नई दिल्ली: पटाखों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दिल्ली सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में नई अर्जी दाखिल की गई है. आवेदकों का आरोप है कि दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री (sale of firecrackers) और फोड़ने पर प्रतिबंध धार्मिक परंपरा पर हमला है. जय भगवान गोयल, सुभाष चंद और मीनू वर्मा ने संयुक्त रूप से कोर्ट में अर्जी दाखिल की है.
आवेदकों का तर्क है कि प्रतिबंध विस्फोटक नियम 2008 (Ban Explosive Rules 2008), पिछले साल के शीर्ष अदालत के फैसले का उल्लंघन है और प्रतिबंध के संबंध में कोई आधिकारिक प्रस्ताव पारित नहीं किया गया था. इसमें आरोप लगाया गया कि सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने सिर्फ प्रतिबंध की घोषणा की और इसके बारे में कोई आधिकारिक प्रस्ताव पारित नहीं किया.
उनका तर्क है कि सरकार को हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है, करोड़ों लोग बेरोजगार हो रहे हैं, क्योंकि पटाखों की दुकानों को लाइसेंस नहीं दिया जा रहा है.
पढ़ें: SC का फैसला, 'एजुकेशनल ट्रस्ट का संबंध केवल शिक्षा से, लाभ से नहीं'
इसने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आदेश का भी हवाला दिया जिसने पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. आवेदकों ने कहा कि यह पटाखे फोड़ने की धार्मिक परंपरा पर हमला है. इस सप्ताह मामले की सुनवाई होने की संभावना है.