भोपाल। AIMIM का दावा है कि, भोपाल की नरेला विधानसभा में करीब 25 हजार लोगों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है. पार्टी का कहना है कि, विधानसभा चुनाव से पहले AIMIM में 10 लाख से भी ज्यादा मेंबर बनाए जाएं. लोग उत्साह के साथ असदुद्दीन ओवैसी के साथ आ रहे हैं. भारत में ओवैसी के बाद हैदराबादी बिरयानी बहुत मशहूर है (owaisi biryani politics mp). नरेला में लोगों को जोड़ने के लिए बिरयानी की दावतें भी दे रहे हैं. ओवैसी यूं तो लगातार देश में हिजाब को लेकर बीजेपी पर हमलावर बने हुए हैं. वो लगातार कह रहे हैं कि वो दिन दूर नहीं जब भारत में भी हिजाब वाली बच्ची पीएम के पद पर शोभी बढाएगी. (Asaduddin Owaisi hijab politics) लेकिन हैदराबाद से एमपी आते आते उनकी रणनीति थोड़ी बदल गई है (aimim mission 2023 strategy) . यहां वो लोगों के स्वाद को हथियार बना उनके पेट तक पहुंच दिमाग में अपनी नई छवि गढ़ेंगे.
ओवैसी की एमपी में चुनावी रणनीति: ओवैसी के बारे में राजनीतिक पंडितों कहना है कि, ओवैसी की पार्टी दंगे और तनाव पर सियासी फसल काटना चाहते हैं. पार्टी ने खरगोन और बुरहानपुर समेत 7 शहर ऐसे चुने हैं, जहां सांप्रदायिक माहौल ज्यादातर नाजुक रहता है. दो शहरों में मेयर सहित 51 प्रत्याशी उतारे हैं. इनमें से 49 मुस्लिम हैं. पार्टी से मैदान में उतरने वाले अधिकतर की उम्र 25 से 35 के बीच है. वहीं कांग्रेस को बुरहानपुर नगर निगम में मिली हार की वजह भी ओवैसी की एंट्री मानी जा रही है, यदि AIMIM कांग्रेस का वोट नहीं काटती तो कांग्रेस को एक और नगर निगम मिल गई होती. हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में खंडवा, बुरहानपुर समेत कई इलाकों में एआईएमआईएम के 7 पार्षद जीते हैं. (Owaisi entry in MP) (hyderabadi biryani in mp)
ओवैसी ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता: 2023 के चुनाव के लिए ओवैसी की पार्टी की सक्रियता से कांग्रेस परेशान है. कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज कहते हैं कि अल्पसंख्यक वर्ग का भरोसा कांग्रेस पार्टी पर है. वोटर भी जानता है कि, ओवैसी बीजेपी की (B) पार्टी है. ये चाहे जितनी दावतें कर लें. इसका असर 2023 के चुनाव पर नहीं होने वाला है.
दावत से बीजेपी बेफिक्र: एआईएमआईएम की सक्रियता बढ़ने से बीजेपी खुश नजर आ रही है. बीजेपी के प्रवक्ता हितेश वाजपेई ने कहा अल्पसंख्यक वर्ग का अब कांग्रेस से मोहभंग हो गया है. मुस्लिम वर्ग बीजेपी या दूसरी पार्टी में अपना भविष्य तलाश रहे हैं. हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में हमने देख लिया की अल्पसंख्यक कांग्रेस से दूर हो गए हैं.
जबलपुर: असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने मध्यप्रदेश में की एंट्री, दो सीटों पर जमाया कब्जा
ओवैसी की तरफ खिंच रहे मतदाता: मध्य प्रदेश में लगभग 10 फीसदी मुसलमान हैं. राज्य में करीब 24 के आस पास विधानसभा सीटें मुस्लिम बाहुल्य हैं. इसके अलावा 10 से 12 सीट पर मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका पर हैं. मुस्लिम मतदाताओं को आमतौर पर कांग्रेस का समर्थक समझा जाता है, लेकिन कई राज्यों में हुए चुनावों में मुस्लिम वोटर अब ओवैसी की तरफ खिंचता नजर आ रहा है.
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