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Army Day parade : वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मजबूत रक्षात्मक रुख बरकरार रखा जा रहा: थलसेना प्रमुख

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Published : Jan 15, 2023, 10:57 AM IST

Updated : Jan 15, 2023, 5:27 PM IST

सेना दिवस पर थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि एलएसी पर भारतीय सेना किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने में सक्षम है. उन्होंने सीमा के इलाकों में हथियार के अलावा ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए ड्रोन जैमर का प्रयोग किया जा रहा है. पढ़िए पूरी खबर... Army Day parade

Army Day parade
आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे

बेंगलुरु : थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने रविवार को कहा कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक मजबूत रक्षात्मक रुख अपनाए हुए है और वह हर प्रकार की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. जनरल पांडे ने यहां 'सेना दिवस' समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति है और स्थापित प्रोटोकॉल एवं मौजूदा तंत्र के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाए गए हैं.

थलसेना प्रमुख ने पश्चिमी सीमा पर स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि नियंत्रण रेखा (LAC) पर संघर्षविराम जारी है और इसके उल्लंघन के मामलों में कमी आई है, लेकिन सीमा के दूसरी तरफ आतंकवादी ढांचा बरकरार है. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद से निपटने का हमारा तंत्र घुसपैठ की कोशिशें नाकाम कर रहा है.' जनरल पांडे ने जम्मू और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन के जरिए हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी की कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे निपटने के लिए ड्रोन जैमर का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा भारतीय सेना ओर अन्य सुरक्षा बल इन कोशिशों को नाकाम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

  • अग्निपथ योजना के आने से एक एतिहासिक और प्रगतिशील कदम उठाया है। हमने भर्ती प्रक्रिया को स्वचालित किया है।हमें देश के युवाओं से अच्छा प्रतिसाद मिला है। पुरुष अग्निवीर के पहले बैच की ट्रैनिंग शुरू हो चुकी है। अग्निवीरों को आगे चयन करने के लिए मजबूत प्रक्रिया विकसीत की है:सेना प्रमुख pic.twitter.com/vVuSEBrhaM

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) January 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जनरल पांडे ने कहा, 'हमारा ध्यान सद्भावना पैदा करने और विकासात्मक परियोजनाओं को पूरा करने पर भी केंद्रित है, जिनके माध्यम से हम स्थानीय आबादी को मुख्यधारा में ला सकते हैं. इसके तहत प्रभावशाली युवाओं को उनकी पसंद के पेशेवर क्षेत्रों और खेलों में अपने सपनों को पूरा करने के अवसर दिए जा रहे हैं.' उन्होंने पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि स्थिति में सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि सेना ने हिंसा को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और कई उग्रवादी समूहों ने सरकार के साथ शांति समझौता कर लिया है या इस दिशा में बातचीत चल रही है. थलसेना प्रमुख ने कहा कि इन क्षेत्रों के विकास में तेजी आई है और सेना दूरदराज के इलाकों में लोगों को सशक्त एवं समृद्ध बनाने में मदद करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगी.

जनरल पांडे ने भू-राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर भारतीय सेना में सुधारों के बारे में कहा कि वैश्विक सुरक्षा माहौल में पिछले साल बदलाव दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष ने विंध्वसकारी और दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों के महत्व को स्पष्ट रूप से साबित किया है. उन्होंने कहा, 'सूचना के इस्तेमाल वाला युद्ध, साइबर युद्ध और अंतरिक्ष युद्ध नए युद्ध क्षेत्र के रूप में उभरे हैं. ग्रे जोन (युद्ध एवं शांति के बीच की स्थिति) युद्ध ने भी यह साबित कर दिया है कि भविष्य में युद्धों और संघर्षों में 'नॉन काइनेटिक' (प्रत्यक्ष युद्ध न करके साइबर, खुफिया या अन्य माध्यमों से युद्ध करना और प्रतिद्वंद्वी के मनोबल को कमजोर करना) युद्ध भी 'काइनेटिक' (प्रत्यक्ष) युद्ध जितना महत्वपूर्ण होगा. इस वजह से युद्ध का मैदान अधिक जटिल, भयंकर और खतरनाक होता जा रहा है.'

