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IMA POP: हिंद की सेना को मिले 314 नए जांबाज, देखते ही बनी जेंटलमैन कैडेटों की कदमताल

आज देहरादून में IMA की पासिंग आउट परेड हुई. पासिंग आउट परेड के बाद देश को 314 सैन्य ऑफिसर मिल गए हैं. आज की पासिंग आउट परेड में 11 मित्र देशों के कुल 30 कैडेट्स भी पास आउट हुए हैं. उत्तराखंड के 29 जेंटलमैन कैडेट पास आउट होकर सेना में अफसर बने हैं. पवन कुमार को स्वार्ड ऑफ ऑनर के साथ बेस्ट कैडेट का गोल्ड मेडल मिला है.

IMA POP
हिमाचल प्रदेश के अखिल कौशल भी बने लेफ्टिनेंट
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Published : Dec 10, 2022, 6:44 PM IST

देहरादून: 10 दिसंबर 2022 को यानी आज भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) की पासिंग आउट परेड संपन्न हुई. आईएमए की इस बार की पासिंग आउट परेड में कुल 344 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट हुए हैं. इनमें से 314 भारतीय मूल के कैडेट्स परेड में अंतिम पग पार कर भारतीय सेना में बतौर अधिकारी शामिल हुए हैं. आईएमए पासिंग आउट परेड में 11 मित्र देशों के 30 विदेशी कैडेट्स भी पास आउट होकर अपने-अपने राष्ट्र के सेना में शामिल होंगे. आज की पासिंग आउट परेड में उत्तराखंड के 29 कैडेट्स भी पास आउट हुए हैं.

पवन कुमार को मिला बेस्ट कैडेट का गोल्ड मेडल: आईएमए की पासिंग आउट परेड में बेस्ट जेंटलमैन कैडेट का गोल्ड मेडल पवन कुमार को मिला है. पवन कुमार को स्वार्ड ऑफ ऑनर भी मिला है. बेस्ट कैडेट का सिल्वर मेडल जगजीत सिंह ने पाया है. अभिषेक शर्मा को टीजीसी में रजत पदक मिला है. ब्रांज मेडल पुरापू लिखित ने प्राप्त किया है. चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का सम्मान जोजिला कंपनी को मिला है. बेस्ट मित्र देशों के कैडेट का सम्मान नेपाल के अश्विन को मिला है.

श्रीनगर के अरुण पुरोहित बने लेफ्टिनेंट: पासिंग आउट परेड के बाद अरुण पुरोहित सेना में लेफ्टिनेंट (Arun Purohit at the passing out parade) बने हैं. सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अरुण पुरोहित ने माता पिता की चाहत को पूरा किया है. अरुण पुरोहित के सेना की पिपिंग सेरेमनी के बाद अरुण के परिजन काफी खुश नजर आये. अरुण पुरोहित के पिता भी वर्षों तक 2nd गढ़वाल रेजीमेंट में सेवा करने के बाद रिटायर्ड हुए.

इस मौके पर अरुण के पिता ने कहा जीवन में एक सैन्य अफसर बनने का सपना था, जिसे बेटे ने पूरा किया है. आज पूरा परिवार हर्षोल्लास के साथ गौरवान्वित है. अरुण पुरोहित के चाचा का कहना है कि जीवन में एक सपना था कि हमें भी कभी पीपिंग सेरेमनी में जाने का मौका मिले, जिसे आज भतीजे ने पूरा किया है. जीवन की हसरत पूरी हो गई है. बेटे के कंधों पर राष्ट्र सेवा के स्टार देखकर खुशी बयां नहीं हो रही है, मन भावुक है. उत्तराखंड की पहचान में बेटा देश सेवा के जीवन को आगे बढ़ाने जा रहा है.

