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असम में सियासी डफली पर नेताओं का अपना-अपना राग, एक दूसरे के घोटालों के दिखा रहे 'दाग'

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Published : Mar 24, 2021, 5:57 PM IST

असम में चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. पिछले चुनाव की तरह इस बार भी भ्रष्टाचार और घोटाले चुनावी मुद्दा हैं, लेकिन फर्क इतना है कि इस बार कांग्रेस भी असम में पहली बार सरकार बनाने वाली बीजेपी को घोटोलों का आइना दिखा रही है.

असम चुनाव में घोटालों का राग
असम चुनाव में घोटालों का राग

हैदराबाद : असम की 126 विधानसभा सीटों पर तीन चरण में वोटिंग होनी है. 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले सियासी दल प्रचार में जुटे हैं. कांग्रेस और बीजेपी के बीच वार-पलटवार का दौर चल रहा है, जिससे यहां का सियासी माहौल गर्मा गया है.

चुनावी चुस्की के साथ घोटालों का राग

असम अपने चाय बागानों के लिए जाना जाता है. असम की चाय दुनियाभर में मशहूर है, लेकिन मौजूदा दौर में चल रहे चुनावी समर में यहां चाय की चुस्की से ज्यादा चुनावी चुस्की का बोल बाला है और इसी चुनावी चुस्की के साथ नेताओं को एक-दूसरे के राज में हुए घोटालों की याद भी आ गई है. ऐसे में सब अपनी-अपनी ढफली पर घोटालों के राग गा रहे हैं.

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खिला था कमल

दरअसल, 2016 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जिन मुद्दों के सहारे चुनाव लड़ा था. उनमें कांग्रेस राज में हुए भ्रष्टाचार को प्रमुख हथियार बनाया था. जिसका नतीजा रहा कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने 126 में से 86 सीटें जीतकर असम में पहली बार सरकार बनाई थी. जिसके बाद सर्बानंद सोनोवाल ने असम के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली. 5 साल बाद फिर से चुनाव हैं और फिर से घोटाले, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे चर्चा में हैं. इस बार कांग्रेस बीजेपी को उसका वादा और उसके राज में हुए घोटाले की याद दिला रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने असम दौरे के दौरान बीजेपी को घोटालों की याद दिलाई.

असम में नौकरी के बदले रुपये लेने जैसे घोटाले बीजेपी से लेकर कांग्रेस राज में सामने आए हैं. इनमें से सबसे प्रमुख है बीजेपी शासन काल में असम में हुआ सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला और कांग्रेस राज में असम लोक सेवा आयोग (Assam public service commission) में हुआ घोटाला. आखिर क्या थे ये दो घोटाले आपको विस्तार से बताते हैं.

1. असम में सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला

I) अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे थे और पेपर रद्द हो गया

असम में सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला मौजूदा बीजेपी सरकार के राज में साल 2020 में सामने आया था. इस भर्ती के तहत असम पुलिस में 579 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती होनी थी. जिसके लिए 66 हजार से अधिक युवाओं ने आवेदन भी किया था. 20 सितंबर 2020 को परीक्षा की तारीख तय थी, लेकिन उसी दिन परीक्षा रद्द कर दी गई. दरअसल, सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. जिसे देखते हुए परीक्षा रद्द कर दी गई. जिस वक्त परीक्षा रद्द की गई उस वक्त 66,000 से अधिक अभ्यर्थी पेपर दे रहे थे.

क्या था सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला
क्या था सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला

II) मामले में अब तक क्या हुआ ?

पेपर रद्द होने के बाद मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य स्तरीय पुलिस भर्ती बोर्ड को एक महीने के भीतर नए सिरे से दोबारा परीक्षा करवाने के आदेश दिए. सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले की जांच CID को सौंप दी गई. जिसमें अब तक कुल 36 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. जिसमें रिटायर्ड डीआईजी पीके दत्ता और तत्कालीन एसपी कुमार संजीत कृष्ण भी शामिल हैं.

सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले में अब तक?
सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले में अब तक?

इस मामले को लेकर सीआईडी ने असम के 24 जिलों में कई जगह छापेमारी के दौरान करीब 6 करोड़ रुपये कैश बरामद किया. बताया गया कि ये पैसा सब-इंस्पेक्टर भर्ती में शामिल होने वाले उम्मीदवारों से नौकरी के बदले लिया गया था. सीआईडी ने दिसंबर 2020 में 2600 से अधिक पन्नों की चार्जशीट और 1721 पेज की केस डायरी कोर्ट में पेश कर दी. इस चार्जशीट में 36 लोगों का नाम शामिल था. सभी फिलहाल सलाखों के पीछे हैं.

2. असम में लोक सेवा आयोग घोटाला

असम का ये घोटाला नौकरी के लिए नकदी घोटाले के रूप में भी जाना जाता है. ये प्रदेश के सबसे बड़े घोटालों में से एक है. जो साल 2016 में असम लोक सेवा आयोग (APSC) में कांग्रेस की तरुण गोगोई सरकार के दौरान हुआ. बीजेपी की सरकार बनने के बाद ये घोटाला सबके सामने आया.