थल सेना प्रमुख पांडे ने कहा कि व्यापक राष्ट्रीय शक्ति का एक महत्वपूर्ण घटक होने के नाते भारतीय सेना की यह जिम्मेदारी है कि वह हर स्थिति के लिए तैयार रहे. थलसेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्म-निर्भर भारत' के आह्वान के अनुरूप स्वदेशीकरण पर जोर दिया. जनरल पांडे ने कहा कि सुरक्षा के मामले में राष्ट्रीय प्रगति में कोई बाधा पैदा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अपनी अभियानगत तैयारियों को बढ़ावा देने के लिए बदलाव की एक बड़ी प्रक्रिया शुरू की है. जनरल पांडे ने कहा, 'हम अपने युद्धक दलों को एकीकृत युद्धक समूहों में बदलने की योजना बना रहे हैं, जो हमारे भविष्य के युद्धों में महत्वपूर्ण योगदान देंगे. पुराने प्रतिष्ठानों और इकाइयों को भंग किया जा रहा है या उपयुक्त बदलाव के जरिए उन्हें नया आकार दिया जा रहा है.'

ये भी पढ़ें : Jaishankar On Indian Foreign Policy : भारत की जवाबी प्रतिक्रिया ने दर्शाया है कि देश किसी के दबाव में नहीं आयेगा : जयशंकर

थलसेना प्रमुख ने कहा कि प्राथमिक ध्यान यह सुनिश्चित करने पर होगा कि जवान भावी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार और सुसज्जित हों. जनरल पांडे ने कहा कि आधुनिक हथियारों और उपकरणों के प्रावधान करना इसका अविभाज्य हिस्सा हैं और सेना इसके स्वदेशी समाधान के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, 'आत्मनिर्भरता के जरिए विकास हमारा नया मंत्र होगा.' उन्होंने कहा, 'हमें विश्वास है कि भारतीय सेना भारतीय समाधानों के जरिए भविष्य के युद्ध लड़ेगी और जीतेगी.' जनरल पांडे ने अग्निपथ योजना को मानव संसाधन विकास में एक ऐतिहासिक और प्रगतिशील कदम बताते हुए कहा, 'हमने भर्ती प्रक्रिया को स्वचालित कर दिया है. भर्ती के दौरान हमें देश भर के युवाओं से अच्छी प्रतिक्रिया मिली.'

उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के प्रशिक्षण को और प्रभावी बनाने के लिए सेना आधुनिक प्रशिक्षण तंत्र का उपयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के चयन के लिए एक मजबूत, पारदर्शी और स्वचालित प्रक्रिया विकसित की गई है।जनरल पांडे ने महिला अग्निवीरों की भर्ती के संबंध में बताया कि इस वर्ष मार्च से अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा और भारतीय सेना महिलाओं को सशक्त बनाना जारी रखेगी. थलसेना प्रमुख ने कहा, 'इसके अलावा, भारतीय सेना अंतरराष्ट्रीय रक्षा सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जिसमें हमारे प्रशिक्षण संस्थान शामिल हैं. इससे हमारे मित्र राष्ट्रों के 3,000 से अधिक अधिकारी और कर्मी लाभान्वित हुए हैं.' जनरल पांडे ने कहा, 'हमारे 11 भारतीय सैन्य प्रशिक्षण दल मित्र राष्ट्रों के साथ संबंध मजबूत कर रहे हैं. आठ शांति मिशन में 5,800 से अधिक संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों को तैनात किया गया है.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सेना दिवस के मौके पर भारतीय सेना की तारीफ करते हुए कहा कि सैनिकों ने हमेशा देश को सुरक्षित रखा है और संकट के समय सेवा के लिए व्यापक रूप से उनकी प्रशंसा की जाती है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि सेना दिवस पर, मैं सभी सैन्यकर्मियों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देता हूं. प्रत्येक भारतीय को हमारी सेना पर गर्व है और हम अपने सैनिकों के हमेशा आभारी रहेंगे. मोदी ने कहा कि उन्होंने हमेशा हमारे देश को सुरक्षित रखा है तथा संकट के समय सेवा के लिए उनकी व्यापक रूप से प्रशंसा की जाती है.

बता दें कि दिल्‍ली में होने वाली सेना दिवस परेड (Army Day Parade) पहली बार राष्ट्रीय राजधानी से बाहर हो रही है. बेंगलुरु के एमईजी एंड सेंटर के परेड ग्राउंड में सेना दिवस परेड का आयोजन किया गया. 1949 में समारोह शुरू होने के बाद से इसका आयोजन पहली बार दिल्ली के बाहर हो रहा है. इस दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे परेड की समीक्षा की और वीरता पुरस्कार प्रदान किया.