श्रीनगर के अरुण पुरोहित बने लेफ्टिनेंट.
पढे़ं- IMA POP: देश को मिले 314 सैन्य अफसर, उत्तराखंड के 29 जीसी पास आउट, पवन को गोल्ड मेडल

अल्मोड़ा के नितेश बिष्ट भी हुए पास आउट: अल्मोड़ा में रहने वाले नितेश बिष्ट (Nitesh Bisht of Almora passed out from IMA) के पिता का कहना है कि उत्तराखंड राष्ट्र सेवा के लिए अपनी अलग पहचान रखता है. इसी परंपरा को उन्होंने वर्षों तक देश सेवा कर आगे बढ़ाया है. अब उनका बेटा नितेश भी इस परंपरा को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है. नितेश बिष्ट के कंधों पर सितारे सजने से पूरा परिवार गौरवान्वित हैं.

अल्मोड़ा के नितेश बिष्ट भी हुए पास आउट.

नितेश बिष्ट के पिता ने कहा सेना से जुड़ना एक नौकरी नहीं बल्कि देश सेवा की भावना है, जो राष्ट्र सेवा के लिए जीने का मकसद सिखाती है. आज उनके बेटे ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दुनिया की सबसे बड़ी खुशी उन्हें दी है. पासिंग आउट परेड के बाद सैन्य अधिकारी बने नितेश बिष्ट (Nitesh Bisht of Almora passed out from IMA) ने कहा उनके माता पिता का सपना था कि सेना में शामिल होकर देश सेवा में अपनी भूमिका अदा करूं. इसी मकसद से उन्होंने एनडीए में 3 साल मेहनत की. आज IMA से विश्व स्तरीय ट्रेनिंग पूरी कर उन्हें सैन्य अधिकारी बनने का सौभाग्य हासिल हुआ है.

रितेश ने कहा युवाओं को देश सेवा के लिए आगे आना चाहिए. सेना की वर्दी से बड़ा कोई गर्व का विषय नहीं होता है. मेहनत और लगन के साथ अगर ईमानदारी से प्रयास किया जाए तो सफलता हाथ लगती है. उन्होंने कहा IMA ने उन्हें जो कुछ भी सिखाया है उसे वे जीवन भर याद रखेंगे.

पढे़ं- IMA POP: देश को मिले 314 सैन्य अफसर, उत्तराखंड के 29 जीसी पास आउट, पवन को गोल्ड मेडल

हिमाचल प्रदेश के अखिल कौशल भी बने लेफ्टिनेंट: भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून (Indian Military Academy Dehradun) से पास आउट होने वाले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के अखिल कौशल (Akhil Kaushal of Kangra Himachal Pradesh) भी कठिन परिश्रम और देश सेवा की भावना के जब्जे के साथ लेफ्टिनेंट बने हैं. अखिल का परिवार भी पीढ़ी दर पीढ़ी सेना में शामिल होकर देश सेवा में अपनी अहम भूमिका निभाता रहा है. अखिल के भाई निखिल कौशल भी कुछ ही समय पहले नेवी में ऑफिसर बने हैं. उनके पिता 34 साल तक देश सेवा में रहने के बाद ऑनरेरी कैप्टन पद से रिटायर हुए हैं.

हिमाचल प्रदेश के अखिल कौशल भी बने लेफ्टिनेंट.

कठिन परिश्रम से अखिल ने पूरा किया सपना: अखिल भी सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. लेफ्टिनेंट अखिल कौशल ने बताया कि वो एनडीए एग्जाम में चार बार असफल हुए, लेकिन सेना की वर्दी पहनने और मन कुछ कर गुजरने के जज्बे को लिए निरंतर मेहनत करते रहें. इसी का नतीजा था कि पांचवी बार में वह एनडीए एग्जाम (NDA exam) में सफल होकर IMA से पास आउट हो रहे हैं. अखिल ने कहा कि उन्हें आज इस बात की बड़ी खुशी है कि जिंदगी में जो वह बनना चाहते थे, वह पूरा हो गया. उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता, पिता और भाई को दिया है.
ये भी पढ़ें: IMA POP: पीपिंग सेरेमनी का शानदार वीडियो देखिए, आप भी कहेंगे- जोश हाई है

