कानपुर: अमेठी के आरिफ और उसके दोस्त सारस की दोस्ती के किस्से सोशल मीडिया पर खूब देखे और पढ़े गए. अब यह सारस अपने दोस्त आरिफ से जुदा होकर कानपुर प्राणीउद्यान में रह रहा है. कहा जा रहा था कि इस सारस को यहां से प्राकृतिक आवास में भेजा जाएगा लेकिन कानपुर प्राणीउद्यान ने फिलहाल यह फैसला टाल दिया है. प्राणीउद्यान का कहना है कि इस सारस को इंसानों के बीच छोड़ना खतरे से खाली नहीं होगा. इस वजह से उसे फिलहाल कानपुर प्राणी उद्यान में रखा जाएगा. वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों का मानना है, अगर उसे प्राकृतिक आवास में भेजा गया तो वह किसी वन्यजीव का शिकार बन सकता है.
सारस के बदले स्वभाव को लेकर कानपुर जू के निदेशक केके सिंह ने बताया कि सारस जब अमेठी से यहां लाया गया था, तब उसे मैगी, खिचड़ी दी जा रही थी, तब जमीन पर खाना देना पड़ता था। सारस की आदत थी वह हाथों से ही भोजन करता था. हालांकि, अब वह कच्चा अनाज खा रहा है. किसी आदमी को देखते ही, उसकी ओर बिना भय के दौड़ने लगता है इसलिए, अब उसकी बेहतर देखरेख कानपुर जू में की जा रही है. लगातार स्टडी का काम चल रहा है. शासन को भी वरिष्ठ पक्षी वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट भेज दी है.
यूपी में सारस पर एक नजर
आरिफ और सारस की दोस्ती के बाद सारस चर्चा का विषय बन गया है. अगर बात यूपी की करें तो आपको बता दें कि प्रदेश में सर्वाधिक सारस इटावा और औरैया जैसे जिलों में पाए जाते हैं. वहीं दूसरे नंबर पर मैनपुरी है. यदि बीते दस सालों में सारस की आबादी पर नजर डालें तो पाएंगे 2021 तक इनकी संख्या बढ़कर 17665 हो चुकी है. यह वन्य जीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है. आरिफ और सारस की दोस्ती के बाद कई जगह से इंसानों और सारस के बीच दोस्ती के मामले सामने आने लगे हैं. सारस जैसे वन्य जीव के लिए ये काफी राहत वाली बात है.
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