ये भी पढ़ें : PM Modi on leveraging power of science: भारत के युवा पृथ्वी को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान की शक्ति का लाभ उठा रहे : प्रधानमंत्री

(इनपुट-एजेंसी)

बेंगलुरु : थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने रविवार को कहा कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक मजबूत रक्षात्मक रुख अपनाए हुए है और वह हर प्रकार की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. जनरल पांडे ने यहां 'सेना दिवस' समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति है और स्थापित प्रोटोकॉल एवं मौजूदा तंत्र के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाए गए हैं.

थलसेना प्रमुख ने पश्चिमी सीमा पर स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि नियंत्रण रेखा (LAC) पर संघर्षविराम जारी है और इसके उल्लंघन के मामलों में कमी आई है, लेकिन सीमा के दूसरी तरफ आतंकवादी ढांचा बरकरार है. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद से निपटने का हमारा तंत्र घुसपैठ की कोशिशें नाकाम कर रहा है.' जनरल पांडे ने जम्मू और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन के जरिए हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी की कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे निपटने के लिए ड्रोन जैमर का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा भारतीय सेना ओर अन्य सुरक्षा बल इन कोशिशों को नाकाम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

  • अग्निपथ योजना के आने से एक एतिहासिक और प्रगतिशील कदम उठाया है। हमने भर्ती प्रक्रिया को स्वचालित किया है।हमें देश के युवाओं से अच्छा प्रतिसाद मिला है। पुरुष अग्निवीर के पहले बैच की ट्रैनिंग शुरू हो चुकी है। अग्निवीरों को आगे चयन करने के लिए मजबूत प्रक्रिया विकसीत की है:सेना प्रमुख pic.twitter.com/vVuSEBrhaM

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) January 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जनरल पांडे ने कहा, 'हमारा ध्यान सद्भावना पैदा करने और विकासात्मक परियोजनाओं को पूरा करने पर भी केंद्रित है, जिनके माध्यम से हम स्थानीय आबादी को मुख्यधारा में ला सकते हैं. इसके तहत प्रभावशाली युवाओं को उनकी पसंद के पेशेवर क्षेत्रों और खेलों में अपने सपनों को पूरा करने के अवसर दिए जा रहे हैं.' उन्होंने पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि स्थिति में सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि सेना ने हिंसा को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और कई उग्रवादी समूहों ने सरकार के साथ शांति समझौता कर लिया है या इस दिशा में बातचीत चल रही है. थलसेना प्रमुख ने कहा कि इन क्षेत्रों के विकास में तेजी आई है और सेना दूरदराज के इलाकों में लोगों को सशक्त एवं समृद्ध बनाने में मदद करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगी.

जनरल पांडे ने भू-राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर भारतीय सेना में सुधारों के बारे में कहा कि वैश्विक सुरक्षा माहौल में पिछले साल बदलाव दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष ने विंध्वसकारी और दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों के महत्व को स्पष्ट रूप से साबित किया है. उन्होंने कहा, 'सूचना के इस्तेमाल वाला युद्ध, साइबर युद्ध और अंतरिक्ष युद्ध नए युद्ध क्षेत्र के रूप में उभरे हैं. ग्रे जोन (युद्ध एवं शांति के बीच की स्थिति) युद्ध ने भी यह साबित कर दिया है कि भविष्य में युद्धों और संघर्षों में 'नॉन काइनेटिक' (प्रत्यक्ष युद्ध न करके साइबर, खुफिया या अन्य माध्यमों से युद्ध करना और प्रतिद्वंद्वी के मनोबल को कमजोर करना) युद्ध भी 'काइनेटिक' (प्रत्यक्ष) युद्ध जितना महत्वपूर्ण होगा. इस वजह से युद्ध का मैदान अधिक जटिल, भयंकर और खतरनाक होता जा रहा है.'

