नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मार्च, 2021 में तय किए गए नये मानदंडों के आधार पर भारतीय सेना की 147 और महिला शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिया गया है.
न्यायालय ने 25 मार्च को कहा था कि महिला एसएससी अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के लिए सेना के मूल्यांकन का मानदंड व्यवस्थागत तरीके से उनके प्रति भेदभाव करता है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार महिला अधिकारियों पर पुन:विचार किया गया है, ताजा परिणामों की घोषणा कर दी गई है. नतीजतन और 147 महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिया जा रहा है. 615 अधिकारियों का मूल्यांकन किया गया था, जिनमें से कुल 424 अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिया गया है.
बयान के अनुसार, कुछ महिला अधिकारियों के परिणाम प्रशासनिक कारणों से रोके गए हैं और केन्द्र सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका पर फैसला आने का इंतजार है. उच्चतम न्यायालय ने फरवरी, 2020 में ऐतिहासिक फैसले में केन्द्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह सुनिश्चित करे कि एसएससी महिला अधिकारियों को कमांड पोस्टिंग सहित सेना में स्थाई कमीशन दिया जाए.
इसके बाद सेना ने महिला अधिकारियों के लिए सितंबर, 2020 में विशेष चयन बोर्ड का गठन किया, जिसने नवंबर 2020 में परिणामों की घोषणा की. जिन महिला अधिकारियों को नवंबर, 2020 में स्थाई कमीशन नहीं मिला, उन्होंने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी थी, इसी पर न्यायालय ने मार्च, 2021 में फैसला सुनाया.
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रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि जिन महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन मिला है उन सभी को विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और चुनौतीपूर्ण सैन्य असाइनमेंट से गुजरना होगा, ताकि वे सेना ने उच्च नेतृत्व के लिए तैयार हो सकें.
(पीटीआई-भाषा)