हरियाणा के रेवंत अहलावत बने लेफ्टिनेंट: इंडियन मिलट्री एकेडमी से पास आउट होने वालों में हरियाणा के रेवंत अहलावत का भी नाम शामिल हैं. रेवंत भी सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं. रेवंत ऐसे परिवार से आते हैं, जहां कई सदस्य दशकों से देश सेवा में कार्यरत हैं. रेवंत का परिवार चार पीढ़ियों से देश सेवा कर रहा है. इनके परिवार के सदस्य अलग-अलग सेनाओं में सैन्य अधिकारी के रूप में अपनी पहचान रखते हैं. रेवंत ने कहा उनके परिवार में दशकों से देश सेवा की परंपरा चली आ रही है. आज उन्होंने लेफ्टिनेंट बनकर, उसे आगे बढ़ाने का काम किया है. जिसकी वजह से उन्हें बेहद खुशी हो रही है.

हरियाणा के रेवंत अहलावत बने लेफ्टिनेंट.

आंध्र प्रदेश के किसान का बेटा बना ऑफिसर: आईएमए के चेटवुड बिल्डिंग में अंतिम पग पार कर लेफ्टिनेंट बने अजय रेड्डी आंध्र प्रदेश के गरीब किसान सुब्बी रेड्डी परिवार से आते हैं. आज अजय के कंधे पर गर्व का अहसास कराते दो स्टार देखकर माता पिता और सैन्य अधिकारी सुरेश रेड्डी का खुशी से ठिकाना नहीं रहा. एक लंबे दौर तक गरीबी में गुजर-बसर करने वाले किसान सुब्बी रेड्डी ने कहा आज उनके जीवन का ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा मैं हमेशा ही खेत में काम करते समय सपना देखता था कि मेरे दोनों बेटे एक दिन देश सेवा करेंगे. आज उनके बेटे ने उनकी यह हसरत पूरी तय कर दी है.

आंध्र प्रदेश के अजय रेड्डी भी बने लेफ्टिनेंट.

जय किसान और जय जवान के नारे को करेंगे बुलंद: आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जनपद से आने वाले लेफ्टिनेंट अजय रेड्डी के बड़े भाई सुरेश रेड्डी भी भारतीय सेना में ऑफिसर हैं. पिछले 12 सालों से वे अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सुरेश रेड्डी का कहना है कि माता-पिता का यही सपना था. उन्होंने कहा पिता ने सारी जिंदगी पूर्वजों की परंपरा को खेती किसान करके निभाया. अब उनके बेटे देश की सेवा में सैन्य अधिकारी बनकर जय किसान और जय जवान के नारे को बुलंद करेंगे.

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मंजूनाथ गौड़ भी सेना में बने अधिकारी: आंध्र प्रदेश के ही मंजूनाथ गौड़ (Manjunath Goud became an officer in army) भी आज सेना में शामिल हुए. कठिन परिश्रम और विश्व स्तरीय सैन्य ट्रेनिंग पाकर लेफ्टिनेंट बने मंजूनाथ गौड़ के माता-पिता ने बेटे के कंधों पर स्टार सजाए, जिसके बाद वे भावुक भी दिखें. वहीं, अपने छोटे भाई की सफलता देखकर बड़े भाई की आंखों में आंसू छलक पड़े. पास आउट होकर लेफ्टिनेंट बने मंजूनाथ गौड़ ने कहा आर्मी में बतौर सैन्य अधिकारी बनने का सपना पूरा हो गया है. उनके इस सपने को पूरा करने के लिए माता-पिता, भाई और परिवार ने मनोबल और साहस बढ़ाया.

आंध्र प्रदेश के मंजूनाथ गौड़ के परिजन भी खुश.

