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ड्रग्स पार्टी मामला : आर्यन खान के दोस्त अरबाज ने NCB के आरोपों को बताया फर्जी

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Published : Oct 7, 2021, 1:53 PM IST

क्रूज शिप पर ड्रग्स पार्टी मामले में गिरफ्तार किए गए आर्यन खान के दोस्त अरबाज मर्चेंट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर की जमानत अर्जी में एनसीबी के आरोपों का झूठा और फर्जी बताया है. साथ ही उसने शिप के सीसीटीवी फुटेज कोर्ट में दिखाने की मांग की हैं.

ड्रग्स पार्टी मामला
ड्रग्स पार्टी मामला

मुंबई : क्रूज शिप पर पार्टी के दौरान प्रतिबंधित ड्रग्स बरामद किए जाने के मामले में गिरफ्तार अरबाज मर्चेंट (26) ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. आर्यन खान के दोस्त मर्चेंट ने अपनी याचिका में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के आरोपों को झूठा और फर्जी बताया है. साथ ही एनसीबी पर तथ्यों को छुपाकर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

मर्चेंट ने कहा है कि एनसीबी द्वारा आर्यन खान और उसके खिलाफ रिमांड आवेदन में मामले में बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद करने का उल्लेख किया गया था, जबकि उसके पास से कथित तौर पर केवल छह ग्राम चरस बरामद की गई थी.

मर्चेंट ने अपनी याचिका में कहा है, 'अभियोजन पक्ष ने भौतिक तथ्यों को छुपाकर माननीय न्यायालय को गुमराह किया है. विभाग को अदालत के सामने साफ हाथों से आना चाहिए था और व्यक्तिगत वसूली के लिए आरोपियों पर व्यक्तिगत रूप से मुकदमा चलाया जाना चाहिए, क्योंकि इनमें से प्रत्येक आरोपी व्यक्ति जो क्रूज जहाज पर व्यक्तिगत रूप से यात्रा कर रहा था, न कि समूह में.'

बता दें, एनसीबी ने मर्चेंट, खान और मुमुन धमेचा को कथित ड्रग केस में गिरफ्तार किया था. तीनों को रविवार को अदालत के सामने पेश किया गया था, बाद में उनकी हिरासत गुरुवार तक बढ़ा दी गई थी.

एनसीबी ने इन पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत धारा 20 बी, 27, 28, 29 और धारा 35 सहपठित धारा 8 (सी) के तहत आरोप लगाए गए हैं.

मर्चेंट ने जमानत अर्जी में दावा किया है कि एनडीपीएस एक्ट के 27 के तहत उन पर अधिक से अधिक कन्ज़प्शन (खपत) का आरोप लगाया जा सकता है, जिसमें अधिकतम सजा का प्रावधान एक साल और 20,000 रुपये जुर्माना है.

याचिका में कहा गया है, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि जमानत देने पर कोई रोक नहीं है और आगे कि निर्धारित सजा का प्रावधान अधिकतम केवल 20,000 रुपये का जुर्माना है, यह विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि आवेदक जमानत का हकदार है.

मर्चेंट ने कहा है कि छापे के जब्ती पंचनामा पर बहुत अधिक निर्भर करता है कि उसका सह-आरोपी से बरामदगी से कोई संबंध नहीं है और एनडीपीएस एक्ट की धारा 29 दुर्भावना से लागू की गई है.

सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग

मर्चेंट ने कहा है कि पंचनामा से स्पष्ट है कि सीआईएसएफ को इंटरनेशनल टर्मिनल, ग्रीन गेट, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, फोर्ट, मुंबई में तैनात किया गया था और पूरा बंदरगाह सीसीटीवी निगरानी में है.

उसने कहा, 'यह विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि कथित बरामदगी के संबंध में पंचनामा, इसकी सामग्री और अभियोजन पक्ष के पूरे मामले की सत्यता की जांच के लिए सी.सी. इंटरनेशनल टर्मिनल, ग्रीन गेट, मुंबई में दो अक्टूबर 2021 के सीसीटीवी फुटेज पेश किए जा सकते हैं.'

