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चीता, चेतक हेलीकॉप्टर को 2027 से चरणबद्ध तरीके से सेवा से हटाने पर विचार कर रही सेना

चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों की जगह हल्के हेलीकॉप्टर शामिल किए जाएंगे. सेना चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों को 2027 से हटाने पर विचार कर रही है. Cheetah Chetak helicopters, Army Aviation Corps, Army Aviation, phasing out Cheetah Chetak helicopters from 2027.

Cheetah Chetak helicopters
चीता, चेतक हेलीकॉप्टर
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By PTI

Published : Nov 7, 2023, 10:51 PM IST

नई दिल्ली : सेना चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के अपने पुराने बेड़े को 2027 से चरणबद्ध तरीके से सेवा से हटाने पर विचार कर रही है और इनके स्थान पर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर को शामिल करने के साथ-साथ पट्टे पर लेने के विकल्प तलाशने पर विचार कर रही है. यह जानकारी सूत्रों ने दी.

सूत्रों ने बताया कि आर्मी एविएशन कोर वर्तमान में लगभग 190 चेतक, चीता और चीतल हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है. सेना को लगभग 100 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) मिलेंगे, साथ ही वह अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए हेलीकॉप्टर लीज पर लेने के विकल्प पर भी विचार कर रही है.

एक सूत्र ने कहा, 'हमें टोही और निगरानी गतिविधियों के लिए लगभग 250 हल्के हेलीकॉप्टर की आवश्यकता है. इनमें से लगभग 100 से अधिक लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर होंगे और एचएएल के पास आज की क्षमता को देखते हुए, हमें चीता और चेतक के पूरे बेड़े को बदलने के लिए वैकल्पिक साधनों पर भी विचार करना होगा.'

एलयूएच का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) करता है. सूत्र ने कहा, 'हम कुछ अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जैसे पट्टे के विकल्प, जिसके तहत हम कुछ वर्षों के लिए कुछ हेलीकॉप्टर पट्टे पर लेते हैं, और बाद में यदि एचएएल शेष संख्या का निर्माण करने में सक्षम होता है, तो शायद हम एचएएल से भी ले सकते हैं. हालांकि जोर स्वदेशीकरण और देश के भीतर से हेलीकॉप्टर लेने पर है.'

चीता और चेतक हेलीकॉप्टर बदलने की समयसीमा लगभग 10-12 वर्ष होने की उम्मीद है. सूत्रों ने यह भी कहा कि उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) में डिजाइन के मुद्दों को सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा कि लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) को ऑटो-पायलट के साथ लैस किया जा रहा है और ये 2024 के अंत तक आपूर्ति के लिए तैयार हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि ऑटो पायलट युक्त एलयूएच पर परीक्षण चल रहा है.

जानकारी मिली है कि पहले एलयूएच में ऑटो-पायलट के ‘फिटमेंट’ को लेकर कुछ दिक्कतें थीं. आर्मी एविएशन कोर के पास वर्तमान में तीन ब्रिगेड हैं - दो उत्तरी सीमा पर, और एक पश्चिमी सीमा पर, साथ ही इसकी एक और ब्रिगेड बनाने की भी योजना बनाई जा रही है

सूत्रों ने कहा कि आर्मी एविएशन अगले साल अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर को शामिल करने की संभावना तलाश रही है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एकीकृत हथियार प्रणाली) को हेलिना मिसाइल से लैस करने का कार्य प्रगति पर है. आर्मी एविएशन कोर ने हाल ही में अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया था.

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नई दिल्ली : सेना चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के अपने पुराने बेड़े को 2027 से चरणबद्ध तरीके से सेवा से हटाने पर विचार कर रही है और इनके स्थान पर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर को शामिल करने के साथ-साथ पट्टे पर लेने के विकल्प तलाशने पर विचार कर रही है. यह जानकारी सूत्रों ने दी.

सूत्रों ने बताया कि आर्मी एविएशन कोर वर्तमान में लगभग 190 चेतक, चीता और चीतल हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है. सेना को लगभग 100 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) मिलेंगे, साथ ही वह अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए हेलीकॉप्टर लीज पर लेने के विकल्प पर भी विचार कर रही है.

एक सूत्र ने कहा, 'हमें टोही और निगरानी गतिविधियों के लिए लगभग 250 हल्के हेलीकॉप्टर की आवश्यकता है. इनमें से लगभग 100 से अधिक लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर होंगे और एचएएल के पास आज की क्षमता को देखते हुए, हमें चीता और चेतक के पूरे बेड़े को बदलने के लिए वैकल्पिक साधनों पर भी विचार करना होगा.'

एलयूएच का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) करता है. सूत्र ने कहा, 'हम कुछ अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जैसे पट्टे के विकल्प, जिसके तहत हम कुछ वर्षों के लिए कुछ हेलीकॉप्टर पट्टे पर लेते हैं, और बाद में यदि एचएएल शेष संख्या का निर्माण करने में सक्षम होता है, तो शायद हम एचएएल से भी ले सकते हैं. हालांकि जोर स्वदेशीकरण और देश के भीतर से हेलीकॉप्टर लेने पर है.'

चीता और चेतक हेलीकॉप्टर बदलने की समयसीमा लगभग 10-12 वर्ष होने की उम्मीद है. सूत्रों ने यह भी कहा कि उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) में डिजाइन के मुद्दों को सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा कि लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) को ऑटो-पायलट के साथ लैस किया जा रहा है और ये 2024 के अंत तक आपूर्ति के लिए तैयार हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि ऑटो पायलट युक्त एलयूएच पर परीक्षण चल रहा है.

जानकारी मिली है कि पहले एलयूएच में ऑटो-पायलट के ‘फिटमेंट’ को लेकर कुछ दिक्कतें थीं. आर्मी एविएशन कोर के पास वर्तमान में तीन ब्रिगेड हैं - दो उत्तरी सीमा पर, और एक पश्चिमी सीमा पर, साथ ही इसकी एक और ब्रिगेड बनाने की भी योजना बनाई जा रही है

सूत्रों ने कहा कि आर्मी एविएशन अगले साल अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर को शामिल करने की संभावना तलाश रही है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एकीकृत हथियार प्रणाली) को हेलिना मिसाइल से लैस करने का कार्य प्रगति पर है. आर्मी एविएशन कोर ने हाल ही में अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया था.

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