लखनऊ: अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के लिए करीब 318 एकड़ जमीन को लेकर योगी सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India) के बीच गुरुवार को पट्टा समझौता (लीज एग्रीमेंट) हुआ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में 317.85 एकड़ जमीन के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि भारत की प्रमुख प्राचीन नगरी अयोध्या को विमान सेवा से जोड़ने के लिए भूमि पट्टा समझौते पर प्रदेश सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने हस्ताक्षर किए हैं.
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में हवाई अड्डा बनाने के लिए जितनी भी जमीन की जरूरत है, उससे संबंधित पूरी धनराशि राज्य सरकार पहले ही मंजूर करके जिला प्रशासन को दे चुकी है. उम्मीद है कि प्रशासन तेजी के साथ बाकी 86 एकड़ भूमि भी उपलब्ध कराएगा. हम समयबद्ध ढंग से इस एयरपोर्ट के विकास को आगे बढ़ा कर, अयोध्या को दुनिया की सबसे सुंदर नगरी के रूप में स्थापित करेंगे.
सीएम ने अयोध्या हवाई अड्डे को भगवान राम के अयोध्या आगमन के समय उनका वाहन रहे पुष्पक विमान से जोड़ते हुए कहा कि भगवान राम जब लंका से अयोध्या आए थे, तो पुष्पक विमान से आए थे. हमें रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण के साथ इस हवाई अड्डे को एक्टिव करने की तैयारी भी करनी चाहिए. इस दिशा में राज्य सरकार का भरपूर सहयोग मिलेगा.
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सीएम योगी ने कहा कि अगले साल में प्रदेश सरकार राज्य में पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे देने की स्थिति में होगी. 10 नए हवाई अड्डों पर युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. जब इन सभी का परिचालन शुरू हो जाएगा तो 19 हवाई अड्डों के साथ उत्तर प्रदेश देश का वायु सेवा के साथ जोड़ने वाला सबसे बड़ा राज्य होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2017 तक उत्तर प्रदेश में मात्र दो हवाई अड्डे लखनऊ और वाराणसी पूरी तरह एक्टिव थे. गोरखपुर और आगरा में एक-एक वायु सेवा थी, लेकिन वह कभी-कभी ही चल पाती थी. आज प्रदेश के नौ हवाई अड्डे पूरी तरह काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां 2017 तक केवल 25 जगहों तक वायु सेवा दी जा रही थी, वहीं आज राज्य में 75 से अधिक गंतव्यों तक वायु सेवा उपलब्ध करायी जा रही है.