असम का APSC घोटाला
असम का APSC घोटाला

I) एक डेंटिस्ट की वजह से घोटाला आया सामने

असम लोक सेवा आयोग में हुआ ये घोटाला एक महिला डेंटिस्ट की वजह से सामने आया था. दरअसल, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के एक इंजीनियर ने मेडिकल कॉलेज में डेंटिस्ट की नौकरी के लिए महिला से 10 लाख रुपये की मांग की थी. चयन के लिए होने वाली परीक्षा APSC द्वारा आयोजित की गई थी. महिला डेंटिस्ट ने इसकी सूचना डिब्रूगढ़ पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के इंजीनियर को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. जिसके बाद इस घोटालें की परतें खुलने लगीं.

कैसे खुला घोटाले का राज?
कैसे खुला घोटाले का राज?

II) मामले में हुई गिरफ्तारियां?

पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की. जिसके बाद APSC के कार्यालय में लगातार छापेमारी और पूछताछ का लंबा दौर चला. SIT ने APSC चेयरमैन राकेश पॉल के साथ आयोग के सदस्य समेदुर रहमान, बसंत डोले और एग्जाम कंट्रोलर समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

APSC घोटाले में अब तक क्या हुआ?
APSC घोटाले में अब तक क्या हुआ?

III) अभ्यर्थियों की राइटिंग नहीं हुई मैच

SIT ने 990 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं को फॉरेंसिक जांच के लिए हैदराबाद भेजा. जांच में कई अभ्यर्थियों की हैंड राइटिंग मैच नहीं हुई. जिसके बाद एसआईटी ने 30 से ज्यादा नव नियुक्त अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर लिया और अदालत में पेश कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इन लोगों ने 2016 में एपीएससी की परीक्षा दी थी, लेकिन जांच के दौरान उनकी लिखावट परीक्षा की कॉपियों की लिखावट से अलग मिली, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.

IV) बड़े नेताओं के घर तक पहुंची जांच की आंच

SIT की तरफ से हैंड राइटिंग मैच ना होने पर जिन 30 से ज्यादा नव नियुक्त अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया, उसमें तेजपुर के तत्कालीन बीजेपी सांसद आरपी शर्मा की बेटी और बीजेपी सांसद राजेन गोहांन का रिश्तेदार भी शामिल था.

कुल मिलाकर असम चुनाव में इस बार भ्रष्टाचार भी मुद्दा है, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपनी-अपनी डफली पर भ्रष्टाचार का राग गा रहे हैं. दोनों दल एक-दूसरे को आइना दिखा रहे हैं. 2 मई को नतीजे बताएंगे कि किसकी डफली पर गाया भ्रष्टाचार का राग जनता को पसंद आया.

हैदराबाद : असम की 126 विधानसभा सीटों पर तीन चरण में वोटिंग होनी है. 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले सियासी दल प्रचार में जुटे हैं. कांग्रेस और बीजेपी के बीच वार-पलटवार का दौर चल रहा है, जिससे यहां का सियासी माहौल गर्मा गया है.

चुनावी चुस्की के साथ घोटालों का राग

असम अपने चाय बागानों के लिए जाना जाता है. असम की चाय दुनियाभर में मशहूर है, लेकिन मौजूदा दौर में चल रहे चुनावी समर में यहां चाय की चुस्की से ज्यादा चुनावी चुस्की का बोल बाला है और इसी चुनावी चुस्की के साथ नेताओं को एक-दूसरे के राज में हुए घोटालों की याद भी आ गई है. ऐसे में सब अपनी-अपनी ढफली पर घोटालों के राग गा रहे हैं.

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खिला था कमल

दरअसल, 2016 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जिन मुद्दों के सहारे चुनाव लड़ा था. उनमें कांग्रेस राज में हुए भ्रष्टाचार को प्रमुख हथियार बनाया था. जिसका नतीजा रहा कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने 126 में से 86 सीटें जीतकर असम में पहली बार सरकार बनाई थी. जिसके बाद सर्बानंद सोनोवाल ने असम के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली. 5 साल बाद फिर से चुनाव हैं और फिर से घोटाले, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे चर्चा में हैं. इस बार कांग्रेस बीजेपी को उसका वादा और उसके राज में हुए घोटाले की याद दिला रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने असम दौरे के दौरान बीजेपी को घोटालों की याद दिलाई.

असम में नौकरी के बदले रुपये लेने जैसे घोटाले बीजेपी से लेकर कांग्रेस राज में सामने आए हैं. इनमें से सबसे प्रमुख है बीजेपी शासन काल में असम में हुआ सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला और कांग्रेस राज में असम लोक सेवा आयोग (Assam public service commission) में हुआ घोटाला. आखिर क्या थे ये दो घोटाले आपको विस्तार से बताते हैं.

