नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षियों को बचाने के लिए राजस्थान और गुजरात सरकार समेत बिजली वितरकों को इलेक्ट्रिक लाइनों को अंडर-ग्राउंड करने के संबंध में निर्देश दिए. बेंच ने यह भी आदेश दिया कि समिति की सिफारिशों को बिजली-जनरेटर और अन्य हितधारकों द्वारा लागू किया जाएगा. बता दें, इस आदेश के फौरन बाद ओवर हेड पावर लाइनों के अंडर-ग्राउंडिंग की व्यवहार्यता की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन की पीठ एमके रंजीत सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे.
कोर्ट को यह पहले बताया गया था कि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षियों की आबादी 90 फीसदी तक कम हो गई है और वर्तमान समय में केवल राजस्थान और गुजरात के कुछ भागों में ये प्रजातियां पाई जाती हैं. वहीं, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का भी मानना है कि बिजली की लाइनें इनके लिए खतरा हैं.
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इससे इतर सरकार इससे सहमत नहीं थीं. उनका मानना है कि ऐसा करने से खेत में काम करने वाले मजदूरों और किसानों के लिए बड़ा खतरा पैदा होगा. इसके अलावा इलेक्ट्रिक लाइनों को अंडर ग्राउंड करने में ज्यादा खर्च भी आएगा. हालांकि, वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने दलील पेश करते हुए कहा कि भारत में पक्षियों को बचाने के लिए कई स्थानों पर किया गया है. इससे पहले बेंच ने 6 अप्रैल को अपना आदेश सुरक्षित रखा था.