नई दिल्ली : असम में 27 लाख लोगों के आधारकार्ड के लिए पंजीकरण की मांग (Demanding AADHAAR enrollment of 27 lakh people in Assam) करते हुए, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) में मुख्य याचिकाकर्ता असम लोक निर्माण (APW) ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है. उन्होंने अपनी याचिका में उन लोगों के बायोमेट्रिक डेटा को जारी करने के निर्देश की मांग की है, जिनके बायोमेट्रिक्स एनआरसी प्रक्रिया के दावों और आपत्तियों की सुनवाई के दौरान एकत्र किए गए थे.
ईटीवी भारत से बात करते हुए APW के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने कहा कि NRC के दावों और आपत्तियों की अवधि के दौरान 27 लाख से अधिक आवेदकों के बायोमेट्रिक डेटा एकत्र किए गए थे. इन आवेदकों में से लगभग 19 लाख आवेदकों के नाम अगस्त 2019 में प्रकाशित समावेशन की पूरक सूची में शामिल नहीं थे. तब से इन 27 लाख से अधिक आवेदकों के बायोमेट्रिक डेटा को लॉक कर दिया गया है. जिसके कारण उन 27 लाख से अधिक आवेदकों के पास अपना आधार नंबर नहीं है.
मंगलवार को शीर्ष अदालत में हलफनामा दाखिल करते हुए APW ने शीर्ष अदालत से अपील की है कि वह संबंधित अधिकारियों को उस व्यक्ति को आधार नंबर जारी करने का निर्देश दे, जिसका बायोमेट्रिक्स NRC प्रक्रिया के दावों और आपत्तियों की सुनवाई के दौरान एकत्र किए गए थे. शर्मा ने कहा कि 27 लाख लोगों की आधार संख्या तभी जारी की जा सकती है, जब NRC प्रक्रिया के दौरान ली गई उनकी बायोमेट्रिक जानकारी अधिकारियों द्वारा जारी की जाएगी.
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उन्होंने कहा कि आधार जारी न होने से इन सभी लोगों को बुनियादी सरकारी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं. आधार वयस्कों के लिए योग्य है, बाल आधार पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए निर्धारित है. NRI और 12 महीने से अधिक समय से भारत में रहने वाले विदेशी आधार के लिए पात्र हैं. लेकिन विडंबना यह है कि वास्तविक भारतीय होने के बावजूद लाखों लोग आधार संख्या से वंचित हैं.