नई दिल्ली : कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में शुक्रवार को आंतरिक चुनावों के मामले को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच तीखी बहस हुई. असंतुष्ट नेताओं ने जहां जल्द से जल्द पार्टी के भीतर चुनाव कराने की मांग की, वहीं गांधी परिवार के करीबी नेताओं ने तर्क दिया कि देश में पार्टी के सामने कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है.
सूत्रों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मई में एआईसीसी सत्र आयोजित करने का फैसला किया है. साथ ही सीडब्ल्यूसी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी के संविधान के अनुसार, आंतरिक चुनावों की तारीखों को तय करने के लिए अधिकृत किया है.
कहा जा रहा है कि पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने मांग की कि कांग्रेस कार्यसमिति और केंद्रीय चुनाव समिति के लिए चुनाव होने चाहिए.
बता दें कि आजाद और शर्मा का नाम उन असंतुष्ट नेताओं में शामिल है, जिन्होंने पार्टी में संगठनात्मक सुधार को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. हालांकि, इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसी का नाम लिए बिना असंतुष्टों पर निशाना साधा. गहलोत ने कहा, जो लोग बार-बार पार्टी के भीतर आंतरिक चुनावों की मांग कर रहे हैं, उन्हें यह महसूस करना चाहिए कि देश में और भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिन पर पार्टी को ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
गहलोत ने असंतुष्टों से भी सवाल किया कि क्या उन्हें पार्टी नेतृत्व पर कोई संदेह है? गहलोत की इस टिप्पणी से आनंद शर्मा खफा हो गए. उन्होंने कहा कि उनमें से किसी भी नेता ने कभी भी सोनिया गांधी या राहुल गांधी पर संदेह नहीं जताया है. शर्मा ने कहा कि कुछ नेताओं को निशाना बनाने के लिए अब कांग्रेस में एक 'ट्रेंड' बन गया है.
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इस पर, कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने शर्मा को यह कहते हुए रोका कि गहलोत ने अपने संबोधन में किसी का नाम नहीं लिया. सोनी ने गहलोत द्वारा उठाई गई चिंताओं का भी समर्थन किया. हालांकि, राहुल गांधी ने यह कहकर इस बहस को समाप्त कर दिया कि वह वरिष्ठ नेताओं और उनकी चिंताओं दोनों का सम्मान करते हैं. साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी में आंतरिक चुनाव कराना जरूरी है और इसके लिए तारीख को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, ताकि यह मामला दोबारा सामने न आए.