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असम : 'भड़काऊ' टिप्पणी करने के आरोप में कांग्रेस विधायक हिरासत में

कांग्रेस विधायक शेरमन अली अहमद को शनिवार को हिरासत में लिया गया. उन पर 'भड़काऊ' टिप्पणी करने का आरोप है. ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू), भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) सहित कई संगठनों ने विधायक के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज कराई है.

विधायक शेरमन अली अहमद
विधायक शेरमन अली अहमद
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Published : Oct 2, 2021, 10:53 PM IST

गुवाहाटी : असम के दरांग जिले में हाल में अवैध कब्जा खाली कराए जाने का संदर्भ देते हुए कथित तौर 'भड़काऊ' टिप्पणी करने के आरोप में राज्य विधानसभा में कांग्रेस विधायक शेरमन अली अहमद को शनिवार को हिरासत में लिया गया. वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

अधिकारी ने बताया कि अहमद को दिसपुर स्थित विधायक क्वार्टर से हिरासत में लेकर पानबाजार पुलिस थाना पूछताछ के लिए लाया गया. उन्होंने कहा, 'हमने पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया है. उनकी गिरफ्तारी का कोई भी फैसला उचित समय पर लिया जाएगा.'

उल्लेखनीय है कि ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू), भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) सहित कई संगठनों ने विधायक के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज कराई है.

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी राज्य में उपचुनाव से पहले विधायक द्वारा की गई 'सांप्रदायिक रूप से उत्तेजक' टिप्पणी के लिए शुक्रवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया और तीन दिन में उनसे जवाब तलब किया है.

अहमद ने भाजपा नीत सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ नेताओं के आरोपों कि दरांग जिले के सिपाझार में वर्ष 1983 के छह वर्षीय असम आंदोलन के दौरान भी कथित अतिक्रमणकारियों ने आठ लोगों की ‘हत्या’ की थी पर प्रतिक्रिया देते हुए कथित तौर पर 'सांप्रदायिक' टिप्पणी की थी.

विधायक ने दावा किया था कि आंदोलन के दौरान जो आठ लोग मारे गए थे वे 'वे शहीद नहीं थे बल्कि हत्यारे' थे और सिपाझार इलाके में अन्य के साथ अल्पसंख्यकों के संहार में शामिल थे। इसी इलाके में गोरुखुटी है.

विधायक पर आरोप है कि उन्होंने हत्याओं को न्यायोचित ठहराते हुए कथित तौर पर कहा था कि ये हत्याएं इलाके की मुस्लिम आबादी ने 'आत्मरक्षा' में किया था. वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल असम गण परिषद ने डिब्रूगढ़, बारपेटा, मंगलदोई, धेमाजी, तेजपुर, विश्वनाथ, नलबाड़ी, बोगाईगांव, माजुली और मोरीगांव सहित कई इलाकों में प्रदर्शन किया और विधायक का पुतला फूंका.

पढ़ें- असम समझौते के कार्यान्वयन के लिए रूपरेखा तैयार करने के वास्ते सरकार ने समिति बनाई

गौरतलब है कि पिछले महीने दरांग जिले में अवैध कब्जा हटाने का अभियान पहले दिन शांतिपूर्ण रहा लेकिन दूसरे दिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद पुलिस द्वारा चलाई गोली में 12 साल के लड़के सहित दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि पुलिसकर्मियों सहित करीब 20 लोग घायल हुए थे.

(पीटीआई-भाषा)

गुवाहाटी : असम के दरांग जिले में हाल में अवैध कब्जा खाली कराए जाने का संदर्भ देते हुए कथित तौर 'भड़काऊ' टिप्पणी करने के आरोप में राज्य विधानसभा में कांग्रेस विधायक शेरमन अली अहमद को शनिवार को हिरासत में लिया गया. वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

अधिकारी ने बताया कि अहमद को दिसपुर स्थित विधायक क्वार्टर से हिरासत में लेकर पानबाजार पुलिस थाना पूछताछ के लिए लाया गया. उन्होंने कहा, 'हमने पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया है. उनकी गिरफ्तारी का कोई भी फैसला उचित समय पर लिया जाएगा.'

उल्लेखनीय है कि ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू), भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) सहित कई संगठनों ने विधायक के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज कराई है.

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी राज्य में उपचुनाव से पहले विधायक द्वारा की गई 'सांप्रदायिक रूप से उत्तेजक' टिप्पणी के लिए शुक्रवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया और तीन दिन में उनसे जवाब तलब किया है.

अहमद ने भाजपा नीत सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ नेताओं के आरोपों कि दरांग जिले के सिपाझार में वर्ष 1983 के छह वर्षीय असम आंदोलन के दौरान भी कथित अतिक्रमणकारियों ने आठ लोगों की ‘हत्या’ की थी पर प्रतिक्रिया देते हुए कथित तौर पर 'सांप्रदायिक' टिप्पणी की थी.

विधायक ने दावा किया था कि आंदोलन के दौरान जो आठ लोग मारे गए थे वे 'वे शहीद नहीं थे बल्कि हत्यारे' थे और सिपाझार इलाके में अन्य के साथ अल्पसंख्यकों के संहार में शामिल थे। इसी इलाके में गोरुखुटी है.

विधायक पर आरोप है कि उन्होंने हत्याओं को न्यायोचित ठहराते हुए कथित तौर पर कहा था कि ये हत्याएं इलाके की मुस्लिम आबादी ने 'आत्मरक्षा' में किया था. वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल असम गण परिषद ने डिब्रूगढ़, बारपेटा, मंगलदोई, धेमाजी, तेजपुर, विश्वनाथ, नलबाड़ी, बोगाईगांव, माजुली और मोरीगांव सहित कई इलाकों में प्रदर्शन किया और विधायक का पुतला फूंका.

पढ़ें- असम समझौते के कार्यान्वयन के लिए रूपरेखा तैयार करने के वास्ते सरकार ने समिति बनाई

गौरतलब है कि पिछले महीने दरांग जिले में अवैध कब्जा हटाने का अभियान पहले दिन शांतिपूर्ण रहा लेकिन दूसरे दिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद पुलिस द्वारा चलाई गोली में 12 साल के लड़के सहित दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि पुलिसकर्मियों सहित करीब 20 लोग घायल हुए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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