गुवाहाटी (असम) : सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय, असम की टीम ने शुक्रवार को दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा. गिरफ्तार सरकारी कर्मचारियों की पहचान कनक चंद्र बरुआ, लाट मंडल, राजस्व मंडल अधिकारी कार्यालय, उदलगुरी जिले के कलईगांव और दिलीप बोराह, गांवबुराह (ग्राम प्रधान) के रूप में हुई है. असम पुलिस के सीपीआरओ राजीब सैकिया ने कहा कि सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय को एक शिकायत प्राप्त हुई थी.
जिसमें कनक चंद्र बरुआ, लाट मंडल, उदलगुरी जिले के कलाइगांव के राजस्व सर्किल अधिकारी के कार्यालय में दिलीप के साथ साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. शिकायतकर्ता से भूमि नामांतरण दस्तावेजों को आगे बढ़ाने के लिए 10,000 रुपये रिश्वत की मांग की गई थी. राजीब सैकिया ने कहा कि बाद में राशि को घटाकर 5,000 रुपये कर दिया गया था. शिकायतकर्ता ने रिश्वत नहीं देने का फैसला किया और सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के लिए निदेशालय से संपर्क किया.
असम पुलिस के सीपीआरओ ने कहा कि 10 मार्च को, उदलगुरी जिले के कलाइगांव के राजस्व सर्किल अधिकारी के कार्यालय में एक जाल बिछाया गया था. दिलीप बोरा को 4,500 रुपये लेने के तुरंत बाद रंगे हाथ पकड़ा गया. खास केमिकल लगी रिश्वत की राशि उसके कब्जे से बरामद कर ली गई है और स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में उसे जब्त कर लिया गया. राजीब सैकिया ने कहा कि इसी ट्रैप ऑपरेशन में कनक चंद्र बरुआ लाट मंडल को भी रिश्वत मांगने और रिश्वतखोरी में गांवबुराह के साथ साजिश रचने के आरोप में पकड़ा गया था.
दोनों को टीम ने पर्याप्त सबूत मिलने के बाद गिरफ्तार कर लिया है. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 120 (बी) आईपीसी, 7 (ए) के तहत 10 मार्च को एसीबी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है.