उन्होंने कहा आज वो जो कुछ भी बन पाये हैं उसमें परिवार की भूमिका है. वहीं, लेफ्टिनेंट मंजूनाथ के पिता ने कहा कि आज वे इतना गर्व महसूस कर रहे हैं, जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते. उन्होंने कहा देश सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है. इस सफर को बेटे ने शुरू किया है जो आगे इसी तरह बढ़ता जाएगा.

देहरादून: 10 दिसंबर 2022 को यानी आज भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) की पासिंग आउट परेड संपन्न हुई. आईएमए की इस बार की पासिंग आउट परेड में कुल 344 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट हुए हैं. इनमें से 314 भारतीय मूल के कैडेट्स परेड में अंतिम पग पार कर भारतीय सेना में बतौर अधिकारी शामिल हुए हैं. आईएमए पासिंग आउट परेड में 11 मित्र देशों के 30 विदेशी कैडेट्स भी पास आउट होकर अपने-अपने राष्ट्र के सेना में शामिल होंगे. आज की पासिंग आउट परेड में उत्तराखंड के 29 कैडेट्स भी पास आउट हुए हैं.

पवन कुमार को मिला बेस्ट कैडेट का गोल्ड मेडल: आईएमए की पासिंग आउट परेड में बेस्ट जेंटलमैन कैडेट का गोल्ड मेडल पवन कुमार को मिला है. पवन कुमार को स्वार्ड ऑफ ऑनर भी मिला है. बेस्ट कैडेट का सिल्वर मेडल जगजीत सिंह ने पाया है. अभिषेक शर्मा को टीजीसी में रजत पदक मिला है. ब्रांज मेडल पुरापू लिखित ने प्राप्त किया है. चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का सम्मान जोजिला कंपनी को मिला है. बेस्ट मित्र देशों के कैडेट का सम्मान नेपाल के अश्विन को मिला है.

श्रीनगर के अरुण पुरोहित बने लेफ्टिनेंट: पासिंग आउट परेड के बाद अरुण पुरोहित सेना में लेफ्टिनेंट (Arun Purohit at the passing out parade) बने हैं. सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अरुण पुरोहित ने माता पिता की चाहत को पूरा किया है. अरुण पुरोहित के सेना की पिपिंग सेरेमनी के बाद अरुण के परिजन काफी खुश नजर आये. अरुण पुरोहित के पिता भी वर्षों तक 2nd गढ़वाल रेजीमेंट में सेवा करने के बाद रिटायर्ड हुए.

इस मौके पर अरुण के पिता ने कहा जीवन में एक सैन्य अफसर बनने का सपना था, जिसे बेटे ने पूरा किया है. आज पूरा परिवार हर्षोल्लास के साथ गौरवान्वित है. अरुण पुरोहित के चाचा का कहना है कि जीवन में एक सपना था कि हमें भी कभी पीपिंग सेरेमनी में जाने का मौका मिले, जिसे आज भतीजे ने पूरा किया है. जीवन की हसरत पूरी हो गई है. बेटे के कंधों पर राष्ट्र सेवा के स्टार देखकर खुशी बयां नहीं हो रही है, मन भावुक है. उत्तराखंड की पहचान में बेटा देश सेवा के जीवन को आगे बढ़ाने जा रहा है.

श्रीनगर के अरुण पुरोहित बने लेफ्टिनेंट.
पढे़ं- IMA POP: देश को मिले 314 सैन्य अफसर, उत्तराखंड के 29 जीसी पास आउट, पवन को गोल्ड मेडल

अल्मोड़ा के नितेश बिष्ट भी हुए पास आउट: अल्मोड़ा में रहने वाले नितेश बिष्ट (Nitesh Bisht of Almora passed out from IMA) के पिता का कहना है कि उत्तराखंड राष्ट्र सेवा के लिए अपनी अलग पहचान रखता है. इसी परंपरा को उन्होंने वर्षों तक देश सेवा कर आगे बढ़ाया है. अब उनका बेटा नितेश भी इस परंपरा को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है. नितेश बिष्ट के कंधों पर सितारे सजने से पूरा परिवार गौरवान्वित हैं.

