लद्दाख: थलसेना प्रमुख एमएम नरवणे शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे. यहां उन्होंने पूर्वी लद्दाख से सटी चीन सीमा (एलएसी) पर भारतीय सेना की तैयारियों का जायजा लिया. इसके अलावा उन्होंने रेजांगला युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
इस दौरान उन्होंने भारत-चीन सीमा पर गतिरोध को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीनों में स्थिति काफी सामान्य रही है. हमें उम्मीद है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में 13वें दौर की वार्ता होगी और हम इस बात पर आम सहमति पर पहुंचेंगे कि सेना कैसे कम हो. नरवणे ने कहा कि दोनों देश सभी बिन्दुओं को हल करने की कोशिश करेंगे.उन्होंने आगे कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम अपने मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझा सकते हैं.
लद्दाख दौरे पर गए थलसेना प्रमुख ने कहा कि चीनी सेना ने हमारे पूर्वी कमान तक पूरे पूर्वी लद्दाख और उत्तरी मोर्चे पर काफी संख्या में तैनाती की है. निश्चित रूप से अग्रिम क्षेत्रों में उनकी तैनाती में वृद्धि हुई है जो हमारे लिए चिंता का विषय है, लेकिन हम उनकी सभी गतिविधियों पर नियमित रूप से नजर रख रहे हैं. मिली जानकारी के आधार पर, हम बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सैनिकों के मामले में भी समान विकास कर रहे हैं, जो किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए आवश्यक हैं. फिलहाल, हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
सभी स्तरों पर बातचीत जारी
हालांकि, आर्मी चीफ ने बताया कि सीमा पर स्थिति अभी नियंत्रण में है. हम नियमित जांच करते हैं. चीन से सीमा विवाद निपटाने के लिए सभी स्तरों पर बातचीत जारी है. अभी तक 12 दौर की बातचीत हो चुकी है. जल्द ही 13वें दौर की बातचीत होगी. हमें उम्मीद है कि जल्द ही सभी मुद्दे निपट जाएंगे.
पाकिस्तान पर भी बोले आर्मी चीफ
जनरल नरवणे ने कहा, पाकिस्तान के साथ सीजफायर समझौता काफी अच्छा रहा. लेकिन पिछले 2 महीने से घुसपैठ की कोशिशें बड़ी हैं. पाकिस्तानी सेना की जानकारी के बिना घुसपैठ की कोशिशें नहीं हो सकती हैं. हमने हर स्तर पर बात की है और इसपर चिंता व्यक्त की.