बागपत : चीन में चल रहे एशियन गेम्स में 50 मीटर 3 पोजीशन रायफल पुरुष टीम इवेंट में जिले के खिलाड़ी अखिल श्योराण ने सोने पर निशाना साधा है. स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाते ही पूरा शहर जश्न में डूब गया. खिलाड़ी के गांव अंगदपुर में भी खुशियां मनाई जा रहीं हैं. माता-पिता समेत पूरा गांव खिलाड़ी की इस उपलब्धि पर गर्व कर रहा है. परिजनों के अनुसार अखिल हमेशा से ही अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहे हैं. उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है. उसने अपने सपने को साकार करके दिखा दिया.
किसान के बेटे हैं अखिल श्योराण : बिनौली इलाके के अंगदपुर गांव के खिलाड़ी अखिल श्योराण ने चीन में चल रहे एशियन गेम्स में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. अखिल को यह उपलब्धि टीम के साथ मिली है. अखिल श्योराण किसान रविंद्र के बेटे हैं. वह पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हैं. पदक जीतने के बाद अखिल के घर और गांव में खुशी का माहौल है. अखिल के पिता रविंद्र श्योराण और माता ममता का कहना है कि सुबह नींद से जागे तो बेटे की उपलब्धि के बारे में जानकर खुशी से झूम उठे.
शूटिंग वर्ल्ड कप में जीता था स्वर्ण पदक : परिजनों के अनुसार अखिल श्योराण ने मार्च महीने में मैक्सिको में हुए शूटिंग वर्ल्ड कप में 50 मीटर रायफल 3 पोजीशन स्पर्धा में 455.6 अंक लेकर स्वर्ण पदक जीता था. उसके बाद अखिल श्योराण ने विश्व चैंपियनशिप में 50 मीटर 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक का पांचवां कोटा हासिल किया था.
कॉलेज से शुरू की थी निशानेबाजी : अखिल के रिश्ते के बाबा कुलप्रकाश श्योराण ने बताया कि अखिल की उपलब्धि पर पूरा परिवार बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा है. उसने देश, परिवार, गांव और इलाके का नाम रोशन कर दिया है. रिश्तेदार लगातार फोन करके शुभकामनाएं दे रहे हैं. पोते अखिल ने शामली में प्राइमरी में पढ़ाई की. उसके बाद 6Th क्लास में मेरठ बाईपास मे गोडविन स्कूल में एडमिशन लिया. 12वीं तक की पढ़ाई वहीं से की. कॉलेज की शूटिंग रेंज से निशानेबाजी शुरू की. धीरे-धीरे इसमें उसकी रुचि बढ़ती गई.
पढ़ाई-लिखाई में तेज थे अखिल : कुलप्रकाश श्योराण ने बताया कि अखिल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से ग्रेजुशन किया. वहीं पर शूटिंग के सारे गुर सीखे. पोस्ट ग्रेजुएशन भी दिल्ली से किया. उसके बाद देश और विदेश में होने वाली प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. पोता सफलता के शिखर पर है, बहुत अच्छा लग रहा है. अखिल बचपन से ही शांत स्वभाव का था. पढ़ाई-लिखाई में बहुत तेज था. अखिल के पिता खेती करते हैं. पूरे परिवार ने अखिल को आगे बढ़ाने में पूरा सहयोग किया. उम्मीद है कि वह ओलंपिक प्रतियोगिताओं में भी गोल्ड मेडल जीतेगा.
भगवान ने पूरी की मुराद : अखिल की दादी विमल देवी ने बताया कि पोते की शानदार उपलब्धि पर बहुत खुशी हो रही है. पोते की जीत के लिए भगवान से प्रार्थना कर रही थी. ईश्वर ने मुराद पूरी कर दी. पोते की मेहनत आज कामयाब हो गई. भगवान से यही प्रार्थना है कि अखिल ऐसे ही देश का नाम रोशन करता रहे.
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