बारपेटा : असम के बारपेटा जिले में सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी को 'संदिग्ध नागरिक' के रूप में चिन्हित किया गया है. बारपेटा के फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने भारतीय सेना के एक पूर्व जवान को संदिग्ध नागरिक घोषित कर नागरिकता प्रमाणपत्र मांगा है (Ex Indian army man asked to prove citizenship).
ट्रिब्यूनल ने बारपेटा जिले के जानिया निर्वाचन क्षेत्र के सरुसिद गांव के सेवानिवृत्त सेना के जवान अब्दुल हलीम को भी नोटिस जारी किया है. अब्दुल हलीम भारतीय सेना से जूनियर कमिश्नर अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हुए हैं. उन्होंने 28 वर्षों तक देश की सेवा की. अब अब्दुल हलीम को बारपेटा के विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा उनकी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस दिया गया है. उन्हें मीडिया के सामने मामले का खुलासा नहीं करने के लिए भी कहा गया है.
नोटिस मिलते ही वह हैरान रह गए. अब्दुल हलीम ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि, वह साल 1992 में सेना में शामिल हुए थे और 1999 का कारगिल युद्ध भी लड़ा था.
बारपेटा बॉर्डर पुलिस द्वारा 2003 में दर्ज किए गए एक मामले के अनुसार, फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल बारपेटा ने अब्दुल हलीम को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कहा. अब्दुल हलीम बारपेटा के सरुसदरी गांव के रहने वाले हैं. यह बारपेटा जिले के जानिया निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है.
अब्दुल हलीम ने यह भी आरोप लगाया कि फॉरनर्स ट्रिब्यूनल द्वारा उन्हें विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र पेश करने के लिए कहकर परेशान किया गया है. अब उन्होंने खुद को भारत का नागरिक साबित करने के लिए फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में नहीं जाने का फैसला किया है.
इस मामले के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि विगत कुछ वर्षों में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल की कुछ गतिविधियों ने राज्य के लोगों को हैरान कर दिया है. कभी जिन लोगों का नाम वोटर लिस्ट में होता है उन्हें बांग्लादेशी बना दिया जाता है तो कभी किसी और देश का.
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