एर्नाकुलम: 72 साल की उम्र में भी अर्थ मूवर्स व क्रेन चलाने का शौक रखने वाली राधामणि (Radhamani) के पास 11 तरह से लाइसेंस हैं. वे यह भी कहती हैं कि उम्र की वजह से उनके पास केवल पायलट का लाइसेंस नहीं है, अन्यथा सभी तरह की गाड़ियां चलाने का लाइसेंस वे रखती हैं.
उनके पास दोपहिया, हल्के मोटर वाहन, भारी मोटर वाहन, अर्थ-मूवर्स, क्रेन, ट्रेलर, फोर्कलिफ्ट और यहां तक कि रोड रोलर्स चलाने तक का लाइसेंस है. हाल ही में उन्होंने एक और खतरनाक लाइसेंस लिया है, जो कि ज्वलनशील ईंधन और रसायन ले जाने वाले वाहनों को चलाने की अनुमति देता है.
राधामणि ने 1991 में कार चलाना सीखा, जब उनके पति ने उन्हें सीखने के लिए प्रोत्साहित किया. राधामणि कहती हैं कि वह तब ड्राइविंग सीखने की बहुत इच्छुक नहीं थीं और याद करती हैं कि जब उन्होंने अपने गांव में कीचड़ वाली सड़क पर कार चलाई तो लोगों ने उनका मजाक उड़ाया. लेकिन इसके बाद उन्हें ड्राइविंग से प्यार हो गया. उन्होंने कोच्चि के थोप्पुमपडी में एक ड्राइविंग स्कूल शुरू किया तो उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने के लिए उनको सभी तरह के वाहन सीखने पड़े.
केरल में तब भारी वाहन चलाने वाला संस्थान नहीं है और यह राधामणि ही थीं जिन्होंने केरल में पहला भारी वाहन चलाना सीखाने वाला संस्थान स्थापित किया. इसके लिए कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी थी. राधामणि का कहना है कि वह भारी वाहन चलाने के प्रशिक्षण के लिए संस्थान शुरू करने वाली पहली महिला हैं.
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राधामणि को उनकी मातृभूमि में प्यार से मनियम्मा कहा जाता है और वह अभी भी सभी भारी वाहन, अर्थ-मूवर आदि चला रही हैं. राधामणि कहती हैं कि उनके द्वारा चलाए जाने वाले वाहनों में उन्हें अर्थ-मूवर्स को संभालना थोड़ा मुश्किल लगा. राधामणि महिलाओं को ड्राइविंग के लिए प्रोत्साहित करती हैं और कहती हैं कि इसमें रोजगार के कई अवसर हैं. अपने ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या के साथ राधामणि ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी नाम दर्ज कराया है.