थल सेना प्रमुख पांडे ने कहा कि व्यापक राष्ट्रीय शक्ति का एक महत्वपूर्ण घटक होने के नाते भारतीय सेना की यह जिम्मेदारी है कि वह हर स्थिति के लिए तैयार रहे. थलसेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्म-निर्भर भारत' के आह्वान के अनुरूप स्वदेशीकरण पर जोर दिया. जनरल पांडे ने कहा कि सुरक्षा के मामले में राष्ट्रीय प्रगति में कोई बाधा पैदा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अपनी अभियानगत तैयारियों को बढ़ावा देने के लिए बदलाव की एक बड़ी प्रक्रिया शुरू की है. जनरल पांडे ने कहा, 'हम अपने युद्धक दलों को एकीकृत युद्धक समूहों में बदलने की योजना बना रहे हैं, जो हमारे भविष्य के युद्धों में महत्वपूर्ण योगदान देंगे. पुराने प्रतिष्ठानों और इकाइयों को भंग किया जा रहा है या उपयुक्त बदलाव के जरिए उन्हें नया आकार दिया जा रहा है.'

ये भी पढ़ें : Jaishankar On Indian Foreign Policy : भारत की जवाबी प्रतिक्रिया ने दर्शाया है कि देश किसी के दबाव में नहीं आयेगा : जयशंकर

थलसेना प्रमुख ने कहा कि प्राथमिक ध्यान यह सुनिश्चित करने पर होगा कि जवान भावी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार और सुसज्जित हों. जनरल पांडे ने कहा कि आधुनिक हथियारों और उपकरणों के प्रावधान करना इसका अविभाज्य हिस्सा हैं और सेना इसके स्वदेशी समाधान के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, 'आत्मनिर्भरता के जरिए विकास हमारा नया मंत्र होगा.' उन्होंने कहा, 'हमें विश्वास है कि भारतीय सेना भारतीय समाधानों के जरिए भविष्य के युद्ध लड़ेगी और जीतेगी.' जनरल पांडे ने अग्निपथ योजना को मानव संसाधन विकास में एक ऐतिहासिक और प्रगतिशील कदम बताते हुए कहा, 'हमने भर्ती प्रक्रिया को स्वचालित कर दिया है. भर्ती के दौरान हमें देश भर के युवाओं से अच्छी प्रतिक्रिया मिली.'

उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के प्रशिक्षण को और प्रभावी बनाने के लिए सेना आधुनिक प्रशिक्षण तंत्र का उपयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के चयन के लिए एक मजबूत, पारदर्शी और स्वचालित प्रक्रिया विकसित की गई है।जनरल पांडे ने महिला अग्निवीरों की भर्ती के संबंध में बताया कि इस वर्ष मार्च से अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा और भारतीय सेना महिलाओं को सशक्त बनाना जारी रखेगी. थलसेना प्रमुख ने कहा, 'इसके अलावा, भारतीय सेना अंतरराष्ट्रीय रक्षा सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जिसमें हमारे प्रशिक्षण संस्थान शामिल हैं. इससे हमारे मित्र राष्ट्रों के 3,000 से अधिक अधिकारी और कर्मी लाभान्वित हुए हैं.' जनरल पांडे ने कहा, 'हमारे 11 भारतीय सैन्य प्रशिक्षण दल मित्र राष्ट्रों के साथ संबंध मजबूत कर रहे हैं. आठ शांति मिशन में 5,800 से अधिक संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों को तैनात किया गया है.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सेना दिवस के मौके पर भारतीय सेना की तारीफ करते हुए कहा कि सैनिकों ने हमेशा देश को सुरक्षित रखा है और संकट के समय सेवा के लिए व्यापक रूप से उनकी प्रशंसा की जाती है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि सेना दिवस पर, मैं सभी सैन्यकर्मियों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देता हूं. प्रत्येक भारतीय को हमारी सेना पर गर्व है और हम अपने सैनिकों के हमेशा आभारी रहेंगे. मोदी ने कहा कि उन्होंने हमेशा हमारे देश को सुरक्षित रखा है तथा संकट के समय सेवा के लिए उनकी व्यापक रूप से प्रशंसा की जाती है.

बता दें कि दिल्‍ली में होने वाली सेना दिवस परेड (Army Day Parade) पहली बार राष्ट्रीय राजधानी से बाहर हो रही है. बेंगलुरु के एमईजी एंड सेंटर के परेड ग्राउंड में सेना दिवस परेड का आयोजन किया गया. 1949 में समारोह शुरू होने के बाद से इसका आयोजन पहली बार दिल्ली के बाहर हो रहा है. इस दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे परेड की समीक्षा की और वीरता पुरस्कार प्रदान किया.

ये भी पढ़ें : PM Modi on leveraging power of science: भारत के युवा पृथ्वी को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान की शक्ति का लाभ उठा रहे : प्रधानमंत्री

(इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Jan 15, 2023, 5:27 PM IST
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