गुवाहाटी: असम पुलिस ने बाल विवाह के खिलाफ व्यापक मुहिम के तहत शुक्रवार को कुल 2044 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस संबंध में असम पुलिस के डीजीपी जीपी सिंह ने मीडिया को बताया कि असम पुलिस ने पिछले दो दिनों में बाल विवाह के खिलाफ 4047 मामले दर्ज किए और 2044 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें 52 काजी, मौलाना और मौलवी हैं. उन्होंने कहा कि सीएम के निर्देश के बाद दो महीने तक जांच की गई. इस दौरान 2020, 2021 और 2022 के लिए डेटा एकत्र किया गया था.
इससे पहले मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों को बताया कि राज्य भर में शुक्रवार सुबह से मुहिम शुरू की गई और यह अगले तीन से चार दिन तक जारी रहेगी. राज्य मंत्रिमंडल ने 23 जनवरी को यह फैसला किया था कि बाल विवाह के दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और साथ ही व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. इस घोषणा के एक पखवाड़े से भी कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुहिम जारी है और गिरफ्तारी के संदर्भ में शाम तक स्पष्ट तस्वीर सामने आ जाएगी और उन जिलों का भी पता चला जाएगा जहां ऐसे मामले हुए हैं. अब तक सबसे अधिक 136 गिरफ्तारियां धुबरी से हुई हैं जहां सबसे अधिक 370 मामले दर्ज हुए हैं. इसके बाद बारपेटा में 110 और नागांव में 100 गिरफ्तारियां हुई हैं. 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और 14-18 साल की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.
ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा. अगर लड़के की उम्र भी 14 साल से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा क्योंकि नाबालिगों को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता. शर्मा ने इससे पहले कहा था कि ऐसे विवाह में शामिल पुजारी, काजी और परिवार के सदस्यों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'असम सरकार राज्य में बाल विवाह को खत्म करने के अपने संकल्प के लिए दृढ़ है. असम पुलिस ने राज्य भर में अब तक 4,004 मामले (बाल विवाह के) दर्ज किए हैं और आगामी दिनों में पुलिस की और कार्रवाई होने की उम्मीद है. इन मामलों पर तीन फरवरी से कार्रवाई शुरू होगी. मैं सभी से सहयोग का अनुरोध करता हूं.' शर्मा ने राज्यव्यापी पुलिस कार्रवाई पर पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह की मौजूदगी में सभी पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के साथ डिजिटल बैठक की अध्यक्षता की.
उन्होंने लोगों से 'इस कुरीति से मुक्ति' के लिए सहयोग एवं समर्थन की अपील की. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, असम में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर सर्वाधिक है और बाल विवाह इसका प्रमुख कारण रहा है. राज्य में दर्ज विवाह में से 31 प्रतिशत मामले निषिद्ध आयुवर्ग के हैं.
हाल में दर्ज बाल विवाह के 4,004 मामलों में सबसे अधिक धुबरी (370) में दर्ज किए गए हैं. इसके बाद ऐसे मामले होजई (255), उदलगुरी (235), मोरीगांव (224) और कोकराझार (204) में दर्ज किए गए हैं. बराक घाटी के हैलाकांडी जिले में बाल विवाह का सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया जबकि दीमा हसाओ में 24 और कछार में 35 मामले दर्ज किए गए.
एकस्ट्रा इनपुट पीटीआई-भाषा