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शिक्षक भर्ती घोटाला: अर्पिता मुखर्जी ने बहनोई को बनाया तीन कंपनियों में डायरेक्टर

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Published : Aug 3, 2022, 10:28 PM IST

अर्पिता मुखर्जी के एक-एक राज खुलकर सामने आ रहे हैं. शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार अर्पिता से जुड़ी कंपनियों का खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि अर्पिता ने अपने बहनोई को तीन कंपिनों में डायरेक्टर बनाया था. मगर बहनोई का कहना है कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

Arpita Mukherjee
अर्पिता मुखर्जी

कोलकाता: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार अर्पिता मुखर्जी को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं. इसी कड़ी में अर्पिता के फर्जीवाड़ा को लेकर एक और खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, अर्पिता मुखर्जी ने न सिर्फ अपने बहनोई को बिजनेस पार्टनर बनाया, जबकि तीन कंपनियों में उसे डायरेक्टर भी नियुक्त किया था. लेकिन पेशे से कैब ड्राइवर बहनोई को इस बारे में कोई खबर नहीं थी.

अर्पिता मुखर्जी के बहनोई की पहचान कल्याण धार के रूप में हुई है. अर्पिता ने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए कल्याण को तीन फर्जी कंपनियों में निदेशक नियुक्त किया था. इन कंपनियों के नाम सिम्बायोसिस मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड, सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और एचे एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड बताए गए हैं. ईडी की जांच में पता चला है कि कल्याण धर, अर्पिता मुखर्जी की छोटी बहन का पति है. हालांकि, धर ने ईडी अधिकारियों को बताया कि उन्हें तीन कंपनियों के निदेशक के रूप में अपना नाम शामिल किए जाने की कोई जानकारी नहीं है.

धार ने ईडी को बताया कि अर्पिता मुखर्जी ने 10,000 रुपये के मासिक वेतन पर उन्हें अपना निजी ड्राइवर नियुक्त किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया. वहीं, अर्पिता मुखर्जी के भाई ने यह भी बताया कि वह अपनी पत्नी की बड़ी बहन के लिए भी छोटे-मोटे काम करता था, जिसमें निजी इस्तेमाल का सामान खरीदना और दक्षिण कोलकाता के डायमंड पार्क कॉम्प्लेक्स स्थित उनके आवास तक पहुंचाना शामिल था.

यह भी पढ़ें- शिक्षक भर्ती घोटाला: ढाई लाख रुपये के फल खाते थे पार्थ चटर्जी!

ईडी को पहले ही शिकायत मिल चुकी है कि एचे एंटरटेनमेंट (Echhay Entertainment) का पता धर के छोटे भाई की केबल टेलीविजन कंपनी के नाम पर दर्ज है. उसने अपने दावे के पक्ष में ट्रेड लाइसेंस सहित दस्तावेज भी प्रस्तुत किए.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार अर्पिता मुखर्जी को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं. इसी कड़ी में अर्पिता के फर्जीवाड़ा को लेकर एक और खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, अर्पिता मुखर्जी ने न सिर्फ अपने बहनोई को बिजनेस पार्टनर बनाया, जबकि तीन कंपनियों में उसे डायरेक्टर भी नियुक्त किया था. लेकिन पेशे से कैब ड्राइवर बहनोई को इस बारे में कोई खबर नहीं थी.

अर्पिता मुखर्जी के बहनोई की पहचान कल्याण धार के रूप में हुई है. अर्पिता ने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए कल्याण को तीन फर्जी कंपनियों में निदेशक नियुक्त किया था. इन कंपनियों के नाम सिम्बायोसिस मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड, सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और एचे एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड बताए गए हैं. ईडी की जांच में पता चला है कि कल्याण धर, अर्पिता मुखर्जी की छोटी बहन का पति है. हालांकि, धर ने ईडी अधिकारियों को बताया कि उन्हें तीन कंपनियों के निदेशक के रूप में अपना नाम शामिल किए जाने की कोई जानकारी नहीं है.

धार ने ईडी को बताया कि अर्पिता मुखर्जी ने 10,000 रुपये के मासिक वेतन पर उन्हें अपना निजी ड्राइवर नियुक्त किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया. वहीं, अर्पिता मुखर्जी के भाई ने यह भी बताया कि वह अपनी पत्नी की बड़ी बहन के लिए भी छोटे-मोटे काम करता था, जिसमें निजी इस्तेमाल का सामान खरीदना और दक्षिण कोलकाता के डायमंड पार्क कॉम्प्लेक्स स्थित उनके आवास तक पहुंचाना शामिल था.

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ईडी को पहले ही शिकायत मिल चुकी है कि एचे एंटरटेनमेंट (Echhay Entertainment) का पता धर के छोटे भाई की केबल टेलीविजन कंपनी के नाम पर दर्ज है. उसने अपने दावे के पक्ष में ट्रेड लाइसेंस सहित दस्तावेज भी प्रस्तुत किए.

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