श्योपुर। मध्य प्रदेश के कूनो अभ्यारण में फिर से मादा चीता आशा भाग गई है. आशा कूनो नेशनल पार्क की सीमा से निकलकर शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान के एरिया में पहुंच गई है. वन विभाग को इसकी लोकेशन मिली है. आशा काफी समय तक पेड़ की छांव में आराम करती नजर आई. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क की जगह कम ही अच्छी लग रही है. इसलिए वह हर बार यहां से भागकर बाहर के जंगलों में बेखौफ घूमते नजर आ रहे हैं.
ओवान चीता भी कूनो से भाग चुका है: आशा के पहले ओवान भी कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकल कर ग्रामीण इलाकों में पहुंचा था. ओवान ने भी कई दिनों शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में अपना डेरा जमाया हुआ था. वन विभाग द्वारा परेशानियों से बचने और चीते की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नर चीते ओवान को अभी भी बड़े बाड़े में कैद किया हुआ है. आशा की निगरानी के लिए कूनो की एक टीम 12-12 घंटे की शिफ्ट में गाड़ी के साथ मौजूद है और ट्रैकिंग टीम भी आशा के पीछे ही चल रही है. उनकी मदद के लिए माधव राष्ट्रीय उद्यान की एक टीम भी वहां सुबह से मौजूद है.
धीरे-धारे आगे बढ़ रही आशा: नर चीता ओवान की तुलना में आशा कम दूरी तय कर रही है और आराम अधिक कर रही है. जबकि ओवान ने पांच दिन में ही 100 किमी से अधिक दूरी तय कर ली थी. उसने सुरवाया क्षेत्र में ग्रामीणों के मवेशी का भी शिकार किया था. पार्क के अधिकारियों की मानें तो आशा का स्वभाव थोड़ा शांत है. वह धीमे-धीमे आगे बढ़कर माधव नेशनल पार्क पहुंच चुकी है. ज्यादातर चीता रात में ही चलते हैं. दिन में वह ठंडी या आराम दायक जगह देखकर अपना समय व्यतीत करते हैं.
कुछ खबरें यहां पढ़ें |
कूनो से तीसरी बार भागी मादा चीता आशा: जानकारी के अनुसार मादा चीता आशा इससे पहले भी दो बार कूनो नेशनल पार्क की सीमा से निकल कर रिहायशी इलाके में पहुंच गई थी. दोनों ही बार कुछ दिनों तक जंगल और रिहायशी इलाके में भटकने के बाद मादा चीता आशा लौटकर कूनो नेशनल पार्क में पहुंच गई थी. यह वही मादा चीता आशा है, जिसका नामकरण खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. बता दें कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन की एक टीम लगातार मादा चीता आशा की ट्रैकिंग में जुटी हुई है. टीम द्वारा चीते की सुरक्षा और उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.