1. असम में सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला

I) अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे थे और पेपर रद्द हो गया

असम में सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला मौजूदा बीजेपी सरकार के राज में साल 2020 में सामने आया था. इस भर्ती के तहत असम पुलिस में 579 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती होनी थी. जिसके लिए 66 हजार से अधिक युवाओं ने आवेदन भी किया था. 20 सितंबर 2020 को परीक्षा की तारीख तय थी, लेकिन उसी दिन परीक्षा रद्द कर दी गई. दरअसल, सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. जिसे देखते हुए परीक्षा रद्द कर दी गई. जिस वक्त परीक्षा रद्द की गई उस वक्त 66,000 से अधिक अभ्यर्थी पेपर दे रहे थे.

क्या था सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला
क्या था सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला

II) मामले में अब तक क्या हुआ ?

पेपर रद्द होने के बाद मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य स्तरीय पुलिस भर्ती बोर्ड को एक महीने के भीतर नए सिरे से दोबारा परीक्षा करवाने के आदेश दिए. सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले की जांच CID को सौंप दी गई. जिसमें अब तक कुल 36 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. जिसमें रिटायर्ड डीआईजी पीके दत्ता और तत्कालीन एसपी कुमार संजीत कृष्ण भी शामिल हैं.

सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले में अब तक?
सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले में अब तक?

इस मामले को लेकर सीआईडी ने असम के 24 जिलों में कई जगह छापेमारी के दौरान करीब 6 करोड़ रुपये कैश बरामद किया. बताया गया कि ये पैसा सब-इंस्पेक्टर भर्ती में शामिल होने वाले उम्मीदवारों से नौकरी के बदले लिया गया था. सीआईडी ने दिसंबर 2020 में 2600 से अधिक पन्नों की चार्जशीट और 1721 पेज की केस डायरी कोर्ट में पेश कर दी. इस चार्जशीट में 36 लोगों का नाम शामिल था. सभी फिलहाल सलाखों के पीछे हैं.

2. असम में लोक सेवा आयोग घोटाला

असम का ये घोटाला नौकरी के लिए नकदी घोटाले के रूप में भी जाना जाता है. ये प्रदेश के सबसे बड़े घोटालों में से एक है. जो साल 2016 में असम लोक सेवा आयोग (APSC) में कांग्रेस की तरुण गोगोई सरकार के दौरान हुआ. बीजेपी की सरकार बनने के बाद ये घोटाला सबके सामने आया.

असम का APSC घोटाला
असम का APSC घोटाला

I) एक डेंटिस्ट की वजह से घोटाला आया सामने

असम लोक सेवा आयोग में हुआ ये घोटाला एक महिला डेंटिस्ट की वजह से सामने आया था. दरअसल, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के एक इंजीनियर ने मेडिकल कॉलेज में डेंटिस्ट की नौकरी के लिए महिला से 10 लाख रुपये की मांग की थी. चयन के लिए होने वाली परीक्षा APSC द्वारा आयोजित की गई थी. महिला डेंटिस्ट ने इसकी सूचना डिब्रूगढ़ पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के इंजीनियर को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. जिसके बाद इस घोटालें की परतें खुलने लगीं.

कैसे खुला घोटाले का राज?
कैसे खुला घोटाले का राज?

II) मामले में हुई गिरफ्तारियां?

पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की. जिसके बाद APSC के कार्यालय में लगातार छापेमारी और पूछताछ का लंबा दौर चला. SIT ने APSC चेयरमैन राकेश पॉल के साथ आयोग के सदस्य समेदुर रहमान, बसंत डोले और एग्जाम कंट्रोलर समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

APSC घोटाले में अब तक क्या हुआ?
APSC घोटाले में अब तक क्या हुआ?

III) अभ्यर्थियों की राइटिंग नहीं हुई मैच

SIT ने 990 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं को फॉरेंसिक जांच के लिए हैदराबाद भेजा. जांच में कई अभ्यर्थियों की हैंड राइटिंग मैच नहीं हुई. जिसके बाद एसआईटी ने 30 से ज्यादा नव नियुक्त अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर लिया और अदालत में पेश कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इन लोगों ने 2016 में एपीएससी की परीक्षा दी थी, लेकिन जांच के दौरान उनकी लिखावट परीक्षा की कॉपियों की लिखावट से अलग मिली, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.

IV) बड़े नेताओं के घर तक पहुंची जांच की आंच

SIT की तरफ से हैंड राइटिंग मैच ना होने पर जिन 30 से ज्यादा नव नियुक्त अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया, उसमें तेजपुर के तत्कालीन बीजेपी सांसद आरपी शर्मा की बेटी और बीजेपी सांसद राजेन गोहांन का रिश्तेदार भी शामिल था.

कुल मिलाकर असम चुनाव में इस बार भ्रष्टाचार भी मुद्दा है, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपनी-अपनी डफली पर भ्रष्टाचार का राग गा रहे हैं. दोनों दल एक-दूसरे को आइना दिखा रहे हैं. 2 मई को नतीजे बताएंगे कि किसकी डफली पर गाया भ्रष्टाचार का राग जनता को पसंद आया.

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