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उमेश पाल हत्याकांड पर अतीक के बड़े बेटे उमर ने लगाई थी मुहर, असद ने 8 फरवरी को लखनऊ जेल में की थी मुलाकात - लखनऊ जेल में उमर से असद की मुलाकात

प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में एक बड़ा खुलासा हुआ है. एनकाउंटर में मारा गया अतीक अहमद का बेटा असद अपने बड़े भाई उमर से लखनऊ जेल में मुलाकात कर स्वीकृति ली थी.

उमेश पाल हत्याकांड
उमेश पाल हत्याकांड
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Published : Apr 27, 2023, 1:43 PM IST

लखनऊ: उमेश पाल की हत्या करने की हरी झंडी लखनऊ जेल में मिली और उसकी साजिश बरेली जेल में रची गई थी. कितने लोग अशरफ से मिलने बरेली जेल में जायेंगे, हत्याकांड को अंजाम देने के लिए पैसों का जुगाड़ कैसे होगा और शाइस्ता परवीन कैसे हत्याकांड के बाद गायब होगी, इन सभी बातों पर चर्चा करने के लिए असद सबसे पहले 8 फरवरी को अपने बड़े भाई उमर से मिलने लखनऊ जेल पहुंचा था. यहां असद करीब 40 मिनट रुका और हत्याकांड का ब्लू प्रिंट पर उमर की मुहर लगवाकर तीसरे दिन 11 फरवरी को बरेली जेल पहुंचा था. अब यह जानकारी सामने आने के बाद 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में उमर का भी नाम जोड़ा गया है.

उमर से इजाजत लेकर बरेली जेल पहुंचा असदः अब तक यह माना जा रहा था कि प्रयागराज में 24 फरवरी को हुई उमेश पाल और दो गनर की हत्या की साजिश बरेली जेल में रची गई थी. एनकाउंटर में मारा जा चुका अतीक अहमद का बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और उस्मान चौधरी के साथ बरेली जेल में चाचा अशरफ से मुलाकात के बाद वारदात को अंजाम दिया था. बरेली जेल जाने से 3 दिन पहले लखनऊ जेल असद ने अपने सबसे बड़े भाई उमर से मुलकात की थी. सूत्रों के मुताबिक असद जेल में उमर से करीब 40 मिनट की मुलाकात की थी. इस दौरान उमेश पाल की हत्या करनी है कि नहीं इस पर उमर ने फैसला लिया. इसके अलावा हत्याकांड की साजिश का ब्लू प्रिंट लेकर बरेली जेल जाकर चाचा अशरफ से मुलाकात करने के लिए भी उमर ने ही असद को कहा था. इसके बाद 11 फरवरी को असद गुलाम और गुड्डू मुस्लिम को लेकर बरेली जेल पहुंचा, जहां उमर के साथ हुई बातचीत के बारे में चाचा को बताया. इसके बाद ही उमेश पाल की हत्या की साजिश रची गई. यहां से लौटने के बाद असद एक बार फिर 23 फरवरी को लखनऊ जेल पहुंचा और उमर से मुलाकात की. इस दौरान असद ने उमर को अगले दिन उमेश की हत्या करने की योजना बताई.

अतीक ने उमर को सौंपी थी जिम्मेदारीः सूत्र के मुताबिक उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए साबरमती जेल में बंद रहने के दौरान अतीक अहमद ने पूरी जिम्मेदारी उमर को ही सौंपी थी. उमर को ही यह निर्णय लेना था कि शूटआउट में कौन कौन शामिल होगा, अशरफ से कब मिलना है, शाइस्ता परवीन को प्रयागराज से कैसे निकालना है. इसलिए ही 8 फरवरी को उमर से मिलने असद लखनऊ जेल पहुंचा और भाई की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद असद, उमर द्वारा बताए गए शूटर्स गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और उस्मान चौधरी के साथ 11 फरवरी को अशरफ से मिलने बरेली जेल पहुंचा था. फिलहाल इस मामले की जांच कर रही टीम ने लखनऊ जेल के सीसीटीवी फुटेज को आधार बनाते हुए उमर को भी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया गया है.


गौरतलब है कि 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और उनके दो गनर की अतीक अहमद के बेटे असद समेत पांच शूटर्स ने बमबाजी और गोलियां चला कर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में अंजाम देने में अतीक का बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम, उस्मान चौधरी, साबिर और गुलाम शामिल थे. पुलिस ने सबसे पहले इस हत्याकांड में शामिल उस्मान चौधरी और हत्या कांड के समय असद की गाड़ी चला रहे अरबाज को एनकाउंटर में ढेर किया था. इसके बाद 13 अप्रैल को झांसी में एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में असद और गुलाम मारा गया था. वहीं 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में रिमांड में लिए गए अतीक अहमद और अशरफ की तीन शूटर्स ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी.

