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सरकार ने अटॉर्नी जनरल का कार्यकाल एक साल बढ़ाने का फैसला किया - कार्यकाल एक साल बढ़ाने का फैसला किया

केंद्र सरकार ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल का कार्यकाल एक साल बढ़ाने का फैसला किया है. सूत्रों ने सोमवार को इस बारे में बताया.

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Published : Jun 28, 2021, 3:10 PM IST

Updated : Jun 28, 2021, 7:20 PM IST

नई दिल्ली : अटॉर्नी जनरल का कार्यकाल आम तौर पर तीन साल का होता है. अटॉर्नी जनरल के रूप में वेणुगोपाल का पहला कार्यकाल पिछले साल समाप्त होना था, तब उन्होंने सरकार से अनुरोध किया था कि उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक साल का कार्यकाल दिया जाए. उनकी उम्र 90 साल है.

सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय में कई महत्वपूर्ण मामलों में चल रही सुनवाई और बार में वेणुगोपाल के अनुभवों पर विचार करते हुए सरकार ने उनका कार्यकाल एक साल बढ़ाने का फैसला किया है. वेणुगोपाल का मौजूदा कार्यकाल अगले कुछ दिनों में खत्म हो रहा है. सूत्रों ने बताया कि वेणुगोपाल के नए कार्यकाल के विस्तार के संबंध में औपचारिक आदेश जल्द ही जारी किए जाएंगे.

यह भी पढ़ें-दोनों टीका लगाए पर्यटकों को गोवा आने की छूट : सीएम प्रमोद सावंत

वेणुगोपाल ने एक जुलाई, 2017 को अटॉर्नी जनरल के रूप में पदभार संभाला. केंद्र सरकार के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप उन्होंने मुकुल रोहतगी की जगह ली थी.

पिछले साल उनके घर पर गृह मंत्री अमित शाह खुद गए थे. उन्हें एक साल पद पर बने रहने के लिए राजी किया था.

वेणुगोपाल ने सरकार की ओर से अऩुच्छेद 370 और राफेल जैसे मामलों में केंद्र का पक्ष रख चुके हैं. नागरिकता संशोधन कानून समते कई गंभीर संवैधानिक मुद्दों पर भी उन्होंने सरकार का पक्ष रखा है.

केके वेणुगोपाल मूलरूप से केरल के हैं. उनका जन्म 1931 में हुआ था. उन्होंने कर्नाटक में अपनी पढ़ाई की थी. उनके पिता एमके नांबियार भी वकील थे.

अटार्नी जनरल वेणुगोपाल उस वक्त भी खूब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने अवमानना का सामना कर रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की अनुमति नहीं दी थी. भूषण ने अपने ट्वीट के जरिये तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की आलोचना की थी, लेकिन बाद में उन्होंने ट्वीट में गलती के लिए खेद भी व्यक्त किया था. उस समय सरकार के कई लोग चाहते थे कि वेणुगोपाल अनुमति प्रदान कर दें.

(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : अटॉर्नी जनरल का कार्यकाल आम तौर पर तीन साल का होता है. अटॉर्नी जनरल के रूप में वेणुगोपाल का पहला कार्यकाल पिछले साल समाप्त होना था, तब उन्होंने सरकार से अनुरोध किया था कि उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक साल का कार्यकाल दिया जाए. उनकी उम्र 90 साल है.

सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय में कई महत्वपूर्ण मामलों में चल रही सुनवाई और बार में वेणुगोपाल के अनुभवों पर विचार करते हुए सरकार ने उनका कार्यकाल एक साल बढ़ाने का फैसला किया है. वेणुगोपाल का मौजूदा कार्यकाल अगले कुछ दिनों में खत्म हो रहा है. सूत्रों ने बताया कि वेणुगोपाल के नए कार्यकाल के विस्तार के संबंध में औपचारिक आदेश जल्द ही जारी किए जाएंगे.

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वेणुगोपाल ने एक जुलाई, 2017 को अटॉर्नी जनरल के रूप में पदभार संभाला. केंद्र सरकार के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप उन्होंने मुकुल रोहतगी की जगह ली थी.

पिछले साल उनके घर पर गृह मंत्री अमित शाह खुद गए थे. उन्हें एक साल पद पर बने रहने के लिए राजी किया था.

वेणुगोपाल ने सरकार की ओर से अऩुच्छेद 370 और राफेल जैसे मामलों में केंद्र का पक्ष रख चुके हैं. नागरिकता संशोधन कानून समते कई गंभीर संवैधानिक मुद्दों पर भी उन्होंने सरकार का पक्ष रखा है.

केके वेणुगोपाल मूलरूप से केरल के हैं. उनका जन्म 1931 में हुआ था. उन्होंने कर्नाटक में अपनी पढ़ाई की थी. उनके पिता एमके नांबियार भी वकील थे.

अटार्नी जनरल वेणुगोपाल उस वक्त भी खूब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने अवमानना का सामना कर रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की अनुमति नहीं दी थी. भूषण ने अपने ट्वीट के जरिये तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की आलोचना की थी, लेकिन बाद में उन्होंने ट्वीट में गलती के लिए खेद भी व्यक्त किया था. उस समय सरकार के कई लोग चाहते थे कि वेणुगोपाल अनुमति प्रदान कर दें.

(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 28, 2021, 7:20 PM IST
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