वे उन अफवाहों पर भरोसा न करें.' उन्होंने कहा, 'मैं (जम्मू कश्मीर) रोजगार की तलाश में नहीं आया हूं, मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं. यहां अब नयी अफवाह है कि गुलाम नबी आजाद अगले उपराज्यपाल बनने जा रहे हैं.' आजाद ने पिछले साल कांग्रेस से अलग होने के बाद डीपीएपी बनाई थी.

कुछ हलके में आजाद की यह कहकर आलोचना की जा रही है कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कहने पर जम्मू-कश्मीर की राजनीति में लौटे हैं. इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'जब मैं 2005 में (मुख्यमंत्री के रूप में) यहां आया था, तो मैंने लोगों की सेवा करने के लिए दो महत्वपूर्ण (केंद्रीय) मंत्रालय (आवास एवं शहरी विकास और संसदीय मामले) छोड़ दिए थे. ऐसा नहीं है कि मेरे पास काम नहीं है.'

आजाद ने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई जम्मू-कश्मीर की दो मुख्य समस्याएं हैं, जिनका समाधान वह क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को बढ़ाकर करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'महंगाई बढ़ रही है. यह सच है कि महंगाई सिर्फ भारत में नहीं है. यूरोप में महंगाई सबसे अधिक है, लेकिन उनके पास इससे निपटने के अन्य साधन भी हैं, जबकि हम एक गरीब राज्य हैं.' उन्होंने कहा, 'बेरोजगारी भी बढ़ रही है. कोई नौकरी नहीं हैं. सरकार विज्ञापन दे रही है, लेकिन साक्षात्कार नहीं हो रहे हैं. शिक्षित युवकों के पास कोई रोजगार नहीं है और उनके माता-पिता ने उनकी शिक्षा पर अपनी बचत की रकम को खर्च कर दिया है.'

उन्होंने कहा कि पर्यटन में समाज के सभी वर्गों को रोजगार प्रदान करने की क्षमता है. उन्होंने कहा, 'एक ट्यूलिप गार्डन (जो 2007 में बनाया गया था) ने हजारों लोगों को रोजगार दिया. मुख्यमंत्री के रूप में मेरी योजना थी कि जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिले में 10 से 12 पर्यटन स्थल विकसित किए जाएं.' उन्होंने कहा, 'मेरी यह भी योजना थी कि 'होमस्टे' सुविधाएं स्थापित करने के लिए लोगों को ऋण दिया जाए, ताकि उन्हें आमदनी के अवसर मिल सकें.'

अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा, 'विगत कई वर्षों में कुछ राजनीतिक गलतियां हुईं, जिन्होंने राज्य को आगे बढ़ाने के बजाय पीछे धकेल दिया. पिछले नौ वर्ष में अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त कर एक और बड़ी गलती की गई. आजाद ने पार्टी नेताओं से विरोधियों पर निजी हमले नहीं करने को कहा.

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