अल्मोड़ा के नितेश बिष्ट भी हुए पास आउट.

नितेश बिष्ट के पिता ने कहा सेना से जुड़ना एक नौकरी नहीं बल्कि देश सेवा की भावना है, जो राष्ट्र सेवा के लिए जीने का मकसद सिखाती है. आज उनके बेटे ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दुनिया की सबसे बड़ी खुशी उन्हें दी है. पासिंग आउट परेड के बाद सैन्य अधिकारी बने नितेश बिष्ट (Nitesh Bisht of Almora passed out from IMA) ने कहा उनके माता पिता का सपना था कि सेना में शामिल होकर देश सेवा में अपनी भूमिका अदा करूं. इसी मकसद से उन्होंने एनडीए में 3 साल मेहनत की. आज IMA से विश्व स्तरीय ट्रेनिंग पूरी कर उन्हें सैन्य अधिकारी बनने का सौभाग्य हासिल हुआ है.

रितेश ने कहा युवाओं को देश सेवा के लिए आगे आना चाहिए. सेना की वर्दी से बड़ा कोई गर्व का विषय नहीं होता है. मेहनत और लगन के साथ अगर ईमानदारी से प्रयास किया जाए तो सफलता हाथ लगती है. उन्होंने कहा IMA ने उन्हें जो कुछ भी सिखाया है उसे वे जीवन भर याद रखेंगे.

पढे़ं- IMA POP: देश को मिले 314 सैन्य अफसर, उत्तराखंड के 29 जीसी पास आउट, पवन को गोल्ड मेडल

हिमाचल प्रदेश के अखिल कौशल भी बने लेफ्टिनेंट: भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून (Indian Military Academy Dehradun) से पास आउट होने वाले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के अखिल कौशल (Akhil Kaushal of Kangra Himachal Pradesh) भी कठिन परिश्रम और देश सेवा की भावना के जब्जे के साथ लेफ्टिनेंट बने हैं. अखिल का परिवार भी पीढ़ी दर पीढ़ी सेना में शामिल होकर देश सेवा में अपनी अहम भूमिका निभाता रहा है. अखिल के भाई निखिल कौशल भी कुछ ही समय पहले नेवी में ऑफिसर बने हैं. उनके पिता 34 साल तक देश सेवा में रहने के बाद ऑनरेरी कैप्टन पद से रिटायर हुए हैं.

हिमाचल प्रदेश के अखिल कौशल भी बने लेफ्टिनेंट.

कठिन परिश्रम से अखिल ने पूरा किया सपना: अखिल भी सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. लेफ्टिनेंट अखिल कौशल ने बताया कि वो एनडीए एग्जाम में चार बार असफल हुए, लेकिन सेना की वर्दी पहनने और मन कुछ कर गुजरने के जज्बे को लिए निरंतर मेहनत करते रहें. इसी का नतीजा था कि पांचवी बार में वह एनडीए एग्जाम (NDA exam) में सफल होकर IMA से पास आउट हो रहे हैं. अखिल ने कहा कि उन्हें आज इस बात की बड़ी खुशी है कि जिंदगी में जो वह बनना चाहते थे, वह पूरा हो गया. उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता, पिता और भाई को दिया है.
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हरियाणा के रेवंत अहलावत बने लेफ्टिनेंट: इंडियन मिलट्री एकेडमी से पास आउट होने वालों में हरियाणा के रेवंत अहलावत का भी नाम शामिल हैं. रेवंत भी सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं. रेवंत ऐसे परिवार से आते हैं, जहां कई सदस्य दशकों से देश सेवा में कार्यरत हैं. रेवंत का परिवार चार पीढ़ियों से देश सेवा कर रहा है. इनके परिवार के सदस्य अलग-अलग सेनाओं में सैन्य अधिकारी के रूप में अपनी पहचान रखते हैं. रेवंत ने कहा उनके परिवार में दशकों से देश सेवा की परंपरा चली आ रही है. आज उन्होंने लेफ्टिनेंट बनकर, उसे आगे बढ़ाने का काम किया है. जिसकी वजह से उन्हें बेहद खुशी हो रही है.