मर्चेंट का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से पता चलेगा कि आवेदक के कब्जे से कोई प्रतिबंधित सामग्री बरामद नहीं हुई थी या नहीं.

यह भी पढ़ें- ड्रग्स पार्टी मामला : आर्यन खान को पकड़वाने में भाजपा नेता का आया नाम

मुंबई : क्रूज शिप पर पार्टी के दौरान प्रतिबंधित ड्रग्स बरामद किए जाने के मामले में गिरफ्तार अरबाज मर्चेंट (26) ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. आर्यन खान के दोस्त मर्चेंट ने अपनी याचिका में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के आरोपों को झूठा और फर्जी बताया है. साथ ही एनसीबी पर तथ्यों को छुपाकर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

मर्चेंट ने कहा है कि एनसीबी द्वारा आर्यन खान और उसके खिलाफ रिमांड आवेदन में मामले में बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद करने का उल्लेख किया गया था, जबकि उसके पास से कथित तौर पर केवल छह ग्राम चरस बरामद की गई थी.

मर्चेंट ने अपनी याचिका में कहा है, 'अभियोजन पक्ष ने भौतिक तथ्यों को छुपाकर माननीय न्यायालय को गुमराह किया है. विभाग को अदालत के सामने साफ हाथों से आना चाहिए था और व्यक्तिगत वसूली के लिए आरोपियों पर व्यक्तिगत रूप से मुकदमा चलाया जाना चाहिए, क्योंकि इनमें से प्रत्येक आरोपी व्यक्ति जो क्रूज जहाज पर व्यक्तिगत रूप से यात्रा कर रहा था, न कि समूह में.'

बता दें, एनसीबी ने मर्चेंट, खान और मुमुन धमेचा को कथित ड्रग केस में गिरफ्तार किया था. तीनों को रविवार को अदालत के सामने पेश किया गया था, बाद में उनकी हिरासत गुरुवार तक बढ़ा दी गई थी.

एनसीबी ने इन पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत धारा 20 बी, 27, 28, 29 और धारा 35 सहपठित धारा 8 (सी) के तहत आरोप लगाए गए हैं.

मर्चेंट ने जमानत अर्जी में दावा किया है कि एनडीपीएस एक्ट के 27 के तहत उन पर अधिक से अधिक कन्ज़प्शन (खपत) का आरोप लगाया जा सकता है, जिसमें अधिकतम सजा का प्रावधान एक साल और 20,000 रुपये जुर्माना है.

याचिका में कहा गया है, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि जमानत देने पर कोई रोक नहीं है और आगे कि निर्धारित सजा का प्रावधान अधिकतम केवल 20,000 रुपये का जुर्माना है, यह विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि आवेदक जमानत का हकदार है.

मर्चेंट ने कहा है कि छापे के जब्ती पंचनामा पर बहुत अधिक निर्भर करता है कि उसका सह-आरोपी से बरामदगी से कोई संबंध नहीं है और एनडीपीएस एक्ट की धारा 29 दुर्भावना से लागू की गई है.

सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग

मर्चेंट ने कहा है कि पंचनामा से स्पष्ट है कि सीआईएसएफ को इंटरनेशनल टर्मिनल, ग्रीन गेट, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, फोर्ट, मुंबई में तैनात किया गया था और पूरा बंदरगाह सीसीटीवी निगरानी में है.

उसने कहा, 'यह विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि कथित बरामदगी के संबंध में पंचनामा, इसकी सामग्री और अभियोजन पक्ष के पूरे मामले की सत्यता की जांच के लिए सी.सी. इंटरनेशनल टर्मिनल, ग्रीन गेट, मुंबई में दो अक्टूबर 2021 के सीसीटीवी फुटेज पेश किए जा सकते हैं.'

मर्चेंट का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से पता चलेगा कि आवेदक के कब्जे से कोई प्रतिबंधित सामग्री बरामद नहीं हुई थी या नहीं.

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