देहरादून: सेना का हिस्सा बनना और एक अफसर के रूप में अपनी जिम्मेदारी को निभाना हर युवा का सपना होता है. इसी सपने को पूरा करने के लिए देश के तमाम राज्यों से युवा अकादमी तक पहुंचने का कठिन सफर इख्तियार करते हैं. सीमावर्ती राज्य अरुणाचल निवासी डाचो योक हेचे ने भी इस सफर को चुना और अपनी लंबी यात्रा के उस पड़ाव पर पहुंच गए, जहां पहुंचाना काफी मुश्किल होता है. डाचो योक सीमावर्ती राज्य अरुणाचल से आते हैं. उन्होंने इस बैच में अरुणाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व भी किया है. दरअसल अरुणाचल प्रदेश से केवल डाचो योक ही इस बैच में जगह बना पाए हैं.
मोमबत्ती की तरह जलकर डाचो योक ने हासिल की मंजिल: अफसर डाचो योक हेचे बताते हैं कि उनके लिए आज का दिन एक बड़े अचीवमेंट के रूप में है, क्योंकि उन्होंने जो सपना देखा था, आज उसे पूरा कर लिया है. सेना के अफ़सर के रूप में उन्हें चुने जाने तक के इस सफर को डाचो योक ग्रेट जर्नी बताते हैं. उन्होंने कहा कि यह काफी मुश्किल सफर था और देर रात तक जलने वाली मोमबत्ती की तरह उन्होंने बेहद कठिन लक्ष्य को हासिल किया है.
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डाचो योक ने प्रशिक्षण की दी जानकारी: डाचो योक हेचे ने बताया कि अकादमी में बेहद सिस्टमैटिक रूप से जेंटलमैन कैडेट्स को प्रशिक्षण दिया जाता है. इसमें डिफेंस सिस्टम के लिए अलग-अलग सेशन में तमाम प्रशिक्षण कार्यक्रम होते हैं. इस दौरान जेंटलमैन क्रेडिट को बेसिक ट्रेनिंग सिस्टम से होकर गुजरना होता है. इसके अलावा ट सेक्शन से लेकर ड्रिल और वेपन तक के लिए अलग-अलग ट्रेनिंग को डिसाइड किया गया है और जेंटलमैन कैडेट्स इन सभी प्रशिक्षण के जरिए खुद को मजबूत और आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करते हैं.
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