हरियाणा के रेवंत अहलावत बने लेफ्टिनेंट.

आंध्र प्रदेश के किसान का बेटा बना ऑफिसर: आईएमए के चेटवुड बिल्डिंग में अंतिम पग पार कर लेफ्टिनेंट बने अजय रेड्डी आंध्र प्रदेश के गरीब किसान सुब्बी रेड्डी परिवार से आते हैं. आज अजय के कंधे पर गर्व का अहसास कराते दो स्टार देखकर माता पिता और सैन्य अधिकारी सुरेश रेड्डी का खुशी से ठिकाना नहीं रहा. एक लंबे दौर तक गरीबी में गुजर-बसर करने वाले किसान सुब्बी रेड्डी ने कहा आज उनके जीवन का ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा मैं हमेशा ही खेत में काम करते समय सपना देखता था कि मेरे दोनों बेटे एक दिन देश सेवा करेंगे. आज उनके बेटे ने उनकी यह हसरत पूरी तय कर दी है.

आंध्र प्रदेश के अजय रेड्डी भी बने लेफ्टिनेंट.

जय किसान और जय जवान के नारे को करेंगे बुलंद: आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जनपद से आने वाले लेफ्टिनेंट अजय रेड्डी के बड़े भाई सुरेश रेड्डी भी भारतीय सेना में ऑफिसर हैं. पिछले 12 सालों से वे अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सुरेश रेड्डी का कहना है कि माता-पिता का यही सपना था. उन्होंने कहा पिता ने सारी जिंदगी पूर्वजों की परंपरा को खेती किसान करके निभाया. अब उनके बेटे देश की सेवा में सैन्य अधिकारी बनकर जय किसान और जय जवान के नारे को बुलंद करेंगे.

पढे़ं- IMA POP: देश को मिले 314 सैन्य अफसर, उत्तराखंड के 29 जीसी पास आउट, पवन को गोल्ड मेडल

मंजूनाथ गौड़ भी सेना में बने अधिकारी: आंध्र प्रदेश के ही मंजूनाथ गौड़ (Manjunath Goud became an officer in army) भी आज सेना में शामिल हुए. कठिन परिश्रम और विश्व स्तरीय सैन्य ट्रेनिंग पाकर लेफ्टिनेंट बने मंजूनाथ गौड़ के माता-पिता ने बेटे के कंधों पर स्टार सजाए, जिसके बाद वे भावुक भी दिखें. वहीं, अपने छोटे भाई की सफलता देखकर बड़े भाई की आंखों में आंसू छलक पड़े. पास आउट होकर लेफ्टिनेंट बने मंजूनाथ गौड़ ने कहा आर्मी में बतौर सैन्य अधिकारी बनने का सपना पूरा हो गया है. उनके इस सपने को पूरा करने के लिए माता-पिता, भाई और परिवार ने मनोबल और साहस बढ़ाया.

आंध्र प्रदेश के मंजूनाथ गौड़ के परिजन भी खुश.

उन्होंने कहा आज वो जो कुछ भी बन पाये हैं उसमें परिवार की भूमिका है. वहीं, लेफ्टिनेंट मंजूनाथ के पिता ने कहा कि आज वे इतना गर्व महसूस कर रहे हैं, जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते. उन्होंने कहा देश सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है. इस सफर को बेटे ने शुरू किया है जो आगे इसी तरह बढ़ता जाएगा.

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