लखनऊ: उमेश पाल की हत्या करने की हरी झंडी लखनऊ जेल में मिली और उसकी साजिश बरेली जेल में रची गई थी. कितने लोग अशरफ से मिलने बरेली जेल में जायेंगे, हत्याकांड को अंजाम देने के लिए पैसों का जुगाड़ कैसे होगा और शाइस्ता परवीन कैसे हत्याकांड के बाद गायब होगी, इन सभी बातों पर चर्चा करने के लिए असद सबसे पहले 8 फरवरी को अपने बड़े भाई उमर से मिलने लखनऊ जेल पहुंचा था. यहां असद करीब 40 मिनट रुका और हत्याकांड का ब्लू प्रिंट पर उमर की मुहर लगवाकर तीसरे दिन 11 फरवरी को बरेली जेल पहुंचा था. अब यह जानकारी सामने आने के बाद 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में उमर का भी नाम जोड़ा गया है.

उमर से इजाजत लेकर बरेली जेल पहुंचा असदः अब तक यह माना जा रहा था कि प्रयागराज में 24 फरवरी को हुई उमेश पाल और दो गनर की हत्या की साजिश बरेली जेल में रची गई थी. एनकाउंटर में मारा जा चुका अतीक अहमद का बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और उस्मान चौधरी के साथ बरेली जेल में चाचा अशरफ से मुलाकात के बाद वारदात को अंजाम दिया था. बरेली जेल जाने से 3 दिन पहले लखनऊ जेल असद ने अपने सबसे बड़े भाई उमर से मुलकात की थी. सूत्रों के मुताबिक असद जेल में उमर से करीब 40 मिनट की मुलाकात की थी. इस दौरान उमेश पाल की हत्या करनी है कि नहीं इस पर उमर ने फैसला लिया. इसके अलावा हत्याकांड की साजिश का ब्लू प्रिंट लेकर बरेली जेल जाकर चाचा अशरफ से मुलाकात करने के लिए भी उमर ने ही असद को कहा था. इसके बाद 11 फरवरी को असद गुलाम और गुड्डू मुस्लिम को लेकर बरेली जेल पहुंचा, जहां उमर के साथ हुई बातचीत के बारे में चाचा को बताया. इसके बाद ही उमेश पाल की हत्या की साजिश रची गई. यहां से लौटने के बाद असद एक बार फिर 23 फरवरी को लखनऊ जेल पहुंचा और उमर से मुलाकात की. इस दौरान असद ने उमर को अगले दिन उमेश की हत्या करने की योजना बताई.

अतीक ने उमर को सौंपी थी जिम्मेदारीः सूत्र के मुताबिक उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए साबरमती जेल में बंद रहने के दौरान अतीक अहमद ने पूरी जिम्मेदारी उमर को ही सौंपी थी. उमर को ही यह निर्णय लेना था कि शूटआउट में कौन कौन शामिल होगा, अशरफ से कब मिलना है, शाइस्ता परवीन को प्रयागराज से कैसे निकालना है. इसलिए ही 8 फरवरी को उमर से मिलने असद लखनऊ जेल पहुंचा और भाई की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद असद, उमर द्वारा बताए गए शूटर्स गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और उस्मान चौधरी के साथ 11 फरवरी को अशरफ से मिलने बरेली जेल पहुंचा था. फिलहाल इस मामले की जांच कर रही टीम ने लखनऊ जेल के सीसीटीवी फुटेज को आधार बनाते हुए उमर को भी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया गया है.


गौरतलब है कि 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और उनके दो गनर की अतीक अहमद के बेटे असद समेत पांच शूटर्स ने बमबाजी और गोलियां चला कर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में अंजाम देने में अतीक का बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम, उस्मान चौधरी, साबिर और गुलाम शामिल थे. पुलिस ने सबसे पहले इस हत्याकांड में शामिल उस्मान चौधरी और हत्या कांड के समय असद की गाड़ी चला रहे अरबाज को एनकाउंटर में ढेर किया था. इसके बाद 13 अप्रैल को झांसी में एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में असद और गुलाम मारा गया था. वहीं 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में रिमांड में लिए गए अतीक अहमद और अशरफ की तीन शूटर्स ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी.

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